दादरी विधानसभा

त्रिलोकपुरम कॉलोनी : पनाशे बिल्‍डर को यूपीसीडा ने दिखाया आईना, भेजा नोटिस, जानिए क्‍या है पूरा मामला ?

Trilokpuram Colony: UPSIDA shows mirror to Panashe builder, sends notice, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा में यूपीसीडा साईट-सी में बन रही त्रिलोकपुरम कॉलोनी और उसके अन्‍तर्गत बन रहे पनाशे बिल्‍डर की चालाकी को यूपीसीडा ने आईना दिखाने का काम किया है। यूपीसीड़ा ने त्रिलोकपुरम कॉलोनाइजर को नोटिस भेज दिया है। यूपीसीडा ने कॉलोनाइजर एवं बिल्‍डर को नोटिस के माध्‍यम से सख्‍त हिदायत दी है। यूपीसीडा के नोटिस ग्रेटर नोएडा तथा आसपास के क्षेत्रों में कॉलोनाइजरों द्वारा लोगों को भ्रमित करके अपने जाल में फंसाकर लूट के खेल का खुलासा कर दिया है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर काटी जा रही अवैध कॉलोनियों में बडे ही सुनियोजित तरीके से लोगों को घर खरीदने के लिए कॉलोनाइजरों एवंं बिल्‍डरों द्वारा आकर्षित किया जाता है। इस आकर्षण के पीछे एक मुख्‍य कारण यह है कि कॉलोनाइजर एवं बिल्‍डर अपनी कॉलोनी एवं प्रोजेक्‍ट को लोगों के सामने इस प्रकार प्रस्‍तुत करते है कि उस कॉलोनी को संबंधित प्राधिकरण द्वारा स्‍वीकृति प्राप्‍त है। कई बार प्राधिकरणों की योजनाओं और निकट भविष्‍य में बनने वाली प्राधिकरण एवं सरकारी परियोजनाओं की आड़ में अपनी अवैध कॉलोनियों के प्रचार एवं प्रसार के लिए प्रयोग किया जाता है। प्राधिकरण की महत्‍वाकांक्षी परियोजनाओं के पास में होने के कारण लोगों को कॉलोनी की लोकेशन पसंद आ जाती है। बस इसी झांसे में आकर लोग अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई को इन अवैध कॉलोनियों में अपने सपनों का घर खरीदने के लिए लुटा देते हैं।

बिल्‍डर के ब्रोसर में अंकित यूपीसीडा का नाम

ऐसा ही एक प्रकरण यूपीसीडा साइट-सी में बन रही त्रिलोकपुरम कॉलोनी के प्रकरण में सामने आया है। दरअसल, यह जमीन यूपीसीडा के अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है। इस जमीन पर त्रिलोकपुरम कॉलोनी बसाई जा रही है। इस कॉलोनी में कई डिवेलपर अपने प्रोजेक्‍ट बना रहे हैं। जमीन के कुछ हिस्‍से पर प्‍लाटिंग भी की गई है। कॉलोनाइजर तथा डिवेलपरों अपने प्‍लॉट एवं फ्लेट बेचने के लिए बिना किसी अनुमति के यूपीसीडा के नाम का प्रयोग किया जा रहा है। प्‍लॉट एवं फ्लैट बेचने के लिए कॉलोनाइजर एवं डिवेलपरों द्वारा प्रचार सामग्री पर यूपीसीडा का नाम प्रमुख रूप से अंकित किया गया है। यहां तक की कॉलोनी की दो दिशाओं में बनी यूपीसीडा की सड़कों को अपने प्रोजेक्‍ट से कॉलोनाइजरों एवं डिवेलपरों द्वारा इस प्रकार से जोड़ा गया है मानो यूपीसीडा द्वारा ही इस कॉलोनी को बसाया जा रहा है। प्रचार सामग्री पर लोगों को भ्रमित करने के लिए यूपीसीडा के नाम को अंकित किए जाने पर यूपीसीड़ा ने आपत्ति जताई है।

पनाशे बिल्‍डर द्वारा यूपीसीडा का नाम अंकित करने पर जारी हुआ नोटिस

त्रिलोकपुरम कॉलोनी के अन्‍तर्गत पनाशे बिल्‍डर एक प्रोजेक्‍ट बना रहा है। इसमें विलास एवं फ्लेट शामिल हैं। यूपीसीडा द्वारा त्रिलोकपुरम कॉलोनाइजर को जारी किए गए नोटिस में स्‍पष्‍ट तौर पर कहा गया है कि त्रिलोकपुरम कॉलोनी के अन्‍तर्गत ईएमसी/पनाशे विलास द्वारा सम्‍पत्ति के प्रचार एवं प्रसार के लिए यूपीसीडा का नाम प्रचार सामग्री पर अंकित किया गया है। इसके अन्‍तर्गत साइट ऑफिस साइट-सी, यूपीएसआईडीसी (हाऊसिंग) अंकित किया गया है। इससे आम जनमानस को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस कॉलोनी का निर्माण यूपीसीडा द्वारा ही किया जा रहा हे। यह पूरी तरह गलत हे। यूपीसीडा ने कॉलोनाइजर एवं बिल्‍डर को प्रचार सामग्री से बिल्‍डर का नाम हटाए जाने के निर्देश दिए हैं।

यूपीसीडा के अधिग्रहण से मुक्‍त हुई है यह जमीन, कॉलोनी का नहीं है नक्‍शा पास

बता दें कि जिस लगभग एक सौ बीघा जमीन पर त्रिलोकपुरम कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है, वह यूपीसीडा द्वारा अधिग्रहित जमीन थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इस जमीन को अधिग्रहण से बाहर कर दिया गया है। इसके बावजूद अभी भी यह जमीन अधिसूचित क्षेत्र में हैं। चूंकि यह जमीन के खसरा संख्‍या गुलिस्‍तानपुर गांव के अन्‍तर्गत आते हैं। गुलिस्‍तानपुर गांव की जमीन का ग्रेटर नोएडा ने भी अधिग्रहण किया है। ऐसे में ऐसी भी जानकारी आ रही है कि ग्रेटर नोएडा भी इस जमीन पर अपना दावा कर रहा है। वहीं, कॉलोनाइजर द्वारा यह दावा जिला पंचायत कार्यालय से कॉलोनी का नक्‍शा पास करने का दावा भी गलत ही साबित हुआ है। जिला पंचायत विभाग के अपर मुख्‍य अधिकारी ए के सिंह ने द्वारा स्‍पष्‍ट तौर पर कहा है कि त्रिलोकपुरम कॉलोनी का नक्‍शा जिला पंचायत विभाग द्वारा स्‍वीकृत नहीं किया गया है। उन्‍होंने यहां तक कहा है कि जिला पंचायत विभाग को इतने बड़े स्‍तर पर बसाई जा रही कॉलोनी का नक्‍शा पास करने का अधिकार नहीं है। इस संबंध में कानूनी सलाह ली जा रही है।

Related Articles

Back to top button