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शहरों में ट्रेफिक जाम और भीड़भाड़ को कम करने के लिए सरकार की योजना तैयार, सततीय विकास पर जोर

Government's plan to reduce traffic jams and congestion in cities, emphasis on sustainable development

Panchayat 24 : आबादी में लगातार हो रही वृद्धि और वाहनों की बढ़ती संख्‍या के चलते हर शहर में भीड़भाड़ और ट्रेफिक जाम की समस्‍या पैदा हो गई है। उत्‍तर प्रदेश सरकार ने इन दोनों ही समस्‍याओं के समाधान के लिए योजना तैयार की है। इससे जहां शहर में बढ़ती भीड़भाड़ कम होगी, वहीं ट्रेफिक व्‍यवस्‍था पर सामान्‍य हो जाएगा। इसके अतिरिक्‍त सरकार ने अतिक्रमण, ग्रीन बेल्‍ट संरक्षण, गांवों की आबादी  का सीमांकन सहित बिजली, पानी और ड्रेनेज सिस्‍टम को भी मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही प्राधिकरणों में अच्छे टाउन प्लानर की तैनाती के साथ दायरा बढ़ाने और आय के नए स्रोत सृजित करने पर बल दिया गया।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आला अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में खुर्जा, बुलन्दशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरणों की जीआईएस आधारित महायोजना-2031 के प्रस्तुतिकरण के के दौरान कहा कि सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा। इस इनर रिंग रोड के आसपास विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों का विकसित करने की आवश्‍यकता है। इसके लिए कहीं स्पोर्ट्स सिटी, मेड़ी सिटी, नॉलेज सिटी, नेचर पार्क, आयुष पार्क आदि का विकास किया जाना चाहिए। सड़कों को चौड़ी करते समय ड्रेनेज व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए।

नगरों में बढ़ रही कचरे की समस्‍या के समाधन के लिए तकनीकी प्रयोग पर जोर दिया गया। रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल की नीति के साथ सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर प्रयास होने चाहिए। एसटीपी एवं सीईटीपी का निर्माण कराएं। लैंडफिल साइट को पूर्व में चिन्हित किया जाना बहुत आवश्‍यक है।

नदियों के किनारे हो रहा अतिक्रमण चिंताजनक

बैठक के दौरान मुख्‍यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे हो रहा अतिक्रमण चिंताजनक है। प्रदेश में कई नदियां अतिक्रमण का बुरी तरह शिकार है। काशी, सहारनपुर सहित कई जिलों में ऐसी स्थिति देखी जा रही है। अलखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए आवश्‍यक है कि डूब क्षेत्र अथाव बेसिन में कोई बसावट न हो। पुराने तालाबों, पोखरों और जलाशयों को संरक्षित किया जाए। अतिक्रमण को तुरन्‍त हटया जाए।

हरित पट्टी के पास कोई कॉलोनी न बसाई जाए

मुख्‍यमंत्री ने शहरों की महायोजना में हरित क्षेत्र के संरक्षण पर जोर दिया गया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि हरिक्ष क्षेत्र को आरक्ष्ज्ञित किया जाए। किसी भी हरित पट्टी के पास कोई कॉलोनी न बसाई जाए। सीमा विसतार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। इन्‍हें हरित पट्टी के रूप में प्रदर्शित न किया जाए। स्‍थाीय जनप्रतिनिधियों से बातचीत कर जरूरी कार्रवाई को अमल में लाया जाए।

कॉलोनियों में हर मूलभूत सुविधा मुहैया कराई जाए

बैठक में योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि शहर के मास्‍टर प्‍लान में शामिल कॉलोनियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर ध्‍यान केन्द्रि‍त किया जाए। वहां सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाए। मास्‍टर प्‍लान को अंतिम रूप देते समय इस बात पर ध्‍यान रखा जाए कि जिस स्‍थान पर धार्मिक स्‍थान है उसी रूप में उसको दर्ज किया जाए। जनसमस्‍याओं के निस्‍तरण में तेजी लाई जाए। नक्‍शा पास कराने में कतई विलम्‍ब न हो।

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