कॉल करके पूछते थे, हैलो। आप महिला दोस्त बनाना चाहते हैं ? फिर हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर ऐंठते थे लाखों, बुआ और भतीजी सहित चार गिरफ्तार
Used to call and ask, hello. Do you want to make female friends? Then they used to extort lakhs by luring them in the net of honey trap, four including aunt and niece arrested

Panchayat 24 : सेंट्रल नोएडा पुलिस ने हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो महिलाएं शामिल हैं। एक बाल आरोपी को भी पुलिस ने पकड़ा है जिसे बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक वैगेनार कार, पीडितों से हड़पे गए 82 हजार की नकदी और इन रूपयों से खरीदा गया लगभग 40 हजार का सामान भी बरामद किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामला सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र का है।
क्या है पूरा मामला ?
सेंट्रल नोएडा जोन के एडीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया कि ग्रेटर नोएडा एक व्यक्तिने बताया कि एक महिला और उसके पुरूष साथियों ने उसकी एक लड़की से मुलाकात कराने के बहाने उसको एक स्थान पर बुलाकर मारपीट की। महिला की आबरू से खिलवाड़ करने का आरोप लगाकर जेल भिजवाने की धमकी देते हुए उसके खाते से 1.63 लाख रूपये पेटीएम करा लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को सूरजपुर स्थित विशाल मेगामार्ट के पास से दो महिलाओं और दो पुरूषों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान फारूख (27) और विष्णु उर्फ डमरू (19) निवासी सूरजपुर और कविता (38) और पूजा (20)निवासी मेरठ, हाल पता सूरजपुर के रूप में हुई है। वहीं एक बाल आरोपी को भी गिरफ्तार किया।
महिला बेटी और भतीजी की मदद से लोगों को हनी ट्रैप में फंसाती थी
पुलिस के अनुसार पूछताछ में महिला ने बताया कि कविता अपनी नाबालिग बेटी और भतीजी की मदद से लोगों को प्रेम जाल में फंसाते थे। हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर पीडित को मुलाकात के लिए सुनसान स्थान पर बुलाकर अपना शिकार बनाते थे। आरोपी महिला अन्य युवतियों का भी इस धंधे में इस्तेमाल करती थी। कविता का पता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। लेकिन वह पति से अलग रहती है। कविता की मुलाकात सूरजपुर के रहने वाले फारूख और डमरू से हुई थी। इनकी मदद से वह लोगों को जाल में फंसाती थी। फारूख और डमरू पीडितों से सामान लूटने और मारपीट करते थे। फारूख खुद को वकील बताता था।
मोबाइल पर कॉल कर 20 से 45 साल की आयु वाले लोगों को बनाते थे शिकार
पुलिस के अनुसार आरोपी किसी भी तरह से लोगों का मोबाइल नंबर प्राप्त कर उन्हें कॉल करके महिलाओं से बात कराते थे। दोस्ती करने की आड में इन्हें अपने जाल में फंसाया जाता था। बाद में समाज में बदनामी करने और पुलिस गिरफ्तारी का भय दिखाकर रकम ऐंठी जाती थी। पुलिस के अनुसार इस गिरोह के निशाने पर 20 से 45 साल की आयु वाले पुरूष होते थे। आरोपियों का मानना था इस आयु वाले पुरूष सामाजिक बदामी के भय से आसानी से इनके जाल में फंस जाते थे। वहीं, जो लोग इनके शिकार बन जाते थे, वह बदनामी के डर से चुप बैठ जाते थे।
तीन मामलों का हुआ खुलासा
पुलिस जांच में पता चला है कि यह गिरोह पूर्व में भी कई लोगों को अपना शिकार बनाकर लाखों रूपये ऐंठ चुका है। जांच के बाद तीन मामलों का खुलासा हुआ है। एक मामले में पीडित पर आरोपी महिला ने अपनी ही बैटी से छेड़खानी का आरोप लगाते हुए पोक्सों एक्ट में मामला दर्ज कराया था। न्यायालय में 164 के बयान में मामला फर्जी पाया गया। एक अन्य मामले में आरोपी महिला ने अपने ही साथ एक कम्पनी में काम करने वाले एक युवक पर छेड़खानी का आरोप लगाकर सूरजपुर कोतवाली में शिकायत दी थी। जांच में मामला झूठा पाया गया। वहीं, एक अन्य मामले में महिला ने सूरजपुर कोर्ट में बतौर जूनियर अधिवक्ता पर अपनी बेटी से दुष्कर्म करने एवं उसका गर्भपात कराने का आरोप लगाते हुए सेक्टर बीटा-2 कोतवाली में शिकायत दी थी। बाद में चार लाख रूपये ऐंठने के बाद शिकायत वापस ली थी।