एनटीपीसी के खिलाफ अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को झटका, कोर्ट ने याचिका की खारिज
Shock to farmers demanding additional compensation against NTPC, court rejects petition

Panchayat 24 : एनटीपीसी दादरी द्वारा भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों द्वारा अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे किसानों को बड़ा झटका लगा है। किसानों द्वारा कोर्ट में अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त करने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि वर्तमान में गौतम बुद्ध नगर में कई किसान आन्दोलन चल रहे हैं। इनमें से एनटीपीसी दादरी द्वारा जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान उचित मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ लगातार आन्दोलन कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, एनटीपीसी दादरी के लिए रसूलपुर, खंगौड़, सीदीपुर, ततारपुर, खंगौड़ा, सलारपुर, ऊंचा अमीरपुर आदि गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। ऊंचा अमीरपुर गांव के आठ किसानों ने 15 साल पूर्व एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार को पार्टी बनाते हुए कोर्ट में उचित मुआवजा राशि के लिए याचिका दायर की थी। भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण गौतम बुद्ध नगर ने किसानों की अतिरिक्त मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया है।
दरअसल, एनटीपीसी भूमि अधिग्रहण से प्रभावित दादरी तहसील के पटाड़ी गांव के कुछ किसानों की जमीन ऊंचा अमीरपुर गांव के माजरे में कृषि भूमि स्थित हैं। पटाड़ी गांव के किसान इस जमीन पर काश्तकारी करते थे। साल 2002 में ऊंचा अमीरपुर गांव के किसानों की जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस जमीन का अर्जन एनटीपीसी के लिए किया गया था। भूमि अर्जन निकाय द्वारा साल 2006 में जमीन पर कब्जा किया गया था। इसके एवज में किसानों को 53.59 रूपये प्रति वर्ग गज की दर से मुआवजा राशि निर्धारित की गई थी।
ऊंचा अमीरपुर गांव में काश्तकारी करने वाले पटाड़ी गांव के किसानों का कहना था कि ऊंचा अमीरपुर गांव के साथ रसूलपुर डासना और जारचा की जमीन का भी अधिग्रहण किया गया था। जिलाधिकारी ने साल 2004 में 117.53 वर्ग गज की दर से मुआवजा दर निर्धारित करने का अनुमोदन किया। बाद में जिलाधिकारी ने साल 2005 में तीनों की गांवों के लिए अलग अलग दरें तय कर दी।
प्रभावित किसानों का कहना था कि अर्जित भूमि जिस क्षेत्र में आती है उसमें जमीन वहां पर बाजार दर एक हजार रूपये प्रति वर्ग गज से अधिक है। ऐसे में किसान एनटीपीसी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अर्जित की गई जमीन का मुआवजा पाने के अधिकारी हैं। किसानों द्वारा इस संबंध में गौतम बुद्ध नगर कोर्ट में याचिका दायर की थी।