जेवर विधानसभा

कोशिशें हुई तेज : जून 2025 के बाद ही कर सकेंगे ईस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेस-वे और यमुना एक्‍सप्रेस-वे पर बिना अवरोध एक साथ यात्रा

Efforts have been fast: Eastern will be able to travel simultaneously only after June 2025

Panchayat 24 :  जिले से होकर गुजरने वाले दिल्‍ली एनसीआर की दो अतिमहत्‍वकांक्षी परियोजनाएं ईस्‍टर्न पेरीफैरल एक्‍सप्रेस-वे और यमुना एक्‍सप्रेस-वे को आपस में जुड़ने में अभी 18 महीनों का समय लगेगा। हालांकि इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। काफी प्रयासों के बावजूद कुछ कारणों से दोनों एक्‍सप्रेस-वे आपस में अभी तक जुड़ नहीं सके थे। लेकिन आगामी 15 दिसंबर को उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव डीएस मिश्र दोनों एक्‍सप्रेस-वे को जोड़ने वाले इंटरचेंज का शिलान्‍यास करेंगे। यमुना प्राधिकरण ने इसकी सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यदि इंटरचेंज का निर्माण कार्य अपनी समय अ‍वधि में पूर्ण हो गया तो आगामी साल 2025 के जून महीने के अंत तक यात्री बिना किसी अवरोध के दोनों एक्‍सप्रेस-वे पर एक यात्रा कर सकेंगे। इंटरचेंज के बनन से दोनों एक्‍सप्रेस-वे पर यात्रा करने वाले लोगों को इसका काफी लाभ होगा। वहीं, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्‍सप्रेस-वे के सेक्‍टर भी इससे जुड़ जाएंगे जिसका यहां के निवासियों को भी बहुत लाभ होगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरूणवीर सिंह का कहना है कि उनका प्रयास होगा कि इंटरचेंज तय समय अवधि से पहले एक साल में ही बनकर तैयार हो जाए।

जमीन की उपलब्‍ध नहीं होने के कारण अटका हुआ था इंटरचेंज का निर्माण कार्य 

दरअसल, यमुना एक्‍सप्रेस-वे और ईस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेस-वे आपस में एक दूसरे को क्रॉस करते हुए गुजरते हैं, लेकिन कहीं पर भी एक दूसरे से जुड़े हुए नहीं है। इन दोनों एक्‍सप्रेस-वे पर काफी संख्‍या में ऐसे वाहन चालक भी सफर करते हैं जिन्‍हें दोनों एक्‍सप्रेस-वे से होकर गुजरना होता है। ऐसी स्थिति में वाहन चालकों और यात्रियों को लगभग 20 किमी का चक्‍कर लगाकर कासना और परीचौक के जाम से होकर गुजरना पड़ा है। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दोनों एक्‍सप्रेस-वे को एक दूसरे से जोड़े जाना समय की मांग थी। एनएचएआई और यमुना प्राधिकरण ने इसको जोड़ने के लिए प्रयास शुरू भी कर दिए थे। दनकौर क्षेत्र के जगनपुर गांव के पास दोनों एक्‍सप्रेस-वे को जोड़ने वाले इंटरचेंज का निर्माण किया जाना था। साल 2018 में इंटरचेंज के निर्माण के लिए कंपनी का भी चयन कर लिया गया था। लेकिन जिस जमीन पर इंटरचेंज का निर्माण किया जाना था, उससे संबंधित किसान कोर्ट चले गए और यह अति महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट पिछले कई सालों से अटका हुआ है। यमुना प्राधिकरण के काफी प्रयासों के बाद बात आगे बढ़ी है। इंटरचेंज निर्माण से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्‍त मुआवजा दिए जाने के बाद निर्माण कार्य का रास्‍ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे हरियाणा के सोनीपत से पलवल तक बना है। यह बागपत, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और हरियाणा में फरीदाबाद से होकर गुजरता है। इंटरचेंज के बन जाने से बागपत, गाजियाबाद, सोनीपत, पलवल, फरीदाबाद आगरा के लोग आसानी से एक दोनों एक्‍सप्रेस-वे पर यात्रा करके एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर पहुंच सकेंगे।

बढ़  चुकी है 47 करोड़ रूपये की लागत

पिछले कई सालों से यमुना एक्‍सप्रेस-वे और ईस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेस-वे के इंटरचेंज के अटकने से इसकी निर्माण लागत बढ़ गई है। शुरूआत में इसके निर्माण पर 75 करोड़ रूपये खर्च होने थे। अब यह धनराशि बढ़कर 122 करोड़ हो गई है। बढ़ी हुई 47 करोड़ रूपये की धनराशि को एनएचएआई वहन करेगा। इंटरचेंज के पूर्व के डिजाइन में कुछ बदलाव किए गए हैं। इंटरजेंच के उतार और चढ़ाव 30 और 60 मीटर चौड़ी सर्विस रोड से जुड़ेंगे। इससे प्राधिकरण के सेक्टर जुड़ जाएंगे और लोगों को आने जाने में आसानी होगी। इस पर 59 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। इस खर्च को प्राधिकरण उठाएगा।

 

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