उत्तर प्रदेश

भाजपा के पश्चिम उत्‍तर प्रदेश क्षेत्रीय अध्‍यक्ष सतेन्‍द्र सिसौदिया के सामने अपने बने समस्‍या, राजनीतिक कौशल सिद्ध करने की चुनौती

BJP's Western Uttar Pradesh Regional President Satendra Sisodia faces a problem of his own making, a challenge to prove his political skills.

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के विजय रथ के सामने राजपूत समाज की नाराजगी ने अवरोध पैदा करने का प्रयास किया है। उत्‍तर प्रदेश सहित राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश में राजपूत समाज ने भाजपा पर अनदेखी का आरोप लगाते लगाए हैं। कई स्‍थानों पर राजपूत समाज द्वारा सभाएं करके भाजपा के बहिष्‍कार की आवाज उठा रहा है। ऐसे में भाजपा संगठन से जुड़े राजपूत समाज के पदाधिकारियों की जिम्‍मेवारी बढ गई हैं। इनमें से एक नाम भाजपा के पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्‍यक्ष सतेन्‍द्र सिसौदिया का भी है। उनके ऊपर न केवल पश्चिम उत्‍तर प्रदेश, बल्कि अपने गृह जनपद गौतम बुद्ध नगर में भी चुनौती खड़ी हो गई है। जिस तरह से राजपूत समाज भाजपा विरोध की आवाज बुलंद कर रहा है, सतेन्‍द्र सिसौदिया को पार्टी और समाज के बीच सेतू की भूमिका निभानी होगी। उन्‍हें सामने अपने राजनीतिक कौशल को साबित करने की चुनौती खड़ी हो गई है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, राजपूत समाज भारतीय जनता पार्टी का कोर वोटर रहा है। इस बार भाजपा ने टिकट वितरण में कई राजपूत समाज के दावेदारों के टिकट काट दिए हैं जिसको लेकर राजपूत समाज भारतीय जनता पार्टी से नाराज दिख रहा था। गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर वैश्‍य समाज के अतुल गर्ग को दिए जाने और मेरठ लोकसभा सीट पर भी ठाकुर समाज की दावेदारी की अनदेखी ने आग में घी का काम किया है। कुछ इसी प्रकार की घटनाएं दूसरे राज्‍यों में भी घटी हैं। सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को राजपूत समाज का अपमान बताने वाली खबरें खूब प्रचारित की जा रही हैं। इसका असर पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के राजपूत बाहुल्‍य क्षेत्रों में दिखने लगा है। पश्चिम उत्‍तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, बुलन्‍दशहर, मुरादाबाद और संभल आदि कसभा सीटों पर राजपूत समाज की अच्‍छी खासी संख्‍या है। भारतीय जनता पार्टी ने सतेन्‍द्र सिसौदिया को पश्चिम उत्‍तर प्रदेश क्षेत्रीय अध्‍यक्ष बाकर संगठन में बड़ी जिम्‍मेवारी सौंपी है। जिस तरह से अचानक उनका समाज भारतीय जनता पार्टी के विरोध की मुहिम चला रहा है, यह सतेन्‍द्र सिसौदिया के सामने खुद को साबित करने की चुनौती है। ।

सतेन्‍द्र सिसौदिया के लिए गृह जनपतद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट की डगर है कांटों भरी

दरअसल, सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया गौतम बुद्ध नगर के प्‍यावली गांव के रहने वाले हैं। उनका गांव राजपूत समाज बाहुल्‍य साठा चौरासी में स्थित हैं। यह बेल्‍ट में सिसौदिया राजपूतों के 60 गांव पड़ते हैं, जबकि तोमर राजपूतों के 84 गांव शामिल हैं। साठा चौरासी बेल्‍ट पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलन्‍दशहर तक फैली हुई है। साठा चौरासी बेल्‍ट का एक हिस्‍सा गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के अन्‍तर्गत भी आता है। यह पूरा क्षेत्र दादरी विधानसभा का हिस्‍सा है। वहीं, गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट की तीन अन्‍य विधानसभाओं, जेवर, सिकन्‍द्राबाद और खुर्जा, पर भी ठाकुर मतदाताओं की अच्‍छी खासी तादात है। टिकट वितरण को लेकर राजपूत समाज द्वारा किए जा रहे भाजपा विरोध की तपिश गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भी देखी जा रही है। ऐसे में सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया के लिए गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पार्टी के लिए खुद की उपयोगिता साबित करना होगा। यह उनके लिए कांटों भरी राह है।

चुनौती बड़ी, प्रयास बाकी

बहुजन समाज पार्टी ने यहां से ठाकुर समाज के राजेन्‍द्र सिंह सोलंकी को गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से उम्‍मीदवार बनाया है। राजपूत समाज में सजातीय उम्‍मीदवार के पक्ष में मतदान करने की मांग उठ रही है। ऐसे में सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया को गृह जनपद में भारतीय जनता पार्टी के लिए राजपूत समाज से दोहरी चुनौती से जूझना होगा। पहला, भाजपा के प्रति राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करना। दूसरा, समाज के मतदाताओं को बहुजन समाज पार्टी उम्‍मीदवार के पक्ष में खड़े होने से रोकना। उन्‍हें ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे राजपूत समाज अधिक से अधिक भारतीय जनता पार्टी उम्‍मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए तैयार हो सके। जानकारों की माने तो सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया के सामने बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद उन्‍होंने अभी तक साठा चौरासी में समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए संवाद कार्यक्रम तक आयोजित नहीं किए हैं।

सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया का भाजपा में तेजी से बढ़ता कद भी है अंदरखाने भाजपा विरोध का कारण !

