जिला प्रशासनदादरी विधानसभा

न्‍याय के मंदिर में आए दिन हंगामा और हिंसा : किस दिशा में जा रही है गौतम बुद्ध नगर जिला दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन ?

Everyday uproar and violence in the temple of justice: In which direction is Gautam Buddha Nagar District Civil and Criminal Bar Association going?

Panchayat 24 : गौतम गुद्ध नगर न्‍यायालय परिसर में अधिवक्‍ता संदीप भाटी के साथ मारपीट एवं जानलेव हमले की घटना स्‍तब्‍ध करने वाली है। मारपीट का आरोप वर्तमान जिला दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष परमिंदर भाटी एवं उनके कुछ सहयोगी अधिवक्‍ताओं पर लगा है। संदीप भाटी को काफी गंभीर चोटें आई हैं। विरोध में बड़ी संख्‍या में अधिवक्‍ताओं ने विरोध प्रदर्शन एवं हंगामा किया। पुलिस और जिला जज को मामले की लिखित शिकायत की गई है। वहीं, सूचना है कि बार एसोसिएशन की एक आम सभा की आपातकालीन बैठक बुलाकर परमिंदर भाटी एवं उनकी कार्यकारिणी को बर्खास्‍त कर सर्वस‍म्‍मति से संदीप भाटी को आगामी वार्षिक चुनाव होने तक जिला बार एसोसिएशन का कार्यवाहक अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया है।

यह पहली घटना नहीं है जब गौतम बुद्ध नगर बार एसोसिएशन में मारपीट एवं हिंसा की घटनाएं हुई है। जिला बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर अधिवक्‍ताओं के बीच गुटबाजी आम बात हो गई है। दो बड़े गुटों के बीच जमकर मारपीट भी हुई है। न्‍यायालय कक्ष में अधिकवक्‍ता आपस में भिड़ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता गौरव भाटिया के साथ हुई मारीपट काफी चर्चा में रही है। पिछले बार एसोसिएशन चुनाव में अधिवक्‍ताओं की गुटबाजी अपने चरम पर पहुंची। वहीं, शब्‍दों की मर्यादा भी टूटी। अधिवक्‍ताओं के बीच गुटबाजी एवं हिंसा के बाद गौतम बुद्ध नगर में समानान्‍तर दो बार एसोसिएशन कार्यरत रह चुकी हैं। हाल ही में एक अन्‍य अधिवक्‍ता के साथ भी मारपीट की घटना हो चुकी है। संदीप भाटी के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद आक्रोशित अधिवक्‍ताओं ने स्‍पष्‍ट तौर पर कहा है यदि पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है तो सूरजपुर कोतवाली का घेराव किया जाएगा।

इस बार अधिवक्‍ता संदीप भाटी के साथ हुई मारपीट की जड़ में साइबर अपराध के कारण हुई ठगी की घटनाएं हैं। दरअसल, जिले में सैकड़ों लोगों से हुई साइबर ठगी की घटनाओं के समाधान के लिए वर्तमान बार एसोसिएशन अध्‍यक्ष परमिंदर भाटी द्वारा पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई 27 अधिवक्‍ताओं की सूची है। परमिंदर भाटी के अनुसार पुलिस ने बताया कि ठगी की अधिकांश घटनाएं असहाय लोगों के साथ हुई हैं। पुलिस ने साइबर ठगों के चंगुल से लोगों की लगभग डेढ करोड़ रूपये की रकम को बरामद किया है। यह रकम न्‍यायालय के माध्‍यम से लोगों को लौटाई जानी है। कुछ पीडितों की रकम इतनी कम थी कि अधिवक्‍ता की फीस ही उससे अधिक हो जाती।

उन्‍होंने बताया कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्‍मी सिंह ने बार एसोसिएशन से इन लोगों का मुफ्त में ऐसे लोगों का केस लड़ने की बात कही थी। पुलिस के अनुरोध पर उन्‍होंने ऐसे 27 अधिवक्‍ताओं की एक सूची पुलिस को सौंपी थी जो साइबर ठगी के इन मामलों की मुफ्त में पैरवी करेंगे। वहीं, कोर्ट में एक नोटिस जारी कर अन्‍य इच्‍छुक अधिवक्‍ताओं से भी नाम मांगे गए थे। परमिंदर भाटी का आरोप है कि इस मामले को लेकर संदीप भाटी ने विवाद किया। कुछ अधिवक्‍ताओं से मारपीट की। हालांकि यहां सवाल उठता है कि संदीप भाटी ने ही मारपीट की और चोट भी उसी को आई हैं ?

