महिला सशक्तिकरण की दिशा में योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि, प्रदेश में महिला श्रम भागीदारी में ढाई गुना वृद्धि
Yogi government's big achievement in the direction of women empowerment, two and a half times increase in women labour participation in the state

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश में महिला आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। हाल ही में जारी WEE (Women Economic Empowerment) रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में महिला श्रम भागीदारी दर 2017-18 के 14 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 36 प्रतिशत तक पहुंच गई है। अर्थात बीते सात वर्षों में 22 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
हालांकि रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में जहां भारत की महिला श्रम भागीदारी दर 45 प्रतिशत है, जबकि साल 2014 में यह भागीदारी भारत के 25 प्रतिशत के औसत से काफी नीचे थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार यह प्रगति न केवल राज्य की, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति दे रही है। महिलाओं की भागीदारी के बिना ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी’ का लक्ष्य अधूरा है, और सरकार इस दिशा में सतत कार्य कर रही है।
राज्य सरकार के अनुसार महिलाओं को केंद्र में रखते हुए कई नीतिगत फैसले लिए, जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव अब दिखने लगा है। महिला सुरक्षा, मिशन शक्ति, सरकारी नौकरियों में भागीदारी, रात की शिफ्ट में कार्य की अनुमति और औद्योगिक इकाइयों में रोजगार के अवसर जैसी योजनाओं ने महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण तैयार किया।
औद्योगिक क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है। पहले जहां 29 खतरनाक श्रेणियों में महिलाओं को काम करने की अनुमति नहीं थी, वहीं अब सभी श्रेणियों में सुरक्षा मानकों के तहत उन्हें कार्य की अनुमति दी गई है। यह अनुमति कुछ विशेष शर्तों और सुरक्षा मानकों के अधीन दी गई है।
अर्थात महिला श्रमिकों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधा का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा। कारखानों को निर्धारित सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके अतिरिक्त, रात्रिकालीन पाली में कार्य की अनुमति भी बड़ी पहल साबित हुई है। बता दें कि शुरुआत में केवल 12 श्रेणियों में शर्तों के साथ छूट दी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 16 किया गया।
राज्य सरकार के प्रयासों का असर ई-श्रम पोर्टल पर भी देखा जा सकता है, जहां महिला श्रमिकों की भागीदारी 53 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। वहीं, निर्माण क्षेत्र में भी 34.65 प्रतिशत महिला श्रमिक सक्रिय हैं। प्रदेश में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के जरिए 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में जोड़ा गया है।