ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

बिल्‍डरों की मनमानी पर सीईओ की नजर : बिल्‍डरों की मनमानी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रहा है नकेल डालने की तैयारी

CEO's eye on builders' arbitrariness: Greater Noida Authority is preparing to crack down on builders' arbitrariness

Panchayat 24 : गांव देहात में एक कहावत अकसर सुनने में आती है कि जब बैल बेकाबू होने लगता है तो फिर उसको नकेल डालनी ही पड़ती है। कुछ ऐसी ही स्थिति बिल्‍डरों ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सामने पैदा कर दी है। प्राधिकरण ने बकाया धनराशि जमा कराने और फ्लैट खरीददारों के नाम रजिस्‍ट्री लिए लगभग बिल्‍डरों की शर्तों पर ही छूट दी। इसके बावजूद बिल्‍डर प्राधिकरण के साथ आंख मिचौली ही खेल रहे हैं। ऐसे में प्राधिकरण ने बिल्‍डरों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल 27 बिल्‍डर प्राधिकरण के रड़ार पर हैं।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बिल्डर विभाग को अपने इरादों से वाकिफ कराते हुए बिल्डरों के साथ सख्‍ती बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री के लिए जोर देने और लापरवाही करने वाले बिल्डरों के आवंटन रद्द करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बिल्डरों के साथ बिल्डर प्रोजेक्टवार बैठक कर समीक्षा की।

एसीईओ ने बैठक के दौरान पाया कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के आधार पर बीते साल 21 दिसंबर को जो शासनादेश जारी किया गया, उसका 27 बिल्‍डरों ने पालन नहीं किया है। अभी तक इस शासनादेश का लाभ लेते हुए कुल 98 परियोजनाओं में से 13 बिल्डरों ने कुल बकाया धनराशि जमा करा दी है। वहीं, 58 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि (लगभग 505 करोड़) जमा करा दी है। इस तरह कुल 71 बिल्डरों ने इस नीति का लाभ उठाया।

इन 71 प्रोजेक्ट में 9,558 फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण से अनुमति प्रदान की गई। जिसमें से 5 सितंबर तक 6624 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। इन बिल्डरों के साथ बैठक में एसीईओ ने शेष बचे फ्लैटों की रजिस्ट्री को शीघ्र संपन्न करने के निर्देश दिए हैं। रजिस्ट्री की अनुमति से 6 माह तक बिना विलंब शुल्क के रजिस्ट्री कराई जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए एसीईओ ने बिल्डरों से आज की बैठक में इस छह माह में ही खरीदारों के नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए।

इसके अतिरक्ति जिन बिल्‍डरों ने अभी तक 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं कराई है। उनके भूखंडों का आवंटन निरस्त कर उसे कब्जे में लेने के निर्देश दिए। साथ ही इन परियोजनाओं की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपने और सरकार से फॉरेंसिक ऑडिट कराने की संस्तुति लेने के भी निर्देश दिए।

दरअसल, बाबा की ओर से रवि को स्‍पष्‍ट निर्देश है कि फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेजी से संपन्न कराया जाए। रवि अपने पूरे तेज और वेग से बाबा की मंशा को पूरा करने के लिए बिल्‍डरों पर नकेल कसने की तैयारी कर चुके हैं। रवि ने अभी तक प्राधिकरण में फैले अंधकार को जिस तरह मिटाने का काम किया है, उससे बिल्‍डरों को काबू करने की उनकी क्ष‍मता पर किसी को कोई शक नहीं है। बशर्ते कि रवि के मार्ग में कोई राहू अथवा केतू आकर उनकी इच्‍छा शक्ति को गृहण न लगाए।

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