किसानों ने शुरू की आरपार की लड़ाई, मांगों को लेकर महापंचायत, राकेश टिकैत ने दिया जीत का मूल मंत्र
Farmers started a fight to the finish, Mahapanchayat regarding demands, Rakesh Tikait gave the key to victory

Panchayat 24 : किसानों की मांगों को लेकर किसान संगठनों ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण कार्यालय पर एक महापंचायत का आयोजन किया। महापंचायत का आयोजन लगभग दस किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किया गया। वहीं, लगभग दस संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा महापंचायत को समर्थन दिया गया। महापंचायत में लगभग हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए। महापंचायत में भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत भी यहां पहुंचे। राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए केन्द्र और राज्य सरकारों पर किसानों को बर्बाद करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया। उन्होंने किसान संगठनों को प्राधिकरणों, शासन और सरकार के खिलाफ शुरू किए गए आन्दोलन को सफल बनाने के लिए जीत का मूल मंत्र भी दिया। महापंचायत की अध्यक्षता दशरथ सिंह ने की महापंचायत का संचालन उदल आर्य एवं राजीव मलिक ने किया महापंचायत को सुनील फौजी, डॉ रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान, डॉ विकास, सुधीर चौहान, अनिल तालान, पवन खटाना, अंशुमान ठाकुर, अमन ठाकुर, हरवीर नागर, बीसी प्रधान, जगबीर नंबरदार, नीरज चौहान, अतुल यादव, वीर सिंह नागर और जितेंद्र भाटी ने संबोधित किया।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में किसानों की जमीनों को शासन द्वारा औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा अधिग्रहण किया गया है। इनमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित यूपीसीडा (यूपीएसआईडीसी), एनटीपीसी तथा कुछ किसानों की जमीनों को कौडियों के भाव कुछ बिल्डरों द्वारा खरीदा गया था। किसानों का आरोप है कि शासन और सत्ता की शह पर किसानों की जमीनों का उन्हें बहुत ही कम मूल्य दिया गया। किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, दस प्रतिशत विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के आधार पर किसानों की जमीनों का भविष्य में अधिग्रहण किए जाने की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि जब से नया भूमि अधिग्रहण कानून संसद से पारित होने के बाद कानून बना है, उसके बाद से किसानों को इसका लाभ मिलना चाहिए।
किसानों ने प्राधिकरणों पर विश्वास घात का आरोप लगाया। विभिन्न किसान संगठनों द्वारा कहा गया कि किसानों को बढ़े हुए अतिरिक्त मुआवजा और दस प्रतिशत विकसित भूखंड आदि की मांगों को लेकर लंबे समय से किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़़ रहे हैै। हर बार प्राधिकरण एवं शासन किसानों को झूठा आश्वासन देता रहा है। इसी साल किसानों ने लगभग तीन महीनों तक ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का घेराव कर अपनी मांगों के जोरदार तरीके से उठाया था। इसके बावजूद परिणाम शून्य रहा। किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था। लेकिन आज तक हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा करते हुए कहा कि जब तक किसानों के दस प्रतिशत आबादी प्लाट, नए कानून के सभी लाभ एवं हाई पावर कमेटी की सकारात्मक सिफारिशें लागू नहीं होत, आंदोलन रोज तेज होता चला जाएगा।
महापड़ाव के रूप में आगे बढ़ेगा किसान आन्दोलन
महांचायत सम्पन्न होने के बाद किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापड़ाव डाल दिया। यह महापड़ाव आगामी 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर रहेगा। इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर महापड़ाव रहेगा। 2 दिसंबर को संसद के शीतकालीन संत्र के दौरान किसान दिल्ली कूच करेंगे।
मोदी-योगी सरकारें किसान विरोधी : हन्ना मौलाना
किसान महापंचायत को अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष आठ बार के लोकसभा सांसद हन्ना मौलाना संबोधित करते हुए कहा कि मोदी योगी निजाम किसान विरोधी निजाम है। भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश की सरकार पूरी नंगई के साथ पूंजी पत्तियों से रिश्वत खाकर फंड प्राप्त कर उनके पक्ष में जमीनों एवं प्राकृतिक संसाधनों को कौड़ियों के दाम पर ट्रांसफर कर रही है। किसानों की बर्बादी का पूरे देश में खुला खेल चल रहा है।
बटेंगे तो लुटेंगे : राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने तेजी से बन रहे किसान संगठनों पर बोलते हुए कहा कि किसान आन्दोलनों को तोड़ने के लिए सरकार की ओर से भी बड़ी संख्या में संगठन बनवाए जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में चल रहे किसान आन्दोलन की सफलता के लिए कहा कि पहला चरण 41 दिन का होगा। किसानों को कसम उठानी होगी कि हम घर नहीं जाएंगे। यह आन्दोलन लंबा चलेगा।
किसान महापंचायत में क्या बोले राकेश टिकैत ? वीडियो देखरे के लिए यहां क्लि करें
जिस दिन आन्दोलन में हिंसा अथवा पुलिस और प्रशासन से टकराव किसान संगठन करेंगे, उस दिन धरना असफल होकर समाप्त हो जाएगा। दिल्ली के बॉर्डर पर यह किसान आन्दोलन चलेगा तो पूरी तैयारी से वहां संयुक्त मोर्चा वहां पहुंचे। गौतम बुद्ध नगर में हो रहे भूमि अधिग्रहण पर उन्होंने महेन्द्र सिंह टिकैत की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि नोएडा में किसानों की जमीन छीनने की शुरूआत हो चुकी है। यदि यह लड़ाई गौतम बुद्ध नगर के किसान हार गए तो यह लड़ाई देश का किसान हार जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के महापड़ाव में वह भी समय समय पर आकर रात को वहां रूकने का काम करेंगे।
किसान महापंचायत को आयोजित करने वाले संगठन
अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, भारतीय किसान यूनियन टिकैत, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, भारतीय किसान यूनियन कृषक शक्ति, भारतीय किसान यूनियन अजगर, किसान एकता संघ, किसान मजदूर मोर्चा, जय जवान जय किसान मोर्चा और सिस्टम सुधार संगठन
किसान महापंचायत को समर्थन करने वाले संगठन
भारतीय किसान यूनियन भानू, किसान यूनियन मंच, सीटू, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, समाजवादी पार्टी, भारतीय किसान यूनियन चठूनी, जनवादी महिला समिति। भवदीय, डॉक्टर रुपेश वर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा गौतम बुद्ध नगर