ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक :बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराना होगा अनिवार्य, फ्लैट की कुल कीमत का 10 फीसदी भुगतान पर ही एग्रीमेंट होगा रजिस्टर्ड
Greater Noida Authority Board Meeting: Registration of builder-buyer agreement will be mandatory, agreement will be registered only after payment of 10% of the total price of the flat

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 136वीं बोर्ड बैठक में फ्लैट-खरीदारों के हक में एक बड़ा फैसला लिया है। अब ग्रेटर नोएडा में फ्लैट-खरीदार की तरफ से 10 फीसदी भुगतान करने पर बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा। इस फैसले से बायर्स के हित सुरक्षित रहेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन व प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में रविवार को बोर्ड बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिले के तीनों प्राधिकरणों के सीईओ सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, फ्लैट बायर्स की तरफ से मांग की जा रही थी कि खरीदार की तरफ से 10 फीसदी भुगतान करने पर बिल्डर और बायर के बीच होने वाले एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड (एग्रीमेंट टू सेल) कराने की अनुमति प्रदान की जाए, ताकि बायर्स के पास एक लीगल डॉक्यूमेंट हो सके। एग्रीमेंट टू सेल के समय ही खरीदार को स्टांप ड्यूटी का पूरा भुगतान करना होगा। बाद में फ्लैट पर पजेशन मिलते ही 100 रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री हो जाएगी। लीगल डॉक्यूमेंट होने की वजह से बिल्डर किसी प्रकार की गड़बड़ी भी नहीं कर पाएगा। साथ ही रजिस्ट्री विभाग को स्टांप ड्यूटी भी समय से मिल जाएगी। अभी तक फ्लैट की कुल कीमत का भुगतान होने पर ही रजिस्ट्री हो पाती है।
लिगेसी प्रोजेक्ट की पॉलिसी से अब तक 30477 को मिला मालिकाना हक
दरअसल, अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी अथवा पैकेज का अब तक 73 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। उनको पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है। इन 73 परियोजनाओं में शामिल लगभग 62912 फ्लैटों में से अब तक 30477 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है।
बता दें कि ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स हैं जो कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर तैयार पॉलिसी के दायरे में आते हैं। इनमें से 73 परियोजनाओं के लिए 25 फीसदी धनराशि (पूर्ण व आंशिक मिलाकर) जमा कराई गई, जिससे प्राधिकरण को लगभग 547 करोड़ की बकाया धनराशि प्राप्त हुई है और एक वर्ष में लगभग 1300 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त होने की संभावना है। इन परियोजनाओं में 62912 फ्लैट हैं, जिनमें से 38661 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया है। इसमें से 30477 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब तक हो चुकी है। फरवरी से अब तक 8100 से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री हुई है। शेष यूनिट्स के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया जाना है। मार्च 2025 तक इनकी रजिस्ट्री कराने का लक्ष्य है। इसके साथ ही जिन 7 बिल्डरों ने 60 दिन के बाद 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराई है, उनको भी बोर्ड ने अनुमति दे दी है।
सीनियर सिटीजन सोसाइटी में अटॉर्नी पर घर खरीदने वालों को बड़ी राहत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने सीनियर सिटीजन सोसाइटी में घर खरीदने वाले मूल आवंटी के अलावा सबसीक्वेंट मेंबर्स को भी बड़ी राहत दे दी है। अब ऐसे खरीदारों के नाम भी फ्लैट की रजिस्ट्री हो सकेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस आशय के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। इस सोसाइटी में कुल 845 फ्लैट हैं, जिनमें से 190 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। प्राधिकरण की तरफ से सोसाइटी परिसर में ही शिविर लगाकर रजिस्ट्री की जा रही है। बता दें कि सीनियर सिटीजन सोसाइटी के नाम ग्रेटर नोएडा के पी-4, बिल्डर्स एरिया में 1997 में भूखंड दिया गया। विवादों के चलते 27 वर्षों तक इसकी कार्यपूर्ति न हो पाने के कारण इसके सदस्यों के पक्ष में लीज डीड नहीं हो पाई। इस प्रकरण मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद और प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह व सीईओ एनजी रवि कुमार के प्रयास से विगत मार्च 2024 से इसकी रजिस्ट्री प्रारंभ हो सकी।
दिसंबर के अंत तक सभी 58 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति
जल विभाग की तरफ से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड को गंगाजल की ताजा स्थिति से भी अवगत कराया गया, जिसके अनुसार 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना के अंतर्गत 58 आवासीय सेक्टरों में से अब तक 50 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। इस साल के अंत तक सभी 58 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। वहीं, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी गंगाजल पहुंचाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेें तीन रिजर्वायर और ग्रेटर नोएडा ईस्ट में एक रिजर्वायर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर स्वीकृत होने के बाद रिजर्वायर बनाने का काम चल रहा है। इस साल के अंत तक ये रिजर्वायर बन जाने की उम्मीद है।
तीनों प्राधिकरणों में भूखंड आवंटन की पॉलिसी होगी एक समान
नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की पॉलिसी एक समान होगी। तीनों प्राधिकरणों की तरफ से सार्क एंड एसोसिएट्स को इस कार्य की जिम्मदारी सौंपी गई थी। इससे पहले एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार करने के लिए तीनों प्राधिकरणों की एक समिति बनाई गई, जिसकी बैठक में तीनों प्राधिकरणों के वित्त नियंत्रक एवं महाप्रबंधक की बैठक हुई, जिसके आधार पर आवंटन की अर्हता, लीज रेंट व अन्य प्रक्रियाओं के संबंध में एकरूपता लाने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।