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इंसान धरती पर हमेशा नहीं रहेगा, एक दिन समाप्‍त हो जाएगी धरती, जानिए क्‍या है पूरा मामला

Man will not be on earth forever, one day the earth will end, know what is the whole matter

Panchayat24 : मनुष्‍य धरती पर हमेशा नहीं रहेंगे। एक दिन धरती भी समाप्‍त हो जाएगी। यह बात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख डॉ एस सोमनाथ बेंगलुरू में आयोजित ह्यमून स्पेस फ्लाइट में गगनयान की जरुरतों पर बोलते हुए कही। दरअसल, उनसे पूछा गया कि अंतरिक्ष में मानवों को भेजने की क्‍या जरूरत पड़ रही है ? क्‍यों दूसरे गृहों पर लगातार जीवन की तलाश की जा रही है ? धरती से इंसानों के रहने के लिए बेहतर है। फिर अंतरिक्ष की यात्राएं क्‍यों की जा रही हैं ?

कैसे होगी धरती समाप्‍त ?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि एक समय था जब धरती पर डायनासोर हुआ करते थे। फिर इंसानों का युग आया। एक समय ऐसा भी आएगा जब इंसान धरती से विलुप्‍त हो जाएंगे। हो सकता है धरती ही नष्‍ट हो जाए। इसके लिए इंसान भी जिम्‍मेवार हो सकते हैं, प्रकृति या फिर एस्‍टेरोयड भी जिम्‍मेवार हो सकते हैं। धरती पर मनुष्‍यों का जीवन काफी सीमित है। किसी नई धरती की तलाश आवश्‍यक है।

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि चन्‍द्रमा, मंगल और अन्‍य ग्रहों पर एस्‍टेरोडस की बारिश होती रहती है। वहां वायुमण्‍डल नहीं है जो इस एस्‍टेरोडस की बारिश को रोक सके। धरती के पास वायुमण्‍डल होने के कारण यह बची हुई है। यह हमेशा रहेगा, यह नहीं कहा जा सकता। डायनासोर जानवर थे। उनके पास विवेक नहीं था। वह अपने अस्तित्‍व को बचाने के लिए प्रयास नहीं कर सके। लेकिन इंसान के पास विवेक है। वह प्रयास कर सकता है। यदि इंसानों ने नए विकल्‍प नहीं तलाशे तो एक दिन यह महाविनाश हो सकता है।  समय रहते दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज इसी दिशा में किए जा रहे प्रयास हैं।

हमने प्रयास नहीं किए तो लोग हमे नए क्षेत्रों से बाहर कर देंगे

मडिया रिपोर्ट के अनुसार इसरो चीफ ने कहा कि दुनिया भर के लोग नए क्षेत्रों की तलाश कर रहे हैं। यदि भारत ने इस तरह के प्रयास नहीं किए तो लोग हमें इन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देंगे और बाहर कर देंगे। उन्‍होंने कहा कि अंटार्कटिका में दुनिया भर के देशों के सेंटर हैं। भारत के भी तीन सेंटर हैं। हम भी नए क्षेत्रों की खोज में जुटे हैं। चन्‍द्रमा पर हमने कदम रखे हैं। मंगल पर हम सबसे पहले पहुंचे हैं।

गगनयान ही नहीं, अंतरिक्ष में अपना स्‍पेस स्‍टेशन भी बनाएंगे

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि गगनयान केवल हमारा एक प्रयास है।यह यहीं नहीं रूकेगा।  भारत आजादी के अमृतमहोत्‍सव पर स्‍पेसफ्लाइट एक्‍सपोट शुरू करने जा रहा है। जब देश आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा, हम अंतरिक्ष में अपना स्‍पेस स्‍टेशन बना चुके होंगे। हमारा लक्ष्‍य है जब दुनिया के बड़े स्पेस मिशन में बड़े देश शामिल हों, उस समय भारत का एक या दो एस्ट्रोनॉट उस टीम का हिस्सा बने। अंतरिक्ष की खोज में हमारी भूमिका महत्‍वपूर्ण होगी। दुनिया इस मिशन में हमे शामिल करे।

हमारी अगली पीढ़ियां करेंगी सौर मंडल की यात्राएं

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष में हमारे सफल अभियानों ने यह साबित कर दिया है कि हमारा देश, हमारे वैज्ञानिक और इसरो किसी भी देश को कड़ी टक्‍कर दे सकते हैं। हमारे लिए आवश्‍यक है अपने लोगों आवश्‍यक हैं। हम लोगों की बेहतरी के लिए कई तरह की सुविधाएं समय समय पर मुहैया कर रहे हैं। हमारी अगली पीढ़ियां दूसरे ग्रह, सौर मंडल और उसके बाहर एक्सोप्लैनेट तक जाएंगी

 

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