नोएडा प्राधिकरणस्पेशल स्टोरी

नोएडा प्राधिकरण के नए भवन का निर्माण पूरा हो नहीं रहा है और लोग पूछ रहे हैं कि उद्घाटन कब होगा ?

The construction of the new building of Noida Authority is not getting completed and people are asking when will it be inaugurated?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 (नोएडा) : दुनिया के अजुबों में शामिल सभी इमारतें अपने निर्माण के कारण लोगों के लिए आकर्षण को केन्‍द्र हैं। निर्माण कार्य से याद आया कि नोएडा के सेक्‍टर-96 में नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की निर्माणाधीन प्रशासनिक इमारत का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी बार बार संभावित समय सीमा बीत गई हैं। कई सालों बाद भी यह कहना बड़ा मुश्किल है कि यह इमारत कब बनकर पूरी तरह तैयार होगी ? स्थिति यह है कि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारी अभी भी इस संबंध में खुलकर कुछ भी कहने की स्थित में नहीं दिखाई दे रहे हैं। वहीं, आम लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर इस इमारत का उद्घाटन कब होगा ?
क्‍या है पूरा मामला ?
दरअसल, नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का प्रशासनिक कार्यालस सेक्‍टर-6 में स्थित हैं। वर्तमान में जिस तरह से नोएडा शहर का विस्‍तार हुआ है। तेजी से शहरी की जनसंख्‍या और उद्योगों की संख्‍या में बढ़ोत्‍तरी हुई है। प्राधिकरण में कर्मयारियों, अधिकारियों और समस्‍या आगंतुकों की संख्‍या भी बढ़ी है। ऐसे में सेक्‍टर-6 स्थित कार्यालय की इमारत अपर्याप्‍त थी जिसके चलते सेक्‍टर-6 में एक्‍सप्रेस-वे के पास 5 जनवरी 2016 को नोएडा प्राधिकरण की नई इमारत का शिलान्‍यास हुआ। इस इमारत के निर्माण की समय सीमा 2 जनवरी 2019 थी। इसके निर्माण पर 304 करोड़ का बजट खर्च होना था। घटिया काम और नक्‍शे में बार बार किए गए बदलाव के कारण नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की नई इमारत के निर्माण की समय सीमा सीय समय पर लगातार बढ़ाई जा रही है।
नए नए कंसलटेंट इमारत के डिजाइन पर अपने सुझाव दे रहे हैं जिसके बाद नक्‍शें में बदलाव भी किया जा रहा है ( इमारत के कुछ निर्माण हो चुके हिस्‍से में भी बदला किया गया है)। प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्राधिकरण की नई इमारत का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसके बावजूद यह कहना संभव नहीं है कि आखिर कब यह इमारत अपने मू‍र्त रूप को प्राप्‍त करेगी। वहीं, प्राधिकरण ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र भेजकर प्राधिकरण की इमारत के उद्घाटन का समय मांगा है। अपर मुख्‍य सचिव दीपक कुमार प्राधिकरण के अधिकारियों के संग बैठक करने वाले हैं। ऐसे में सभी के यह सोचकर हाथ पैर फूल रहे हैं कि यदि उन्‍होंने प्राधिकरण की नई इमारत के उदघाटन की तारीख के बारे में पूछ लिया तो क्‍या जवाब दिया जाएगा ?
क्‍यों हो रही है देरी ?
दो टावरों के रूप में बन रही नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की नई इमारत भविष्‍य में इसकी निर्माण खामियों के लिए जानी जाएगी। सबसे आश्‍चर्य की बात यह है कि इमारत का 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा होन के बाद पता चला है कि इमारत की छत और इससके पिलरों के बीच सामंजस्‍य नहीं है। यह एक बड़ी मानवीय भूल है। यह बात आश्‍चर्य में डालती है कि जिस प्राधिकरण के जिम्‍मे पूरे नोएएडा की इमारतों की सुरक्षित निर्माण एवं जांच की जिम्‍मेवारी है।
ऐसे में सवाल उठता है कि  जिसके पास बाकायदा एक अभियंत्रिकी विभाग है, वहां ऐसी गलती कैसे हो सकती है। अब इस गलती की भरपाई के लिए पिलरों पर रेट्रो फिटिंग कार्य किया गया है। सूत्रों की माने तो रेट्रो फिटिंग के कार्य में भी चूक हुई है जिसके चलते दोबारा रेट्रो फिटिंग की जा रही है। बता दें कि रेट्रो फिटिंंग रेट्रो फिटिंग का मतलब है किसी इमारत या संरचना में नई तकनीकों और उपकरण जोड़कर उन्‍हें अपग्रेड करना है जिससे इमारत अधिक कुशल, सुरक्षित और टिकाऊ बन सकें। यह ऊर्जा दक्षता बढ़ाने (जैसे इन्सुलेशन या सौर पैनल लगाना), सुरक्षा में सुधार (जैसे भूकंपरोधी उपाय), या नई कार्यक्षमता जोड़ने के लिए किया जाता है।
नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की नई इमारत के निर्माण कार्य में देरी का सबसे मुख्‍य कारण इमारत के पांचवे एवं छठवे तल के नक्‍शे में हो रहा बदलाव है। इन तलों के नक्‍शें में हो रहे बदलाव के कारण बिजली इंटरनेट आदि की फिटिंंग में भी बदलाव किए जा रहे हैं। बता दें कि इन तलों पर प्राधिकरण के सबसे प्रभावशाली अधिकारियों अर्थात सीईओ और एसीईओ के कार्यालय होंगे। इमारत के पोर्श को एयरपोर्ट जैसा लुक देने के लिए अम्रेला जैसा बनाया जाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। वहीं, लगभग बनकर तैयार हो चुके ऑडिटोरियम में भी बदलाव हुआ है। इसमें लगी लगभग तीन सौ से अधिक कुर्सियों को उनके लुक के कारण हटाया गया है। इनके स्‍थान पर नई कुर्सियां लगाई जाएंगी।
वहीं, अभी पूरी इमारत का फर्नीचर भी तय नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्‍त पूरी इमारत का इंटीरियर का काम भी अभी शेष है। ऐसे में प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा इमारत के 90 प्रतिशत कार्य पूरा होने के दावें पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इमारत के नक्‍शे में कोई खामी थी जो निर्माण के बाद बदलाव करना पड़ा रहा है ?  क्‍या इमारत के नक्‍शे को स्‍वीकृत करने में जल्‍दबाजी हुई है ? निर्माण के बदलाव के बाद संसाधनों और धन की हो रही हानि कौन वहन करेगा कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी या प्राधिकरण ? यदि बदलाव के हो रहे पुननिर्माण का भार प्राधिकरण वहन करेगा तो क्‍या यह जनता के पैसों की बर्बादी नहीं है ?

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