किसान आन्दोलन : महफिल तो बाहर वाले लूट ले गए, घर वालों के हाथ क्या लगा ? एक और आन्दोलन ?
Farmers' movement: The outsiders stole the show, what did the family members get? Another movement?

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में किसान आन्दोलन को लेकर जेल जाने वाले किसान नेताओं के सामने अपनी साख बचाने का सवाल खड़ा हो गया है। इनके जेल जाने के बाद अचानक किसान आन्दोलन का केन्द्र राकेश टिकैत बन गए। सवाल उठता है क्या राकेश टिकैत गौतम बुद्ध नगर के किसान आन्दोलन में निर्णायक भूमिका में आ गए हैं ? जेल जाने वाले गौतम बुद्ध नगर के किसान नेताओं के हाथ क्या लगा ? भारतीय किसान यूनियन और राकेश टिकैत स्थानीय किसान संगठनों और नेताओं के सामने चुनौती बन गए हैं ? किसान आन्दोलन में अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए इन किसान नेताओं के सामने राकेश टिकैत के बिना एक और किसान आन्दोलन ही एक मात्र विकल्प बचा है ? किसान आन्दोलन की निकट भविष्य में दिशा और दशा क्या होगी ? इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल, बीते शुक्रवार को भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद और भारतीय एकता संघ के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने रूपेश वर्मा एवं सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर प्रतिबद्धता जताई। हालांकि इस बार किसानों की प्रतिबद्धता में दबाव स्थान पर औपचारिकता का भाव अधिक था। इस मुलाकात के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 25 नवंबर से शुरू हुए किसान आन्दोलन में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों एवं नेताओं पर भाकियू एवं राकेश टिकैत का चेहरा भारी पड़ा। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल कुछ किसान संगठन किसान आन्दोन में राकेश टिकैत को अधिक स्थान देने से सहमति नहीं थे। दिल्ली कूच पर अड़े सैकड़ों किसानों को नोएडा दलित प्रेरणा स्थल से गिरफ्तार किए जाने के बाद राकेश टिकैत और भाकियू ही संयुक्त किसान मोर्चा बन गए और किसान आन्दोलन पूरी तरह से भाकियू एवं राकेश टिकैत पर केन्द्रित हो गया। किसान आन्दोलन के फैसले मुजफ्फरनगर से लिए गए। पर्दे के पीछे शासन और प्रशासन से राकेश टिकैत की जुगलबंदी बेहतर दिखाई दी। जीरो पाइंट पर राकेश टिकैत की किसान पंचायत के आयोजन से स्पष्ट हो गया है कि निकट भविष्य में गौतम बुद्ध नगर के किसान आन्दोलनों में राकेश टिकैत की अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों प्राधिकरणों को किसानों की समस्या समाधान के लिए निर्देशित किया है। प्राधिकरणों ने भी किसानों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। आबादी भूखण्ड आवंटन तथा शिफ्टिंग पॉलिसी पर तेजी से काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार जिले में किसी भी तरह के आन्दोलन को खड़ा होता नहीं देना चाहती है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों की समस्याओं की आड़ में अराजकता एवं समानान्तर सरकार स्वीकार नहीं है। ऐसे में पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी से मुलाकात करने वाले किसान नेता हाल फिलहाल कोई नया किसान आन्दोलन खड़ा करेंगे, ऐसा नहीं लगता है। हां, भाकियू नेतृत्व वाला संयुक्त किसान मोर्चा और राकेश टिकैत स्थानीय किसान संगठनों और किसान नेताओं के सामने एक चुनौती जरूर बन गए हैं। देखना होगा कि स्थानीय किसान संगठन समर्पण, समन्वय या फिर सन्तुलन में से किस नीति का भविष्य में अनुसरण करते हैं ?