जानकारों की माने राजपूत समाज के कई स्‍थानीय नेता समाज के सम्‍मान की  लड़ाई की आड़ में भाजपा द्वारा उनकी राजनी‍तिक महत्‍वाकांक्षाओंं को पूरा नहीं किए जाने से नाराज हैं। वहीं, कई दूसरे स्‍थानीय राजपूत समाज के नेता भारतीय जनता पार्टी द्वारा सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया का तेजी से संगठन में कद और पद बढ़ाए जाने को लेकर अंदरखाने नाराज बताए जाते हैं। जानकारों की माने तो राजपूत समाज में सतेन्‍द्र सिंह सिसौ‍दिया से अधिक अनुभवी कार्यकर्ता भाजपा में मौजूद हैं। ऐसे में भाजपा ने उनकी अनदेखी करके सतेन्‍द्र सिंह सिसौ‍दिया को संगठन में तवज्‍जो दी है। वर्तमान परिस्थितियों में ऐसे नेता भी साठा चौरासी और गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर सतेन्‍द्र सिसौदिया के लिए खासी परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

बहुजन समाज पार्टी प्रत्‍याशी के पक्ष में सभा करते हुए भाजपा नेता ठाकुर देवेन्‍द्र खटाना।

सतेन्‍द्र सिसौदिया के गांव के पड़ोसी राजपूत समाज से संबंध रखने वाले भाजपा के वरिष्‍ठ नेता देवेन्‍द्र सिंह खटाना ने अपनी फेसबुक पर कई फोटों के साथ पोस्‍ट शेयर की है। पोस्‍ट में लिखा है कि गौतमबुद्धनगर लोकसभा से बसपा प्रत्याशी ठा.राजेंद्र सिंह सोलंकी जी के आगामी कार्येक्रमों एवं जनसंपर्क अभियानों की कार्ययोजना बनाकर जुटने का आह्वान किया। फेसबुक पर पोस्‍ट की गई फोटों में देवेन्‍द्र खटाना कई लोगों के साथ बैठक करते हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठक उनके घर पर ही आयोजित की गई थी। ठाकुर देवेन्‍द्र सिंह खटाना को रक्षामंत्री देवेन्‍द्र सिंह खटाना का करीबी बताया जाता है। जानकारों का कहना है कि देवेन्‍द्र सिंह खटाना ने बीते विधानससभा चुनावों में सिकन्‍द्रबाद लोकसभा सीट से भाजपा के सामने दावेदारी पेश की थी। लेकिन पार्टी ने उनके स्‍थान पर लक्ष्‍मीराज को उम्‍मीदवार बनाया। लक्ष्‍मीराज यहां से पार्टी के टिकट पर विजयी हुए थे।

भाजपा की गुटबाजी भी दिखाने लगी है रंग !

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी भाजपा द्वारा डॉ महेश शर्मा को प्रत्‍याशी बनाए जाने के बाद कुछ समय के लिए शांत हो गई थी। माना जा रहा था कि सबकुछ शांत हो चुका है। लेकिन जानकार इस शांति को नए सिरे से रणनीति बुनने का काल मान रहे थे। वर्तमान में जिस तरह से राजपूत समाज के भाजपा विरोध की आड़ में भाजपा की गुटबाजी बदले हुए रंग में समाने आ रही है, जानकारों की आशंकाएं सही साबित हो रही हैं। जेवर विधायक ठाकुर धीरेन्‍द्र सिंह के समर्थक भाजपा विरोध में अतिवादी सक्रियता दिखा रहे हैं। हालांकि जेवर विधायक ठाकुर धीरेन्‍द्र सिंह भाजपा प्रत्‍याशी डॉ महेश शर्मा के नामांकन में साथ खड़े दिखे थे। बता दें कि ठाकुर धीरेन्‍द्र सिंह गुट की ओर से लगातार डॉ महेश शर्मा का टिकट कटवाने के प्रयास किए गए थे। इसके बावजूद डॉ महेश शर्मा पर पार्टी ने विश्‍वास जताया और उन्‍हें लगातार चौथी बार उम्‍मीदवार बनाया है। इसके बाद से ठाकुर धीरेन्‍द्र सिंह आश्‍चर्यजनक तरीके से शांत हो गए थे। जानकार उनकी इस चुप्‍पी को भी एक रणनीति का ही हिस्‍सा मान रहे थे। ऐसे में भाजपा के क्षेत्रीय अध्‍यक्ष सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया को पार्टी गुटबाजी के इस नए स्‍वरूप से भी पार पाना बड़ी चुनौती है।

बड़ी जिम्‍मेवारी, बड़ी चुनौती !

सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया का राजनीतिक सफर जिला मंत्री से शुरू हुआ था। इसके बाद उन्‍हें जिला महामंत्री, गौतम बुद्ध नगर जिलाध्‍यक्ष और जिला संयोजक का सफर पार्टी जिला इकाई में तय किया। बाद में पार्टी ने इन्‍हें पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की क्षेत्रीय टीम में क्षेत्रीय मंत्री, क्षेत्रीय महामंत्री तथा क्षेत्रीय अध्‍यक्ष बनाया। वर्तमान में पार्टी ने उन्‍हें क्षेत्रीय अध्‍यक्ष जैसी महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेवारी संगठन में दी है। क्षेत्रीय अध्‍यक्ष बनने के बाद सतेन्‍द्र सिंह सिसौदिया पहली बार लोकसभा जैसे बड़े चुनाव का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उनके समाज की ओर से पार्टी के खिलाफत की जा रही है। ऐसे में सतेन्‍द सिंह सिसौदिया के सामने पार्टी के लिए खुद की उपयोगिता साबित करने की चुनौती खड़ी हो गई है।

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