वहीं, पीडित अधिवक्‍ता संदीप भाटी का कहना है कि परमिंदर भाटी बार एसोसिएशन चुनाव जीतने के बाद से ही कोर्ट में मनमानी कर रहे हैं। वह अपने समर्थकों के साथ मिलकर बार एसोसिएशन एवं न्‍यायालय में आने वाले काम पर अपना कब्‍जा करने का प्रयास कर रहे हैं। साइबर ठगी के मामलों में भी वह ऐसा ही करना चाहते हैं। उन्‍होंने पुलिस को दी गई सूची में ऐसे अधिवक्‍ताओं के नाम शामिल किए हैं जो उनके समर्थक हैं। कई ऐसे अधिवक्‍ताओं के नाम सूची में शामिल हैं जो कोर्ट तक नहीं आते हैं। संदीप भाटी बताया कि मुफ्त में साइबर ठगी के मामलों की पैरवी के नाम पर अपने समर्थकों को आगे बढ़ाने और अन्‍य अधिवक्‍ताओं को पैरवी से दूर रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि मुफ्त में केस लड़ने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण है। ऐसा निजी लाभ के लिए किया जा रहा है। यह अन्‍य अधिवक्‍ताओं के साथ धोखा है। उन्‍होंने कहा कि मैंने कई मौकों पर इस बात का विरोध किया था। यह बात परमिंदर भाटी एवं उनके समर्थकों को नागवार गुजरती थी। इसी कारण मेरे ऊपर योजनाबद्ध तरीके से मेरे ऊपर हमला किया गया। हमलावरों में कुछ बाहरी लोग भी शामिल थे। मेरे ऊपर लाठी डंडों से हमला किया गया। पिस्‍टल की बट से मेरी नाक और सिर पर हमला किया गया। उनका कहना है कि जिस समय हमला हुआ परमिंदर भाटी मौके पर मौजूद थे।

गौतम बुद्ध नगर जिला न्‍यायालय परिसर में हुई इस घटना के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। क्‍या न्‍यायालय परिसर में अधिवक्‍ताओं की मौजूदगी उन्‍हें कानून से ऊपर स्‍थान प्रदान करती है ? सवाल यह भी उठता है जिस न्‍यायालय को देश का आम नागरिक न्‍याय का मंदिर समझता है, वहां इस तरह की घटनाएं न्‍यायालय और अधिवक्‍ता पेशे के प्रति लोगों के मन में किस तरह की तस्‍वीर पेश करेगी ? जिला न्‍यायालय में पेशेवरता और धैर्यशीलता का अभाव है ? जिला दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन किस दिशा में जा रही है ?

जिस तरह से जिला बार एसोसिएशन में गुटबाजी एवं हिंसक घटनाएं तेजी से बढ़ रही है, यह निकट भविष्‍य में किसी बड़ी घटना का संकेत है ? क्‍या गौतम बुद्ध नगर जिला बार एसोसिएशन में अधिवक्‍ता हित की आड़ में निजी हित को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है ? पूरे प्रकरण से एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है क्‍या एक बार फिर गौतम बुद्ध नगर जिला न्‍यायालय में दो समानान्‍तर बार एसोसिएशन अस्तित्‍व में रहेंगी ? हाल ही में चंद हफ्तों के दौरान दो अधिवक्‍ताओं के साथ हुई मारपीट की घटनाएं बार की क्षमताओं पर भी प्रश्‍नचिन्‍ह लगाती है। कुल मिलाकर जिस तरह की तस्‍वीर गौतम बुद्ध नगर जिला न्‍यायालय में बन रही है, यह बेहद दुखद है।

Related Articles

Back to top button