स्पेशल स्टोरी

एक बंगलादेशी की कहानी, जो अपराध और राजनीति का संरक्षण पाकर भारत में बन गया 'भाई'

Story of a Bangladeshi, who became a 'brother' in India after getting protection from crime and politics.

Panchayat 24 : देश में पश्चिम बंगाल के उत्‍तर 24 परगना का संदेशखाली सुर्खियों में बना हुआ है। इस घटनाक्रम के केन्‍द्र में शाहजहां शेख नामक व्‍यक्ति बना हुआ है। पूरे प्रदेश में शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर धरना एवं प्रदर्शन हो रहे हैं। शाहजहां शेख के कारण पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार को राजनीतिक हमलों का सामना करना पड़ रहा है। न्‍यायालय की सख्‍त टिप्‍पणी के कारण पश्चिम बंगाल की सरकार पूरी तरह से दबाव में हैं। लगभग 55 दिनों बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस को धता बताने वाला शाहजहां शेख 28 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि शाहजहां शेख कौन है ? आखिर उसका नाम एकदम से कैसे देश की राजनीति की चर्चा में आ गया।

क्‍या है संदेशखाली की घटना ?

दरअसल, संदेशखाली में चल रहे बवाल की शुरूआत 5 जनवरी को ईडी के अधिकारियों हुए हमले के बाद शुरू हुआ। लगभग दो सौ लोगों की भीड़ ने ईडी की टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। कई अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुए। वाहनों में तोडफोड कर क्षतिग्रसत कर दिया। इस पूरी घटना का मास्‍टर माइंड टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके साथी थे। शुरू में पूरा मामला राशन घोटाले से जुड़ा प्रतीत हो रहा था। बाद में स्‍थाीय महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जो गंभीर बातें बताई उसने सबको झकझोर दिया। अभी तक शाहजहां शेख के आतंक से महिलाओं की मौन आवाज ईडी अधिकारियों पर हमले के बाद फरार हुए शाहजहां शेख और उसके साथियों की घिनौनी करतूतों पर खुलकर बुलंद होने लगी। शाहजहां शेख और उसके साथियों पर कई महिलाओं ने यौन उत्‍पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप गाए। उसकी गिरफ्तारी के लिए बंगाल में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। बड़ी संख्‍या में महिलाएं इसमें शामिल हुई। शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर सड़क पर उतरी महिलाओं में भारी गुस्‍सा एवं आक्रोश था। राष्‍ट्रीय अनुसूचित जनजाति जाति आयोग को शाहजहां शेख और उसके साथियों के खिलाफ आदिवासी परिवारों की महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण की 50 शिकायतें मिली है। वहीं राज्‍य सरकार के अधिकारियों का मानना है कि उनके पास 1,250 शिकायतें मिली हैं। इनमें से चार सौ भूमि विवादों से जुड़ी हैं।

कौन है शाहजहां शेख ?

दरअसल, पश्चिमी बंगाल के संदेशखाली के समाज में एक खलनायक की भूमिका में प्रकट हुए शाहजहां शेख की कहानी किसी फिल्‍मी किरदार से कम नहीं है जो बंगालदेश से आकर भारत में मेहनत मजदूरी करता है। गैरकानूनी कामों में शामिल होता है। धीरे धीरे राजनीति में सक्रिय होता है। राजनीतिक संरक्षण पाकर अपनी ताकत को कई गुना बढ़ा लेता है। देखते ही देखते  हजारों करोड़ की संपत्ति का मालिक बन जाता है। उसका बढ़ता कद क्षेत्र में उसका वर्चस्‍व कायम करता है। देखते ही देखते बंगलादेशी मजदूर भारत में अपने खौफ के आतंक के चलते लोगों के बीच ‘भाई’ बन जाता है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के उत्‍तर 24 परगना का संदेशखाली बंगलादेश की सीमा से सटा हुआ है। यहां से आने वाले अन्‍य बंगलादेशियों की तरह शाहजहां शेख भी अपने परिवार के साथ संदेशखाली आया। परिवार में चार भाई बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख का आज भी वहां पर अपना मकान है। यहां खेतों और ईंट भट्टों में उसने मजदूरी की। नाव और सवारी गाड़ी चलाई। यह वह दौर था जब पश्चिम बंगाल की राजनीति में वामपंथी दलों का सिक्‍का चलता था। साल 2002 में उसने ईंट भट्टा मजदूरों की यूनियन बनाई और स्‍वयं उनका नेता बन गया। यहां से वह माकपा के संपर्क में आया और उनके बीच करीबियां बढ़ने लगी। इस दौरान वह गैरकानूनी धंधों को अंजाम देने लगा था।

