ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की योजना ला रही रंग : गौवंश के बाद स्‍ट्रीट डॉग समस्‍या का होगा समाधान, बनेंगे पांच डॉग शेल्‍टर

Greater Noida Authority's plan is showing results: After cattle, the street dog problem will be solved, five dog shelters will be built

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में लावारिस गौधन के बाद स्‍ट्रीट डॉग समस्‍या के समाधान की दिशा में काम कर रहा है। शहर में कुत्‍तों द्वारा लोगों को काटने की लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद प्राधिकरण पांच डॉग शेल्‍टर बनाने जा रहा है। इस संबंध में आवेदन मांगे गई हैं। जल्‍द ही जमीन चिन्हित कर ली जाएगी। बता दें कि प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार न केवल गौवंश के देखभाल को लेकर गंभीर है। वहीं, कुत्‍तों की समस्‍या के समाधान को लेकर भी प्रयासरत हैं।

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में ग्रेटर नोएडा में स्‍ट्रीट डॉग के हमलों में कई लोग घायल हुए हैं। कई सोसायटियों में भी कुत्‍तों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। विशेष तौर पर ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में ऐसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। स्‍थानीय लोगों ने प्राधिकरण से मामले के समाधान की मांग की थी। प्राधिकरण ने पालतू कुत्‍तों के लिए रजिस्‍ट्रेशन का नियम बनाया था। हालांकि आवारा और स्‍ट्रीट डॉग को लेकर अभी भी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था। प्राधिकरण समस्‍या समाधान के लिए गंभीर दिखाई दे रहा है। कुत्‍तों के रख रखाव के लिए डॉग शेल्‍टर बनाने की तैयारी की जा रही है। प्राधिकरण ने इस संबंध में आवेदन मांगे थे। दो संस्‍थाओं ने रूचि दिखाते हुए अपने आवेदन भी जमा किए हैं।

जीएम गौशाला आर के भारती के अनुसार आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्राधिकरण जमीन का चिन्हिकरण करेगा। यहां चयनित संस्‍थाओं द्वारा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार किया जाएगा। इन शेल्‍टरों में बीमार एवं घायल स्‍ट्रीट डॉग्स को लाया जाएगा। वहीं, लोगों पर हमला करने वाले आवारा कुत्‍तों को भी यहां रखा जाएगा। प्राधिकरण ने कुत्‍ता पकड़ने वाली गाड़ी भी खरीदी है। बता दें कि प्राधिकरण ने शहर में विचरण करने वाले आवारा गौधन के संरक्षण की दिशा में तेजी से काम किया है। जीएम गौशाला की भी तैनाती की है। इसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। प्राधिकरण की जलपुरा स्थित गौशाला में गौवंश की दुर्दशा और मौतों की खबर आती रही थी। वर्तमान में इस गौशाला को आधुनिक रूप प्रदान किया गया है। गायों की सहुलियत के सभी इंतजाम किए गए हैं। इसकी क्षमता पांच हजार गायों की है जबकि वर्तमान में यहां लगभग तीन हजार गायों की देख रेख की जा रही है। वहीं, पोवारी में भी प्राधिकरण ने एक मॉर्डन गौशाला का निर्माण किया है। हाल ही में इसका उदघाटन किया गया है। इस गौशाला की क्षमता लगभग एक हजार से अधिक है जबकि वर्तमान में यहां पांच सौ गायों की देख भाल हो रही है।

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने भविष्‍य में गौवंश की देखभाल के लिए योजना बनाई है। उन्‍होंने अलग से चार सौ करोड़ रूपयें की एफडी की है। इस एफडी के ब्‍याज को गौवंश की देखभाल पर खर्च किया जाएगा। इससे भविष्‍य में हजारों की तादात में गौशाला में रह रही गायों के सामने जीवन का संकट पैदा नहीं होगा।

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