पंचायत 24 की खबर की दिशा में दिखा मुख्य सचिव का रूख, किसानों के मुद्दे पर प्राधिकरणों, प्रशासन और पुलिस के संग की बैठक, अकर्मण्य अधिकारियों को दिया कड़ा संदेश
Chief Secretary's stance seen in the direction of Panchayat 24's news, held a meeting with authorities, administration and police on the issue of farmers, gave a strong message to inefficient officials

Panchayat 24 : शनिवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एक हाईलेवल मीटिंग में गौतम बुद्ध नगर के आन्दोलनरत किसानों के बारे में वही बात कही है जिन्हें दो दिन पूर्व पंचायत 24 ने एक लेख के माध्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। हाईलेवल मीटिंग में डीजीपी प्रशांत कुमार सहित तीनों प्राधिकरणों, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मीटिंग में मुख्य सचिव ने अहसास करा दिया कि किसानों की मांगों और अधिकारियों की कारगुजारियों के बारे में सरकार सच्चाई जानती है। उन्होंने स्पट कहा कि यह हाईलेवल मीटिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही आयोजित हो रही है। मुख्य सचिव ने किसानों की समस्याओं के निस्तारण के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची तैयार करने का जिक्र करते हुए कड़ी कार्रवाई की बात भी कही।
शायद यह पहला मौका है जब किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव और डीजीपी ने इस तरह की हाईलेवल मीटिंग में एक साथ शिरकत की हो और प्राधिकरण के अधिकारियों को कार्रवाई का कड़ा संदेश दिया गया हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों की समस्याओं को हल करने में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी मीटिंग में यह तय नहीं किया जा सका कि किसानों की समस्याओं को कब तक निस्तारित कर लिया जाएगा। यह मान सकते हैं कि बीमारी लंबी है तो पूर्ण स्वास्थ्य लाभ में समय लग सकता है। हालांकि इस दिशा में जल्द सकारात्मक प्रयास शुरू कर दिए जाए जिससे स्वास्थ्य लाभ के लक्षण दिखाई देने लगे। किसानों को सरकार के आश्वासन पर विश्वास हो जाएगा। यह विश्वास ही वर्तमान समस्या के समाधान का भविष्य में आधार बन जाएगा।
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यह हाईलेवल मीटिंग जिस समय आयोजित की जा रही है उस समय पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली कूच की जिद पर अड़े हुए हैं। पंजाब के किसान हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यहां से किसानों और पुलिस के बीच टकराव की खबरें भी सामने आ रही हैं। पिछली बार किसानों का दिल्ली कूच का अनुभव देश के लिए अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में केन्द्र सरकार चाहती है कि किसानों से हर हाल में संवाद कर किसानों की समस्याओं को हल कर लिया जाए। वहीं, उत्तर प्रदेश में इस बार किसान आन्दोलन की शुरूआत आशा के विपरीत गौतम बुद्ध नगर से हुई है। जबकि हर बार पश्चिम उत्तर प्रदेश की गन्ना बेल्ट के जिला मुजफ्फरनगर से बड़े किसान आन्दोलन की शुरूआत होती रही है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी मोड़ बदला हुआ दिखाई दे रहा है। शायद वह यही चाहते हैं कि इस बार किसान आन्दोलन गौतम बुद्ध नगर से शुरू होकर दिल्ली कूच करे। इसके पीछे गौतम बुद्ध नगर का दिल्ली के करीब होना और संसाधनों की सुलभ उपलब्धता हो सकती है। गौतम बुद्ध नगर के किसान आन्दोलन से उनका जुड़ाव, लगाव और बयान भी यहीं बताते हैं।
किसानों ने दिल्ली कूच का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से किसानों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। हालांकि लगभग 24 घंटों बाद इन किसानों को रिहा कर दिया गया था। प्रतीत हो रहा था कि किसान आन्दोलन को लेकर कोई सकारात्मक सुलह हुई हो गई है। तभी अचानक नाटकीय तरीके से कुछ देर बाद ही 34 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद से पूरे जिले में किसनों के दिल्ली कूच को लेकर भारी पुलिस बल तैनात है। कुछ लोगों को नजरबंद किए जाने की भी खबरें आ रही हैं। वहीं, पिछले दो दिनों से किसान लगातार गिरफ्तारी दे रहे हैं। जानकारी मिल रही है कि जेल में किसानों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। इस सबके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार का हर संभव प्रयास है कि गौतम बुद्ध नगर के किसान किसी भी स्थिति में दिल्ली कूच न करें। उनकी समस्याओं को हर हाल में हल किया जाए। यही कारण है कि हालात का जायजा लेने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार हाईलेवल मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए ग्रेटर नोएडा पहुंचे।