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कामयाबी की खुशी : हाईस्‍कूल में आच्‍छेपुर की बेटी ने 91 प्रतिशत अंकों के साथ हासिल किया जिले में चौथा स्‍थान, आईएएस अधिकारी बनकर करना चाहती है देश सेवा

Happiness of success: Achhepur's daughter scored 91 percent marks in high school, wants to serve the country by becoming an IAS officer

डाॅ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा 

Panchayat24 : उत्‍तर प्रदेश शिक्षा परिषद हाई स्‍कूल का परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है। गौतम बुद्ध नगर के रबूपुरा स्थित शांति देवी कन्‍या इण्‍टर कॉलेज में पढ़ने वाली सोनाली भाटी ने जिले में चौथा और लड़कियों में  91 प्रतिशत अंक हासिल कर दूसरा स्‍थान हासिल किया है। उसने साबित कर दिया है कि लगन और मेहनत से ग्रामीण आंचल के बच्‍चे भी बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं। सोनाली भाटी ने 546 अंक हासिल कर अपने स्‍कूल, परिवार और गांव का आच्‍छेपुर गांव का नाम रोशन किया है। आच्‍छेपुर गांव की इस बेटी का सपना है कि वह एक आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करे। Panchayat24 ने सोनाली भाटी से एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत की।

सवाल :- आपने 91 फीसदी अंक हासिल किए हैं। एक छात्र के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। कैसा महसूस हो रहा है ?

उत्‍तर :- बहुत अच्‍छा महसूस हो रहा है।

सवाल :- परीक्षा देने के बाद सोचा था कि आप इतने अंक हासिल कर पाओगी ?

उत्‍तर :- सोचा नहीं था, लेकिन मेहनत के आधार पर महसूस होगा कि प्रदर्शन अच्‍छा रहेगा।

सवाल:- परिवार में कौन कौन हैं ?

उत्‍तर :- हमारा परिवार एक संयुक्‍त परिवार है। परिवार में दादा, दादी, मम्‍मी, पापा, मैं और दो छोटे भाई हैं।

सवाल :- संयुक्‍त परिवार में कई बार सम्‍बन्‍धों के कारण या फिर काम के कारण व्‍यस्‍तता बनी रहती है। पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलता। आपने कैसे यह सब व्‍यवस्थित किया ?

उत्‍तर :- संयुक्‍त परिवार कमजोरी नहीं, मजबूती प्रदान करते हैं। उत्‍साहित करते हैं। मेरे सामने संयुक्‍त परिवार के चलते कोई ऐसी परेशानी नहीं आई कि मेरी पढ़ाई प्रभावित हुई हेा परिवार के लोगों ने मेरा हौसला बढ़ाया।

सवाल :- माता पिता क्‍या करते हैं ?

उत्‍तर :- माता जी का नाम रिंकी देवी है। वह एक गृहणी है, जबकि पिता का नाम राजकरण भाटी है। वह एक किसान है।

सवाल :- प्राथमिक शिक्षा कहां से हासिल की  ?

उत्‍तर :- मेरी सम्‍पूर्ण शिक्षा गांव से ही हुई है। मैं रबूपुरा स्थित शांति देवी कन्‍या इण्‍टर कॉलेज में पढ़ाई कर रही हूं।

सवाल :- व्‍यवस्थित अध्‍ययन से ही बड़ी उपलब्धि हासिल की जाती है। आपकी अध्‍ययन की क्‍या योजना थी?

उत्‍तर :- अध्‍ययन की बहुत विशेष योजना नहीं थी। बस स्‍कूल का काम समय पर करना और रोज चार से पांच घंटोंं का  समय निर्धारित कर पढ़ाई करना। वैसे तो मैंने सेल्‍फ स्‍टडी की है, लेकिन एक महीने भईया ने मेरा मार्गदर्शन किया था जो मेरे बहुत काम आया।

सवाल :- जीवन में आप क्‍या बनना चाहती है ?

उत्‍तर :- हर छात्र की तरह मेरा भी जीवन में एक लक्ष्‍य है। मैं एक आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहती हूं।

सवाल :- सिविल सर्विस ही क्‍यों ?

उत्‍तर :- इस सेवा में काम करने के लिए पूरी आजादी होती है। समाज में भी एक अलग मुकाम होता है। जब भी सिविल सर्विस का परीक्षा परिणाम आता है तो सफल अभयार्थियों को देखकर और पढ़कर एक अलग अनूभूति होती है।

सवाल :- छात्रों के लिए कोई संदेश ?

उत्‍तर :- जो छात्र असफल हुए हैं उनके लिए मैं कहना चाहूंगी, कि एक असफलता से जीवन समाप्‍त नहीं होता। हर रात के बाद नई सुबह होती हे। जिन छात्रों के कम अंक आए हैं, वह निराश न हो लक्ष्‍य पर ध्‍यान रखें अभी रास्‍ता लम्‍बा है। हाईस्‍कूल की परीक्षा एक पड़ाव है। मेहनत करें अच्‍छे अंक आएंगे। जो छात्र अच्‍छे अंक हासिल कर उत्‍तीर्ण हुए हैं, उनके लिए भी मेरा यही कहना है कि कि हमें अतिविश्‍वास का शिकार नहीं होना है। यह एक पड़ाव है, मंजिल नहीं। मैं खुद भी यही कोशिश करूंगी कि कभी अपने लक्ष्‍य से विचलित न हो सकूं।

 

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