गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट : सपा में प्रत्याशी को लेकर असमंजस बरकरार, स्थानीय, बाहरी या गठबंधन पर फंसा पेंच
Gautam Buddha Nagar Lok Sabha seat: Confusion over candidate continues in SP, issue stuck on local, external or alliance

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियोंं में जुटी समाजवादी पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश में सबसे पहले अपने प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी की थी। लेकिन गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट को लेकर समाजवादी पार्टी में वह उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। इस सीट पर पार्टी अभी तक प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर सकी है। यहां पार्टी असमंजस में दिख रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो अभी पार्टी इस सीट पर यह तय नहीं कर सकी है कि स्थानीय उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा जाए या फिर किसी बाहरी उम्मीदवार को यहां से चुनाव लड़ाया जाए। यह भी चर्चा है कि अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के किसी अन्य घटक दल को समझौते के तौर पर गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट को उत्तर प्रदेश में छोड़ सकते हैं। गौतम बुद्ध नगर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन रहे।
समाजवादी पार्टी के लिए अतीत का अनुभव रहा है कड़वा
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के लिए अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पहले लोकसभा चुनाव साल 2009 में हुए। इससे पूर्व यह क्षेत्र खुर्जा लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता था। इस चुनाव में यहां से समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता नरेन्द्र सिंह भाटी को चुनाव लड़ाया था। पार्टी को विश्वास था कि नरेन्द्र सिंह भाटी का बड़ा कद और पार्टी द्वारा उन्हें दी गई तवज्जों के साथ उनका स्थानीय होना फायदे का सौदा होगा। लेकिन चुनाव परिणाम ने पार्टी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। नरेन्द्र सिंह भाटी को महज 1,18,584 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का कद इस लोकसभा सीट पर सभी विरोधी दलों पर भारी पड़ा। बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह नागर ने 2,45,613 वोट हासिल कर चुनाव में जीत दर्ज की। यह सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है। यह पहला मौका था जब लगातार चार बार जीत दर्ज करने वाली भाजपा के हाथों से किसी दल ने यह सीट छीनी थी।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर नरेन्द्र सिंह भाटी पर दांव खेला था। नरेन्द्र सिंह भाटी के लिए यह अंतिम चुनाव माना जा रहा था। उनकी पहले चुनाव से अधिक बेहतर स्थिति इस चुनाव में दिख रही थी। मख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा और सपा उम्मीदवार नरेन्द्र सिंह भाटी के बीच होना तय था। लेकिन चुनाव परिणा में समाजवादी पार्टी को निराशा ही हाथ लगी। नरेन्द्र सिंह भाटी 3,19,490 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। भाजपा के डॉ महेश शर्मा ने 5,99,702 वोट हासिल कर बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से सपा का मोह हुआ भंग ?
अतीत के अनुभव के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का मोह भंग हुआ है। इस सीट को पार्टी बहुत अधिक तवज्जो पर नहीं रखती है। यदि प्रदेश में समाजवादी पार्टी अकेला लोकसभा चुनाव लड़ती है तो इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी उतारा गया है। अन्यथा गठबंधन होने पर दूसरे दल को इस सीट को समाजवादी पार्टी द्वारा छोड़ने का प्रयास रहा है। साल 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन से इसके प्रमाण भी मिलते हैं। साल 2019 में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था जिसके बाद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट को बहुजन समाज पार्टी के लिए छोड़ दिया था। अतर्थात समाजवादी पार्टी स्वीकार कर चुकी थी कि इस सीट पर उसकी अपेक्षा बहुजन समाज पार्टी बेहतर चुनाव लड़ सकती है। इतना ही नहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी पहले गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस ने गाजियाबाद लोकसभा सीट को समझौते में स्वीकार कर लिया लेकिन गौतम बुद्ध नगर की अपेक्षा उत्तर प्रदेशप्रदेश की अन्य लोकसभा की मांग की। अंंतत: यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में ही रह गई।
स्थानीय या फिर बाहरी, कौन होगा समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार ?
गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए पार्टी नेतृत्व के पास दावेदारों की एक सूची है। इस सूची में कुछ स्थानीय और कुछ बाहरी नाम शामिल हैं। सूत्रों की माने तो स्थानीय दावेदारों के रूप में इस सूची में बसपा छोड़कर सपा में शामिल होने वाले जगदीश शर्मा, फकी रचंद नागर, रामशरण नागर, राहुल अवाना और अशोक चौहान आदि का नाम शामिल हैं। हालांकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं, लेकिन उनका नाम भी इस सूची में शामिल बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी गौतम बुद्ध नगर से किसी बड़े गुर्जर चेहरे को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है। ऐसे में कोई बाहरी व्यक्ति भी इस सीट पर पार्टी का उम्मीदवार हो सकता है। ऐसे चेहरे की पार्टी तलाश कर रही है। चर्चा है कि भड़ाना बंधु अर्थात अवतार सिंह भड़ाना या फिर करतार सिंह भड़ाना गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से पार्टी चेहरा हो सकते हैं। सूत्रों की माने तो करतार सिंह भड़ाना इस लाइन में आगे हैं। उनकी पार्टी के कुछ नेताओं से इस संबंध में बातचीत की भी चर्चा है।
इंडिया गठबंधन के घटक दल के खाते में जाएगी गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट ?
दरअसल, उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के घटक दल के रूप में समाजवादी पार्टी ड्राइविंग सीट पर है। लेकिन गठबंधन के घटक दल के रूप में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारेंगे। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन एवं सीट शेयरिंग हो चुका है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ही वह दल बचा है जिसने अभी तक उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। अरविन्द केजरीवाल और अखिलेश यादव के बीच किसी तरह का वैचारिक मतभेद भी नहीं है। कई मौकों पर दोनों ने एक दूसरे का समर्थन भी किया है। ऐसे में इस बात की भी प्रबल संभावना है कि समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच उत्तर प्रदेश में आसानी से गठबंधन एवं शीट शेयरिंग हो जाए। यदि ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट को आम आदमी पार्टी के लिए छोड़ सकती है। वहीं, गठबंधन की स्थिति में आम आदमी पार्टी जिन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी उनमें दिल्ली से सटी हुई गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद प्रमुख सीटें है। संभवत: ऐसी स्थिति में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी के खाते में चली जाए ?