नक्शा स्वीकृति का दावा करके प्लॉट खरीददारों को जाल में फंसा रहे हैं कॉलोनाइजर, प्राधिकरण और प्रशासन उदासीन
Colonizers are trapping plot buyers by claiming map approval, authorities and administration are indifferent

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर जिले में बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनियां अस्तित्व में आ चुकी हैं। कई का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। देश भर से यहां आकर काम करने वाले मध्यम और निम्न वर्ग के लोग नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और यूपीसीड़ा अधिसूचित क्षेत्रों में आकर रोजगार कर रहे हैं। इनका सपना है कि जिले में उनका भी एक घर हो। यहां रहकर वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और रोजगार उपलब्ध करा सके। ऐसे लोग भूमाफियाओं और कॉलोनाइजरों के निशाने पर होते हैं। इनके द्वारा दावा किया जाता है कि प्राधिकरण, जिला पंचायत, नगरपालिका अथवा नगरपंचायत से नक्शा पास होने के बाद ही कॉलोनी को बसाया जा रहा है। उक्त कॉलोनी पूरी तरह से वैध है। भूमाफियााओं ओर कॉलोनाइजरों के बस इसी झूठ और भ्रम के जाल में आम आदमी फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई फंसा देता है। आधी अधूरी कॉलोनी बसाने के बाद कॉलोनाइजर फरार हो जाते हैं। झेलना आम आदमी और उसके परिवार को पड़ता है।
यमुना प्राधिकरण की टूटी नींद, प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर नक्शा स्वीकृति पर कार्रवाई
यमुना प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर नक्शा पास करके कॉलोनी बसाए जाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने दनकौर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को निलंबित किए जाने का संस्तुति पत्र शासन को भेजा है। प्राधिकरण के अधिकारी आरोपी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि यमुना प्राधिकरण ने मामले का संज्ञान देर से लिया है। लेकिन इस कार्रवाई से इस बात का पता चलता है कि नक्शा पास कराने के नाम पर किस प्रकार से बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है। नक्शा पास कराने का दावा कॉलोनाइजरों के हाथ में ऐसा हथियार है जिससे अंतत: आम आदमी की ही गर्दन पर प्रहार होता है। दरअसल, आम आदमी इस उम्मीद पर नक्शा पास होने के बाद बसाई गई कॉलोनी में घर खरीदने के लिए तैयार हो जाता है कि यदि भविष्य में उनके सामने मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई समस्या खड़ी होगी तो प्राधिकरण और प्रशासन उनका साथ देगा। जब उन्हें पता चलता है कि वह कॉलोनी प्राधिकरण अथवा प्रशासन से स्वीकृत नहीं है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
नक्शा स्वीकृत होने की बात कहकर ग्रेटर नोएडा और यूपीसीड़ा क्षेत्र में बसाई जा रही है कॉलोनी
ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित गांव गुलिस्तानपुर के पास यूपीसीड़ा की औघोगिक साइट के बीचों बीच लगभग सैकड़ों बीघा जमीन पर कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी के नाम पर बाकायदा पूरी टाऊनशिप ही बसाई जा रही है। हालांकि यह जमीन न्यायालय द्वारा अधिग्रहण से बाहर कर दी गई है। इसके बावजूद यह जमीन अभी भी अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है। इसके कॉलोनाइजरों और डवेलपरों द्वारा यूपीसीडा द्वारा एनओसी और जिला पंचायत से नक्शा स्वीकृत होने की बात कहकर प्लॉट और डयूप्लेक्स आवासों का भी निर्माण किया जा रहा है। लेकिन इस पूरे निर्माण पर जांच के नाम पर ग्रेटर नोएडा, यूपीसीडा और जिला प्रशासन आंखें बंद किए हुए हैं। सवाल उठता है कि जिस देरी और भूल का यमुना प्राधिकरण के आला अधिकारियों को आभाष हुआ है, उसका आभाष ग्रेटर नोएडा और यूपीसीड़ा को क्यों नहीं हो रहा है ? क्या यमुना प्राधिकरण की गली से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन सीख नहीं ले सकते ? या फिर जानबूझकर सबकुछ होने देने के लिए मौन स्वीकृति प्रदान कर दी गई है ?
जिला पंचायत नक्शा पास करने के लिए अधिकृत नहीं : अपर मुख्य अधिकारी
इस टाऊनशिप रूपी टाऊनशिप को बिना नक्शा स्वीकृति के तेजी से खड़ा किया जा रहा है। लोगों को यहां घर और प्लॉट खरीदने के लिए लुभावने एवं आकर्षक तरीकों से प्रेरित किया जा रहा है। इस कॉलोनी का प्रचार एवं प्रसार भी किया जा रहा है। कॉलोनाइजरों और डवेलपरों द्वारा इसके निर्माण के लिए यूपीसीडा से एनओसी और जिला पंचायत विभाग से नक्शा पास कराए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि यूपीसीडा की ओर से किसी भी प्रकार की एनओसी दिए जाने से स्पष्ट इंकार किया है। वहीं, जिला पंचायत विभाग के अपर मुख्य अधिकारी एनके सिंह ने इस जमीन पर कॉलोनी बसाए जाने का नक्शा पास कराए जाने के लिए केवल पत्राचार की बात कही है। अभी तक नक्शा पास नहीं किया गया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि जिला पंचायत को इस संबंध में नक्शा पास कराए जाने का अधिकार नहीं है। इस बारे में विधि विशेषज्ञों से सलाह की जा सकती है।
इस जमीन पर नक्शा स्वीकृत कराने के लिए जिला पंचायत को आवेदन प्राप्त हुआ है। अभी नक्शा पास नहीं हुआ है। जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्र में केवल मकान का ही नक्शा पास कर सकता है। बहुत बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए इस प्रकार का नक्शा जिला पंचायत स्वीकृत नहीं कर सकता है। आवश्यकता पड़ने पर विधिक राय लेंगे
ए के सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत विभाग ( गौतम बुद्ध नगर)