सत्‍ता के संरक्षण से बन गया अपरा‍ध की दुनिया का बड़ा नाम

साल 2004 में शाहजहां शेख सक्रिय राजनीति में आ गया। वह माकपा से जुड़ गया। रिपोर्ट के अनुसार सत्‍ता का संरक्षण पाते ही वह उपजाऊ जमीन को लीज पर लेकर उसमें मछली और झींगा पालन करने लगा। जैसे जैसे उसका राजनीति में कद बढ़ने लगा उसकी दबंगई भी बढ़ने लगा। जो लोग उसको लीज पर जमीन नहीं देता था उनके साथ शहजहां शेख के गुंड़े मारपीट करते थे। अब उसने लोगों को लीज की रकम भी देना बंद कर दिया। जबरन लोगों की जमीनों पर कब्‍जा करना और छीनना शुरू कर दिया। इस दौरान उसको उसके मामला मोस्‍लेम शेख ने उसकी मदद की। वह उस समय सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। दोनों ने मछली पालन केन्‍द्रों पर अपना कब्‍जा कर लिया था। पश्चिम बंगाल में साल 2010 के आसपास बदली राजनीतिक हवा को शाहजहां शेख ने भांपा लिया। उसने साल 2012 में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया। ज्योतिप्रियो मलिक के मंत्री बनने पर शाहजहां शेख की ताकत में तेजी से बढ़ोत्‍तरी हुई। वर्तमान में वह संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है।  पिछले साल जिला परिषद की सीट हासिल करने पर उसका तृणमूल कांग्रेस में कद और बढ़ गया। शाहजहां शेख का रसूख के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती गई। उसका परिवार भूमि से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चित है। लोकसभा चुनाव के बाद संदेशखाली में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुई थी। इन घटनाओं में दोनों ओर के कई लोग मारे गए थे। इसमें शाहजहां शेख का नाम शामिल था। लेकिन सत्‍ता के रसूख के चलते पुलिस एफआईआर में उसका नाम शामिल नहीं किया गया।

दस हजार करोड़ के राशन घोटाले का अहम किरादर

शाहजहां शेख ने अपार सम्‍मपत्ति जुटा ली। शाहजहां शेख पश्चिम बंगाल के 10 हजार करोड़ के राशन घोटाले का अहम किरदार है। ईडी ने इस मामले में सबसे पहले पूर्व मंत्री ज्‍योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने संदेशखाली पहुंची तो सैकड़ों की भीड़ ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। उनकी गाडि़यों को क्षतिग्रसत कर दिया। ईडी के कई अधिकारियों को गंभीर चोटें आई। उनके लैपटॉप, मोबाइल और जरूरी दस्‍तावेज लूट लिए गए।

अकूत संपत्ति का मालिक है शाहजहां शेख

रिपोर्ट के अनुसार राज्‍य निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामें में शाहजहां शेख ने बताया है कि उसके पास 17 गाडि़या, 2.5 करोड़ के सोने चांदी के आभूषण और 14 एकड़ जमीन है। उसके बैंक खातोंं में लगभग दो करोड़ रूपया भी जमा है। हालांकि बताया जाता है कि वास्‍तव में उसकी सम्‍पत्ति राज्‍य निर्वाचन आयोग में दिए गए हलफनामें से कहीं अधिक है।

Related Articles

Back to top button