पेड़ों की कटाई मामले में ग्रेनो प्राधिकरण बड़ी कार्रवाई : कांट्रेक्टर, वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक सहित कई पर गिरी गाज
Greno Authority takes big action in tree felling case: Contractor, senior manager, manager and many others punished

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर चाई थ्री की ग्रीन बेल्ट में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई की है। कांट्रेक्टर कंपनी सहित उद्यान विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, सुपरवाइजर और तकनीक सुपरवाइजर सहित कई लोगों पर गाज गिरी है। कार्रवाई के बाद प्राधिकरण में हड़कंप मच गया है।
यह कार्रवाई एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस द्वारा पेड़ों की कटान की खबर संज्ञान में आने पर घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण के बाद की है। एसीईओ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वन विभाग की अनुमति के बिना पेड़ काटने वालों पर प्राधिकरण कड़ी कार्रवाई करेगा। वहीं, प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडावासियों से पेड़ों को न काटने, पेड़ों की देखभाल करने और ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ व हरा-भरा बनाने के लिए बृहद पौधरोपण करने की अपील की है।
वन विभाग की जांच में पेड़ कटान की बात आई सामने
दरअसल, बीते सोमवार को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई-3 की ग्रीन बेल्ट में पेडों के अवैध कटान की सूचना मिली थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कटे हुए पेड़ों से लदी हुई एक ट्रेक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया गया था। आरोप है कि पेड़ कटान के बाद उन्हें दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा था। मामला संज्ञान में आने पर जिला वन अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव ने मामले की जांच के आदेश दिए।
वन दरोगा लव कौशिक, अभिज्ञान सूर्यवंशी को तत्काल मौके पर जाकर मामले की जांच करने और जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इन्हें काटे गए पेड़ों की प्रजातियां और संख्या का भी पता लगाना था। यदि पेड़ काटे गए हैं तो इसकी अनुमति किसके द्वारा दी गई ? यदि पेड़ बिना अनुमति के काटे गए तो मामले में विधिक कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे। रेंज अधिकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में विलायती बबूल के 10 पेड़ काटै जाने की बात सामने आई थी।
हालांकि चर्चा है कि सौ से अधिक पेड़ काटे गए थे। पेड़ों की कटाई में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर अनूप भाटी के कहने पर ठेकेदार मुजम्मिल द्वारा काटे जाने की बात सामने आई थी। वहीं, प्राधिकरण के उद्यान विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबाने का प्रयास किया था। उद्यान विभाग का कहना था कि आंधी एवं तूफान में पेड़ की टूटी हुई डालों को हटाकर वहां नए पेड़ लगाने के लिए स्थान खाली करके साफ सफाई की जा रही है।
किस-किस पर गिरी कार्रवाई की गाज ? क्या है कार्रवाई का स्वरूप ?
बरसात के मौसम में पेड़ों की कटाई की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। प्राधिकरण में खबर के बाद हलचल मच गई। सीईओ एनजी रवि कुमार ने नाराजगी जताते हुए तत्काल कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद उद्यान विभाग के डीजीएम संजय कुमार जैन, वरिष्ठ प्रबंधक पीपी मिश्र, प्रबंधक प्रशांत समाधिया और सहायक प्रबंधक हरिंदर सिंह के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया और पेड़ कटान की जांच की।
पेड़ कटान की पुष्टि होने के बाद एसीईओ ने घटना में शामिल एवं जिम्मेवार लोगों पर बड़ी कार्रवाई की। कार्रवाई में ठेकेदार योगेंद्र एसोसिएट्स को ब्लैकलिस्ट करते हुए जमानत राशि को भी जब्त करने के आदेश दिए गए हैं। उद्यान विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक पीपी मिश्रा को ठेकेदार के खिला। एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही कार्रवाई की गाज प्राधिकरण के उद्यान विभाग पर भी गिरी है। उद्यान विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस और प्रबंधक को प्रतिकूल प्रविष्टि देने पर भी संस्तुति दे दी है।
सहायक प्रबंधक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई, सुपरवाइजर अनूप भाटी और तकनीकी सुपरवाइजर महेश तिवारी का अनुबंध तत्काल समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। हालांकि प्राधिकरण की कार्रवाई सख्त है, फिर भी प्राधिकरण को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में घटना घटने के बाद कार्रवाई की अपेक्षा घटना की रोकथाम की नीति पर अमल किया जाए।
ठेकेदार को महज तीन महीने पूर्व ही मिली थी जिम्मेवारी, उठे कई सवाल
कार्यदायी संस्था योगेंद्र एसोसिएट्स को अप्रैल 2025 में ही सेक्टर चाई-3 में ग्रीन बेल्ट एवं ग्रीनरी के रखरखाव की जिम्मेवारी मिली थी। महज तीन महीनों में ही कर्तव्यपालन का सही से निर्वहन नहीं करने पर कंपनी को ब्लेकलिस्ट कर दिया गया। कंपनी की जमानत राशि जब्त करते हुए ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। निरीक्षण में एसीईओ को गंभीर लापरवाही मिली। ऐसे में सवाल उठता है क्या कंपनी के चयन पर भी सवाल उठ रहे हैं ? क्या प्राधिकरण के लोगों की मामले में मिलीभगत है ? सवाल यह भी है कि प्राधिकरण की कार्रवाई का आरोपियों पर कोई प्रभाव होगा अथवा अपने किसी संरक्षक के प्रभाव से पुन: प्राधिकरण में काम करने का आशीर्वाद प्राप्त हो जाएगा ?