गौतम बुद्ध नगर में शत्रु संपत्ति पर चला प्रशासन का बुलडोजर, पाकिस्तान से जुड़ा है मामला है, जानिए क्या है पूरा मामला ?
Administration's bulldozer ran on enemy property in Gautam Buddha Nagar, the matter is related to Pakistan, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित शाहबेरी गांव में स्थित शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जे को मुक्त कराने के लिए प्रशान ने कार्रवाई की। इस जमीन का संबंध पाकिस्तान से है। प्रशासन ने बुधवार को बुलडोजर से लगभग 48 दुकानों एवं 2 ऑफिस को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद कब्जा मुक्त सम्पत्ति का बाजार मूल्य लगभग दस करोड़ रूपये है। प्रशासन की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कार्रवाई के दादरी एसडीएम अनुजा नेहरा और दादरी तहसील की टीम मौके पर उपस्थित रही। इस दौरान भारी पुलिस बल और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शाहबेरी में बड़े पैमाने पर शत्रु संपत्ति स्थित है। इसको कस्टोडियन सम्पत्ति कहा जाता है। केन्द्र सरकार के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा जांच में शाहबेरी के खसरा संख्या 13, 30, 125 और 187 को शत्रु संपत्ति पाया। कुल 10950 वर्ग जमीन पर 148 दुकानों एवं दो ऑफिस निर्माण किया जा चुका है। प्रशासन की ओर से इन दुकानों को सीज करके बिजली के मीटरों को काट दिया गया है। इतना ही नहीं कस्टोडियन की ओर से इस जमीन पर बनी दुकानों को दुकान मालिकों से स्वयं गिराने के लिए 28 अगस्त तक का समय दिया था। इन दुकानों पर नोटिस चस्पा कर दुकानों से समय रहते सामान निकालने की भी बात कही थी। दादरी एसडीएम अनुजा नेहरा के अनुसार इस कस्टोडियन सम्पत्ति की कुल बाजार कीमत 29 करोड़ रूपये आंकी गई है।
क्या होती है शत्रु संपत्ति ?
दरअसल, ऐसे लोग जो पाकिस्तान अथवा चीन में जाकर बस गए हैं। वहां की नागरिकता भी ले ली है। वह अपने पीछे अपनी संपत्ति को छोड़ गए हैं। वह संपत्ति शत्रु संपत्ति कहलाती है। मुख्यत: जब दो देशों युद्ध होता है तो सरकार दुश्मन देश के नागरिकों की संपत्ति को नियंत्रण में ले लेती है, ताकि दुश्मन लड़ाई के दौरान इसका लाभ न उठा सके। प्रथम और और द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन ने जर्मनी के नागरिकों की संपत्ति को इसी आधार पर अपने नियंत्रण में ले लिया था। शत्रु संपत्ति के अन्तर्गत जमीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और दुश्मन देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को नियंत्रण में लिया जा सकता है। यदि भारत की बात की जाए तो भारत ने 1962 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध शुरू होने पर भारत सुरक्षा अधिनियम के तहत इन देशों के नागरिकों की की संपत्ति पर नियंत्रण कर लिया था। भारत में अधिकांश शत्रु सम्पत्ति भारत पाकिस्तान बांटवारे के समय की है, जब लोग भारत में अपनी संपत्तियों को छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 नियंत्रित करता है। इस संपत्ति का मालिक कस्टोडियन को बनाया गया है। अधिनियम को भारत सरकार के गृहमंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।
गौतम बुद्ध नगर में अधिकांश शत्रु संपत्ति भारत छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों से संबंधित है। ऐसी संपत्ति शाहबेरी, बरोला, बिलासपुर और जारचा में मुख्य रूप से स्थित है। पूरे देश में ऐसी लगभग 12 हजार 6 सौ 11 सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। इनमें सबसे अधिक 6 हजार 255 शत्रु सम्पत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। यहां कुल 4 हजार 88 शत्रु सम्पत्तियां है।
केन्द्र सरकार के एक आदेश के बाद शाहबेरी में शत्रु सम्पत्ति की जांच हुई। कुछ जमीन पर अवैध निर्माण पाया गया। इस जमीन पर 148 दुकानें और 2 ऑफिस बने हुए थे। कानूनी प्रक्रिया के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। पहले चरण की कार्रवाई में बुधवार को 48 दुकानें और 2 ऑफिसों को ध्वस्त किया गया हे। कब्जा मुक्त कराई गई जमीन की बाजार कीमत लगभग दस करोड़ रूपये हैं। जबकि कुल सम्पत्ति की कीमत 29 करोड़ है। शेष अतिक्रमण पर क्रमश: ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी।
————— अनुज नेहरा, उपजिलाधिकारी, दादरी तहसील, गौतम बुद्ध नगर