द्वारका एक्सप्रेस-वे भारत की ऐसी सड़क जिसने बुर्ज खलीफा और एफिल टावर को भी पीछे छोड़ दिया
Dwarka Expressway is such a road in India which left behind even Burj Khalifa and Eiffel Tower.

Panchayat 24 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को द्वारका एक्सप्रेस-वे के हरियाणा में पड़ने वाले हिस्से का गुरूग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास वाले हिस्से का लोकार्पण किया। इस दौरान उनके साथ हरियाणा के राज्यपाल केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और गुरूग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने एक सभा को भी संबोधित किया। बाद में एक रोड़ शो भी किया।
हरियाणा वाले हिस्से में शामिल है दो खंड
हरियाणा वाले हिस्से की लंबाई 18.9 किमी है। वहीं, 10.1 किमी हिस्सा दिल्ली में पड़ता है। 8-लेन द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किमी लम्बे हरियाणा वाले हिस्से का निर्माण 41 सौ करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस परियोजना में 10.2 किमी लंबे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से बसई रेल-ओवर-ब्रिज (आरओबी) और 8.7 किमी लंबे बसई रेल-ओवर-ब्रिज (आरओबी) से खेड़की दौला तक के 2 हिस्से शामिल हैं।
एनएचएआई की माने तो इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली जयपुर हाईवे पर 50 से 60 प्रतिशत वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में कमी आएगी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 9 हजार करोड़ की रकम खर्च हो रही है। यह पूरी तरह सिग्नल फ्री होगा। इस एक्सप्रेस-वे के दिल्ली में पड़ने वाले भाग पर तेजी से काम चल रहा है। संभवत: जून में यह हिस्सा भी जनता को समर्पित किया जा सकता है। हरियाण में पड़ने वाले एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से के लोकापर्ण के बाद गुरूग्राम के लगभग 35 सेक्टर और 50 से अधिक गांव सीधे लाभांन्ति होंगे।
बुर्ज खलीफा और एफिल टावर को छोड़ेगा पीछे
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का अकेला सिंगल पिलर आठ लेन चौड़ा एक्सप्रेस-वे है। माना जा रहा है कि जब यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो यह बुर्ज खलीफा और एफिल टावर को भी पीछे छोड़ देगा। दरअसल, इसके पीछे तर्क है कि बुर्ज खलीफा के निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का प्रयोग होगा। यह एफिल टावर के निर्माण में प्रयोग किए गए स्टील से 30 गुना अधिक है। वहीं, इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का प्रयोग किया जाएगा जो बुर्ज खलीफा के निर्माण में प्रयोग हुए कंक्रीट का 6 गुना अधिक है।
23 किमी एलिवेटिड और 4 किमी टनल के अंदर होगा एक्सप्रेस-वे
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे होगा। इसका 23 किमी हिस्सा एलिवेटिड होगा। वहीं, चार किमी की दूरी यह एक्सप्रेस-वे टनल के अंदर तय करेगा। यह टनल रनवे के नीचे से होकर गुजरेगी। इसके निर्माण पर कार्य तेजी से चल रहा है। टनल निर्माण का 10 फीदी काम बाकी है। इस एक्सप्रेस-वे को भी देश की दूसरी परियोजनाओं की तरह भूमि अधिग्रहण एवं पर्यावरण तथा वृक्ष प्रत्यारोपण जैसी बांधाओं के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ा था। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद इन बाधाओं को दूर किया गया जिसके बाद एक्सप्रेस-वे के निर्माण में तेजी आ सकी।
चार हिस्सो में बंटा है द्वारिका एक्सप्रेस-वे
दिल्ली एनसीआर की अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से एक मानी जा रही द्वारका एक्सप्रेस-वे कुल चार हिस्सों में बनकर तैयार होगा। पहला हिस्सा महिपालपुर स्थित शिवमूिर्त से द्वारका तक क्षेत्र है। इसकी कुल लंबाई लगभग 4.20 किमी है। दूसरे हिस्से में द्वारका अर्बन एक्सटेंशन रोड से बजघेरा तक के 5.90 किमी हिस्से को जोड़ेगा। तीसरे हिस्से में गुरूग्राम के पास बजघेरा से बसई रेलवे ओवर ब्रिज का 10.20 हिस्सा जुड़ता है। चौथे हिस्से में बसई रेलवे ओवर ब्रिज से खेड़की दौला टोल प्लाजा तक 8.76 किमी हो जाता है। इसमें गुरुग्राम में पड़ने वाले राजमार्ग के हिस्से में क्लोवरलीफ इंटरचेंज शामिल है। यह दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे (एनएच -48) और खेड़की दौला के पास दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर) को जोड़ेगा।
दिल्ली हरियाणा के इन क्षेत्रों को होगा लाभ
दिल्ली द्वारका एक्सप्रेस-वे बनने से हरियाणा के स्टेट हाईवे-26 (पटौदी रोड़) हसरूर और फरूखनगर में स्टेट हाईवे-15ए में बसई के पास मिलेगा। दिल्ली रेलवे लाइन को गुरूग्राम में सेक्टर-88 ए और भरथल के पास क्रॉस करेगा। गुरूग्राम के 35 सेक्टर और 50 से अधिक गांव इससे सीधे जुड़ जाएंगे। यह एक्सप्रेस-वे गुरूग्राम के ग्लोबल सिटी के अतिरिक्त सेक्टर-88, सेक्टर-83, सेक्टर-84, सेक्टर-99 और सेक्टर-113 को दिल्ली के सेक्टर-21 से जोड़गा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से गुरूग्राम और दिल्ली के बीच की दूरी महज 25 मिनट और मानेसर से सिधु बार्डर की दूरी महज 45 मिनट में पूरी की जा सकेगी।