ग्रेटर नोएडा जोन

सहमति के बावजूद ग्रामीण गंगाजल परियोजना में अड़ा रहे अड़ंंगा, ग्रामीणों ने कहा प्राधिकरण ने वायदे के बावजूद नहीं किया जमीन पर कोई काम

Despite the consent, there are obstacles in the rural Gangajal project, the villagers said that the authority did not do any work on the land despite the promise

Panchayat24 : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिमहत्‍वाकांक्षी परियोजना एक बार फिर प्राधिकरण और किसानों के बीच कमजोर होते भरोसे की शिकार होती हुई दिखाई दे रही है। जहां प्राधिकरण का कहना है कि किसानों से वार्ता के बाद बनी सहमति पर प्राधिकरण ने काम करना शुरू कर दिया है। गांव में बारातघर, व्‍यायामशाला, लाइब्रेरी और सीसी रोड़ की मांग को  पूरा करने के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। अगले महीने से तेजी से गांव के सभी विकास कार्य शुरू हो जाएंगे। इसके बावजूद कुछ लोग डब्‍ल्‍यूटीपी पर अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं जिससे गंगाजल प्रोजेक्‍ट पूरा नहीं हो रहा है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल,  गंगाजल आपूर्ति के लिए प्राधिकरण की 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पूर्ण होने के अंतिम चरण में हैं। अपर गंगा कैनाल (हापुड़) से 85 क्यूसेक गंगाजल देहरा स्थित प्रारंभिक ट्रीटमेंट प्लांट से होते हुए दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंच गया।  लेकिन पल्‍ला गांव में पिछले 6 महीनों से गंगाजल परियोजना से प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर पल्ला स्थित डब्ल्यूटीपी पर धरने पर बैठे हुए हैं, जिससे निर्माणाधीन गंगाजल परियोजना अटक गई। पल्ला से जैतपुर तक करीब पांच किलोमीटर पाइपलाइन व डब्ल्यूटीपी की कमिश्निंग का काम होना है। इसके पूरा होते ही ग्रेटर नोएडावासियों को गंगाजल मिलने लगेगा।

दोनों पक्षों के बीच हो चुकी है वार्ता

प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह और किसानों के बीच वार्ता हो चुकी है। वार्ता में दोनों पक्षों के बीच लगभग सभी मुद्दों पर सहमति बन गई थी जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बनी थी, उन पर प्राधिकरण ने किसानों की शासन स्‍तर पर मदद का आश्‍वासन दिया था। इसके बाद प्रतीत होने लगा था कि जल्‍द ही गंगाजल प्रोजेक्‍ट की बाधा दूर हो जाएगी।

प्राधिकरण को लेकर किसानों के मन में अविश्‍वास

पल्‍ला गांव निवासी मास्‍टर राजवीर सिंह का कहना है कि एसीईओ से वार्ता के बाद अभी तक प्राधिकरण ने जमीनी स्‍तर पर कोई काम शुरू नहीं किया है। केवल कागजों में ही गांव के विकास कार्यों की चर्चा हो रही हे। ऐसे में प्राधिकरण की बातों पर ग्रामीणों को विश्‍वास नहीं है। वार्ता के बाद भी किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, 10 फीसदी आबादी भूखंड नहीं मिल सके हैं।   ग्रामीण चाहते हैं कि जितना कार्य प्राधिकरण प्रोजेकट को पूरा करने की दिशा में करे, उतना ही काम गांव में भी जमीन पर दिखना चाहिए। अर्थात ग्रामीण प्राधिकरण के साथ पूरी तरह एक हाथ दे, दूसरे हाथ ले की नीति पर काम करना चाहते हैं।

गंगाजल परियोजना के साथ डीएमआईसी का मामला भी हल हो

मास्‍टर राजवीर सिंह का कहना है कि प्राधिकरण किसानों के साथ डीएमआईसी मामले भी भी खेल कर रहा है। ऐसे में किसान चाहते हैं कि गंगाजल परियोजना और डीएमआईसी मामला एक साथ हो जाए। जब तक डीएमआईसी प्रभावित किसानों की मांगों नहीं मानी जाती किसान पल्‍ला स्थित धरनास्‍थल से नहीं हटेंगे।

8 लाख लोगोंं को है गंगाजल परियोजना का इंतजार 

गंगाजल परियोजना को लेकर ग्रेटर नोएडा के 8 लाख लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। शहर के इन आठ लाख निवासियों की गंगाजल की प्यास नहीं बुझ पा रही और दूसरे भूजल निकाल कर जलापूर्ति करनी पड़ रही है। इस परियोजना का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन कुछ लोग डब्‍ल्‍यूटी पर अभी भी धरना प्रदर्शन करने पर अड़े हुए हैं।

अगले माह से शुरू होने हैं विकास कार्य शुरू

प्राधिकरण के अनुसार पल्ला में बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण और पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का निर्माण शुरू कराने जा रहा है। प्राधिकरण के परियोजना विभाग ने बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण कराने के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। 21 जुलाई को प्री बिड खुलेगी। कॉन्ट्रैक्टर का चयन कर शीघ्र निर्माण शुरू कराया जाएगा। इन कार्यों पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का टेंडर भी शीघ्र जारी होने जा रहा है।

पुलिस बल का लेना पड़ेगा सहयोग

प्राधिकरण के अनुसार सहमति के बावजूद लोग अब भी धरना पर बैठे हुए हैं। इसके चलते परियोजना की कमिश्निंग का कार्य नहीं हो पा रहा है। ग्रेटर नोएडा के आठ लाख निवासी गंगाजल से वंचित हैं। सह जनहित से जुड़ी परियोजना है। प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्‍द्र सिंह ने किसानों से अपील की है कि गंगाजल परियोजना ग्रेटर नोएडा के सभी निवासियों के लिए बेहद अहम है। इससे ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों व गांवों में रहने वाले सभी लोगों को फायदा मिलेगा। किसानों के बच्चों का भविष्य भी इससे सुरक्षित होगा। किसानों से अपील है कि इस परियोजना को पूरी होने दें। अन्यथा कार्य शुरू कराने के लिए मजबूरन पुलिस से मदद लेनी पड़ेगी।

जल संकट से निपटे और किसानों के लिए भी अहम है गंगाजल परियोजना

गंगाजल परियोजना अधूरी होने के चलते एक तरफ ग्रेटर नोएडा की 8 लाख आबादी मीठे पानी से वंचित है तो दूसरी ओर किसानों को भी नुकसान हो रहा है। मजबूरन प्राधिकरण भूजल निकालकर जलापूर्ति कर रहा है, जिससे भविष्य में भूजल का संकट अधिक होगा। साथ ही नमी भी नीचे खिसक रही है। इस वजह से मिट्टी की उपज क्षमता पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। इससे आने वाले दिनों में ग्रेटर नोएडा के शहरी क्षेत्र के निवासी हों या फिर देहात, सभी को परेशानी उठानी पड़ेगी।

 

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