दादरी विधानसभा

दादरी के मॉडल बस स्‍टैंड और कार पार्किंग के रास्‍ते का रोड़ा बनी अदृश्‍य संस्‍था

Dadri's model bus stand and car parking become an invisible body

Panchayat 24 : जिले में दादरी एक मात्र नगरपालिका है। नगर में वाहनों की पार्किंग की कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। यह समस्‍या अब तजी से लोगों के सामने आने लगी है। इस कड़ी में दादरी नगरपालिका ने विचार किया और नगर में एक मल्‍टीस्‍टोरी कार पार्किंग के लिए योजना भी बनाई। इसके अतिरिक्‍त नगर में एक मॉडल बस स्‍टैंड बनाने पर भी काम शुरू किया। बाकायदा इसके लिए जमीन की तलाश भी शुरू की गई। लेकिन एक अदृश्‍य संस्‍था नगर में मॉडल बस स्‍टेंड और कार पर्किंग के रास्‍ते में रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। स्थिति यह है कि इस अदृश्‍य संस्‍था के कारण नगरपालिका द्वारा शासन को भेजे गए मॉडल बस बस स्‍टैंड के प्रस्‍ताव को ठण्‍ड़े बस्‍ते में डालना पड़ गया है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, दादरी में लोग पार्किंग की समस्‍या का लंबे समय से सामना कर रहे हैं। दादरी नगरपालिका ने समस्‍या के समाधान के लिए दादरी में एक मॉडल बस स्‍टैंड बनाने की योजना बनाई। नगरपालिका ने दादरी बाईपास के करीब स्थित नगरपालिका की 3 एकड़ जमीन पर मॉडल बस स्‍टैंड बनाने का प्रस्‍ताव शासन को भेजा था। नगरपालिका की योजना का हिस्‍सा था कि बस स्‍टैंड जब बाइपास पर शिफ्ट हो जागएा तो पुराना बस स्‍टैंड को मल्‍टीस्‍टोरी कार पार्किंग में तब्‍दील कर दिया जाएगा। लेकिन तभी एक अदृश्‍य संस्‍था मॉडल बस स्‍टैंड के रास्‍ते में रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। दरअसल जिस जमीन पर मॉडल बस स्‍टैंड बनने का प्रस्‍ताव था, वह जमीन किसी कन्‍या पाठशाला के नाम पर दस्‍तावेजों में दर्ज है। जब सम्‍बन्धित अधिकारियों तथा दादरी नगरपालिका ने इस कन्‍या पाठशाला के बारे में पता लगाने का प्रयास किया तो उसका कोई अता पता नहीं चला। यहां तक कि जमीन के दस्‍तावेजों में कन्‍या पाठशाला की किसी  प्रबंध समिति का भी कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में जब तक इस जमीन के दस्‍तावेजों से इस अदृश्‍य कन्‍या पाठशाला का नाम नहीं हटाया जाता तब तक दादरी का मॉडल बस स्‍टैंड नहीं बन सकता। ऐसे में बस स्‍टैंड और कार पार्किंग की योजना खटाई में पड़ गई है।

परिवहन विभाग से मिल गई थी अनुमति

नगरपालिका के अधिकारियों का कहना है कि बाकायदा शासन से परिवहन विभाग की टीम जमीन का मुआयना करने भी आई थी। टीम ने स्‍थलीय निरीक्षण के बाद दादरी के लिए मॉडल बस स्‍टैंड बनाने की अनमुति भी दे दी थी।

दादरी बस स्‍टैंड खंडहर में हो चुका है तब्‍दील

वर्तमान में दादरी में तिराहे के करीब बस स्‍टैंड स्थित है। इसकी हालल जर्जर है। यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए कोई व्‍यवस्‍था नहीं है। यहां तक कि यह एक खंडहर में तब्‍दील हो चुका है। परिवहन विभाग का भी कोई अधिकारी यहां पर नहीं बैठता है। दादरी बाइपास के निर्माण के बाद दादरी के जाम से बचने के लिए यूपी रोड़वेज सहित अधिकांश वाहन बाइपास से होकर गुजरते हैं। ऐसे में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दादरी के यात्रियों को लम्‍बी रूट की बसों में सफर के लिए धूम मानिकपुर अथवा चिटेहरा बाइपास पर पहुंचना पड़ता है। ऐसे में दादरी नगर में स्थित बस स्‍टैंड की वर्तमान में कोई उपयोगिता नहीं है।

क्‍यों है दादरी को कार पार्किंग की आवश्‍यकता ?

दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्‍ली, गाजियाबद, अलीगढ और बुलन्‍दशहर तथा हापुड़ और मेरठ तक चंद मिनटों की पहुंच के कारण लोग दादरी में अपना घर बनाना चाहते हैं। अन्‍य  शहरों की अपेक्षा यहां पर जीवन निर्वहन के बेहतर साधन भी यहां पर सुगम और सुलभता के साथ उपलब्‍ध हैं। यही कारण है कि दादरी नगर की अपनी लोकेशन के कारण पिछले एक दशक में जनसंख्‍या तेजी से बढ़ी है। जितनी तेजी से नगर की जनसंख्‍या बढ़ी है उतनी ही गति से वाहनों की संख्‍या भी बढ़ी है। दादरी जिले का एक महत्‍वपूर्ण बाजार है। यहां पर आसपास के शहरों और गांवों से लोग खरीददारी के लिए आते हैं। लेकिन शहर में वाहनों के पार्क करने के लिए कोई निश्चित स्‍थान नहीं होने के कारण लोग सड़कों पर वाहन खड़ा करते हैं जिससे नगर में बाइपास निर्माण के बाद भी जाम की स्थिति बनी रहती है। हालांकि जाम का मुख्‍य कारण नगर की मुख्‍य सड़कों पर किया गया स्‍थाई अतिक्रमण भी है। ऐसे में इस स्‍थाई अतिक्रमण और पार्किंग के कारण लगने वाले जाम के सामने पुलिस भी असहाय प्रतीत दिखाई देती है।

इस संबंध में दादरी चैयरमेन गीता पंडित का कहना है कि बाइपास पर दादरी नगरपालिका की 3 एकड़ जमीन पर मॉडल बस स्‍टैंड बनवाने की योजना थी। जिसके बाद नगर में स्थित बस स्‍टैंड पर मल्‍टीस्‍टोरी कार पार्किंग बनाने का नगरपालिका का विचार था। लेकिन जिस जमीन पर मॉडल बस स्‍टैंड बनाने की योजना था, उसे फर्जीवाड़ा करके किसी ऐसी संस्‍था के नाम पर दर्ज कराया गया है जिसका   अस्तित्‍व ही नहीं है। वहीं दादरी नगरपालिका के ईओ समीर कश्‍यप का कहना है कि जिस जमीन को मॉडल बस स्‍टैंड निर्माण के लिए चिन्हित किया गया था, जांच में पता चला कि उसे हडपने के उद्देश्‍य  से किसी नाम पर काफी समय पहले दर्ज कराया गया था।

 

 

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