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गौतम बुद्ध नगर में भूमि अधिग्रहण का स्‍थान लेगी लैंड पुलिंग पॉलिसी ? विकास में किसानों की हिस्‍सेदारी कितनी निश्चित होगी ?

Will land pooling policy replace land acquisition in Gautam Buddha Nagar? How certain will be the farmers' participation in development?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा 

Panchayat 24 : क्‍या गौतम बुद्ध नगर में भविष्‍य के औद्योगिक एवं नगरीय विकास के लिए भूमि अधिग्रहण समाप्‍त हो जाएगा ? भूमि अधिग्रहण का स्‍थान लैंड पुलिंग पॉलिसी लेगी ? दरअसल, यह सवाल इस लिए उठ रहे हैं कि पिछले कुछ समय से जिले में लैंड पुलिंग पॉलिसी को लेक चर्चा तेज हो गई है। प्राधिकरण के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्‍होंने शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव रखा है कि वर्तमान समय में भूमि अधिग्रहण को समाप्‍त कर लैंड पुलिंग पॉलिसी को लागू करना चाहिए। साक्षात्‍कार के दौरान भारतीय किसा सभा के जिलाध्‍यक्ष एवं किसान नेता डॉ रूपेश वर्मा ने भी बताया कि प्राधिकरण अधिकारियों से बातचीत       लैंड पुलिंंग पॉलिसी पर विस्‍तार से चर्चा हुई। कुछ बिन्‍दुओं पर स्थिति स्‍पष्‍ट कर इसका ड्राफ्ट लाया जाता है तो किसान इसका समर्थन करेंगे।

वहीं, सोमवार को लखनऊ में मुख्‍यमंत्री आवास पर तीन किसान सगठनों के प्रतिनिधियों, भारतीय किसान सभा से डॉ रूपेश वर्मा, भारतीय किसान परिषद से सुखबीर खलीफा और भारतीय किसान संघ से सोरन प्रधान, ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से लगभग 45 मिनट तक गौतम बुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई। डॉ रूपेश वर्मा के अनुसार मुख्‍यमंत्री ने किसानों के मुद्दों को हल करने के साथ एक ऐसी लैंड पुलिंग नीति के संबंध में जल्दी ही फैसला लेने का आश्वासन दिया है जिसमें किसानों को लैंड पुलिंग के तहत विकसित प्लाट मिलेगा। सर्किल रेट का रिवीजन होकर बाजार भाव पर भूमि की खरीद हो सकेगी।

योगी आदित्‍यनाथ सरकार नहीं चाहती है कि गौतम बुद्ध नगर में किसान आन्‍दोलन शुरू हो। किसान आन्‍दोलन के दौरान पुलिस की सख्‍ती से भी यह बात स्‍पष्‍ट हो चुकी है। साथ ही सरकार किसानों की समस्‍याओं के समाधान को लेकर गंभीर दिख रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गौतम बुद्ध नगर के किसान आन्‍दोलन पर लगातार नजर रख रहे हैं। अधिकारियों को किसाानों के मुद्दों के समाधान के लिए सख्‍त निर्देश भी दिए गए हैं। जेल से रिहा हुए किसान नेताओं से 45 मिनट किसानों के मुद्दों पर गंभीर चर्चा कर इसके संकेत दिए हैं। चूंकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्र में हजारों-लाखों करोड़ का निवेश प्रस्‍तावित है। न्‍यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेस-2 के विकास पर तेजी से काम चल रहा है।

प्राधिकरणों को किसानों से जमीन हासिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्राधिकरणों ने भूमि अधिग्रहण के स्‍थान पर सीधे किसानों से जमीन क्रय करने की नीति अपनायी है। फिर भी किसान जमीन देने को तैयार नहीं है। सरकार भली भांति जानती है कि किसान आन्‍दोलनों के कारण यह निवेश खटाई में पड सकता है। किसानों की समस्‍याओं के समाधान के अतिरिक्‍त सरकार को पास कोई दूसरा विकल्‍प भी दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार सभी पहलूओं पर चर्चा कर रही है। प्राधिकरणों और शासन स्‍तर के अधिकारियों द्वारा लैंड पुलिंग पॉलिसी को भूमि अधिग्रहण की समस्‍या समाधान के रूप में देखा जा रहा है। सबकुछ ठीक ठाक रहता है तो संभव:  न्‍यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेस-2 में किसानों से जमीन लेने के लिए भूमि अधिग्रहण के स्‍थान पर लैंड पुलिंंग पॉलिसी लाई जा सकती है। हालांकि लैंड पुलिंग पॉलिसी अभी केवल चर्चाओं में है। फिर भी यदि सरकार अमल में लाती है यह देखना दिलचस्‍प होगा कि किसानों को कितना संतुष्‍ट कर पाएगी।

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