नक्सलियों के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा बनता जा रहा है ‘पनाहगाह’, पुलिस और इंटेलीजेंस फेल हुआ हर बार
Noida-Greater Noida is becoming a 'hideaway' for Naxalites, police and intelligence failed every time
डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : दिल्ली एनसीआर के एक महत्तवपूर्ण हिस्से के तौर पर गौतम बुद्ध नगर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा जितनी तेजी से विकास कर रहे हैं, उतनी ही तेजी से यहां देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से आने वाले लोगों की संख्या में तेजी आ रही है। इनमें अधिकांश लोग रोजगार की तलाश में यहां आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ अनुभव बताते हैं कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा तेजी से नक्सलियों की पनाहगाह के रूप में भी जगह बना रहे हैं। बता दें कि बीते शनिवार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाने से कुछ दूरी पर छिप कर रहे दो नक्सलियों बीडीओ कोडा और पायल उर्फ पोली कुमारी को बिहार एसटीएफ ने दबोचा है। बिहार पुलिस देर रात ही दोनों नक्सलियों को अपने साथ ले गई। बता दें कि बीते साल 9 सितम्बर में बिहार के मुंगेर जिले में पुलिस तथा सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में दोनों आरोपी बच निकले थे। बिहार पुलिस को दोनों की सरगरमी से तलाश थी।
कई बार फेल हो चुकी है लोकल इंटेलीजेंस
बिहार एसटीएफ ने दो नक्सलियों को बीते शनिवार देर शाम ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिसरख थाने से कुछ दूरी पर स्थित झुग्गी झोपड़ी से गिरफ्तार किया। यह घटना जितनी बिहार एसटीएफ की सफलता की कहानी बयां करती है, उतनी ही गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट की पुलिस, विशेषतौर पर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की नाकामी को भी बयां करती है। यह आश्चर्य की बात है कि ग्रेटर नोएडा जैसे हाईटेक शहर में थाने से कुछ दूरी पर नक्सली छिपकर रह रहे थे और पुलिस तथा लोकल इंटेलीजेंस को इसकी कानोंकान भनक तक नहीं लगी। स्थानीय पुलिस को इसके बारे में तब पता चला जब बिहार पुलिस ने अपने इनपुट के आधार पर दोनों नक्सलियों के यहां छिपे होने की जानकारी उन्हें दी। पूर्व में भी इस तरह का इंटेलीजेंस फेलयर सामने आ चुका है।
नोएडा सेक्टर-49 में छिपे 6 नक्सलियों ने दिल्ली एनसीआर को दहलाने के थे इरादे
यूपी एटीएस ने अक्टूबर 2016 में नोएडा के सेक्टर-49 के हिंंडन विहार अपार्टमेंट से 6 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 6 पिस्टल, 50 कारतूस सहित अन्य हथियार बरामद हुए थे। इसमें बम बनाने से सम्बन्धित सामान भी शामिल था। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने चौकाने वाले खुलासे किए थे। आरोपियों ने बताया था कि एक सप्ताह के अन्दर एक बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। उस समय यह भी पता चला था कि यह अपनी आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए स्थानीय अपराधियों के साथ मिलकर एटीएम को लूटने, हत्या, अपहरण तथा हत्या जैसी वारदातों में शामिल रहे थे। उस समय पुलिस ने जिन प्रमुख नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया था, उनमें रंजीत पासवान, पवन, सचिन, कृष्ण कुमार, सूरज और आशीष सारस्वत के नाम शामिल थे। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के दिल्ली के निकट नोएडा में छिपे होने से केन्द्रीय जांच एजेंसियों में भी हड़कम्प मच गया था।
5 लाख का ईनामी प्रदीप सिंह खरवार भी नोएडा से पकड़ा गया था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूपी एटीएस ने अक्टूबर 2916 में नोएडा से जिन 6 नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया था, उससे पहले प्रदीप सिंह खरवार नामक नक्सली को गिरफ्तार किया था। वह नोएडा में छिपकर साल 2012 से रह रहा था। उसकी गिनती बिहार के मोस्ट वांटेड नक्सलियों में होती थी। वह लातेर में नक्सल एरिया कमांडर था और उस पर 5 लाख रूपये का ईनाम घोषित था।
नोएडा के सेक्टर-20 से पकड़ा गया था 50 हजार का ईनामी नक्सली कमांडर सुधीर भगत
27 मार्च 2018 को पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-5 स्थित हरौला गांव में छिपकर रह रहे बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी और 50 हजार के नक्सली कमांडर सुधीर भगत को भी गिरफ्तार किया था। उस समय पुलिस ने बताया था कि सुधीर भगत साल 2015 से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हरौला गांव में रह रहा था। वह मोदीनगर स्थित दिव्य ज्योति कॉलेज से बीटैक की पढ़ाई कर रहा था। सुधीर भगत पर बिहार में एक फैक्टरी में बम धमाका करने का आरोप था। इतना ही नहीं सुधीर भगत की नृसंसता का अनुमान पुलिस द्वारा बताई गई इस बात से लाया जा सकता है कि उसके ऊपर 14 हत्याओं और 6 नरसंहारों का भी आरोप था। इससे पूर्व साल 2016 में नोएडा से ही लगभग 7 नक्सली पकड़े गए थे। लेकिन सुधीर भगत बच निकलने में कामयाब रहा था।
जिले के बिलासपुर कस्बे से भी जुड़ चुके हैं नक्सलवाद के तार
ऐसा नहीं है कि नक्सलवादियों ने जिले के केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा को ही अपने लिए चुना है। इनके तार जिले के छोटे-छोटे कस्बों से भी जुड़ चुके हैं। साल 2016 में पकड़े गए नक्सलियों में एक नाम सचिन का था। सचिन दनकौर क्षेत्र के बिलासपुर कस्बे का रहने वाला था। जिले के छोटे छोटे कस्बों के युवाओं से नक्सलियों के सम्पर्क सामने आने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड गए थे।