दादरी की बेटी ने फहराया परचम : इण्टरमीडिएट की परीक्षा में किया जिला टॉप, आईएएस अधिकारी बनने का है सपना
Dadri's daughter hoists the flag: District tops in Intermediate exam, dreams of becoming an IAS officer

Panchayat 24 : यूपी बोर्ड 2024 के परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं। इण्टरमीडिएट की परीक्षा में दादरी की बेटी निधि ने सफलता का परचम फहराते हुए कुल 93.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर गौतम बुद्ध नगर जिला टॉप किया है। निधि ने मिहिर भोज बालिका इंटर कॉलेज से पढ़ाई की है। उसने कुल 469 अंक हासिल करते किए हैं। वह अपनी इस सफलता को महज एक पड़ाव मानती है। उनका सपना देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करके एक आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहती है। Panchayat 24 ने इस कामयाबी के बाद निधि से विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश :
प्रश्न : एक छात्र के रूप में आप अपनी इस सफलता को किस रूप में देखती है ?
जिले में प्रथम स्थान मिला है। काफी खुशी है। लेकिन मेरे लिए यह कोई मंजिल नहीं है। अभी काफी लंबी दूरी तय करना है। सफलता के इस क्रम को लक्ष्य पाने तक बनाए रखना एक चुनौती है।
प्रश्न : आपकी इस सफलता पर परिवार की क्या प्रतिक्रिया थी ?
दरअसल, मेरा परिवार मूलरूप से बरेली का रहने वाला है। नौकरी के सिलसिले में पापा को बरेला से गौतम बुद्ध नगर आना पड़ा था। हम काफी समय से यहां पर रह रहे हैं। जिला टॉप करने का समाचार मिलने के बाद परिवार के सभी लोग काफी खुश हैं।
प्रश्न : आपके परिवार की क्या पृष्ठभूमि है ?
मेरे पिता राजीव कुमार पेशे से एक इंजीनियर है। वह ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में जॉब करते हैं। माताजी एक अध्यापक है और सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाती है। मेरे दो भाई हैं। बड़ा भाई 10वीं कक्षा में पढ़ता है जबकि छोटा भाई अभी कक्षा छ: में आया है। दादा और दादी बरेली में रहते हें। वहीं चाचा हरियाणा में नौकरी करते हैं।
प्रश्न : आपको विश्वास था कि आप जिला टॉपर बनेंगी ?
मैंने कभी टॉपर होने के बारे में विचार नहीं किया था। हां, इतना जरूर है कि मैंने परीक्षा में अपना शत प्रतिशत दिया। परिणाम सबके सामने है।
प्रश्न : आपकी पढ़ाई की योजना क्या रही ?
मैंने लगभग 15 घंटे तक पढ़ाई की है। सुबह 4 बजे बिस्तर छोड़ना। स्कूल के काम को रोज पूरा करना। देर रात तक पढ़ाई करना। लगभग 5 से 6 घंटे की नींद लेना।
प्रश्न : आपकी सफलता में टयूशन की क्या भूमिका रही है ?
टयूशन कोई गलत नहीं है। हालांकि मैंने परीक्षा से महज 3 महीने पूर्व टयूशन लिया था। टयूशन में जिन प्रॉब्लम्स को हम हल नहीं कर पाते हैं, उन्हें हल कर पाते हैं। इसका लाभ होता है। हालांकि मैं यह नहीं कह रही हूं कि टयूशन सबके लिए अनिवार्य है। हर छात्र की अपनी अपनी प्रतिभा और क्षमता पर यह बात निर्भर करती है।
प्रश्न : आप भविष्य में क्या बनना चाहती है ? आपका लक्ष्य क्या है ?
अभी मुझे बीटेक करना है। इसके बाद मेरा लक्ष्य है कि मैं यूपीएससी परीक्षा पास करके एक आईएएस अधिकारी बनूं।
प्रश्न : बीटेक करके एक आईएस अधिकारी ही क्यों बनना चाहती हैं आप ?
समाज के लिए कुछ करना चाहती हूं। एक सामान्य व्यक्ति जब समाज के लिए अपना कुछ योगदान देना चाहता है तो कई बार अनावश्यक विरोध और सामाजिक और राजनीतिक जैसे अवरोधों का सामना करना पड़ा है। एक आईएएस अधिकारी यदि समाज के लिए कुछ करना चाहे तो कम से कम उसके सामने इस तरह की बाधांए आने की संभावनाएं कम होती है। एक आईएएस अधिकारी बेहतर तरीके से अपनी योजना को क्रियांन्वयन कर सकता है।
प्रश्न : आप एक लड़की है। समाज में लैंगिक असमानता की काफी चर्चा होती है। क्या कभी आपने घर में या परिवार में इस बात को महसूस किया है ?
जी बिल्कुल नहीं, मेरा परिवार एक शिक्षित और आधुनिक विचारों वाला परिवार है। यहां बेटे और बेटी में कोई भेदभाव नहीं होता है। समाज में भी इस धारणा को लेकर काफी तेजी से बदलाव आ रहा है। हालांकि देश में लैंगिक असमानता से इनकार नहीं किया जा सकता है। आज भी कुछ स्थानों पर बेटियों पर बेटों को तवज्जो दी जाती है। यह गलत है। शायद इसका कारण उन स्थानों पर शिक्षा और आधुनिक विचारों का नहीं पहुंच पाना है।
प्रश्न : आप अपनी इस सफलता के लिए किसको श्रेय देंगी ?
व्यक्ति की सफला में कोई एक कारक या व्यक्ति जिम्मेवार नहीं होता है। मैं अपनी इस सफलता के लिए अपने माता पिता, भाई बंधु, स्कूल के अध्यापिकाओं और अध्यापकों सहित अपनी मेहनत को इसका श्रेय दुंगी।
प्रश्न : कुछ छात्र पढ़ाई से विमुख होकर छात्र जीवन के कीमती समय को बर्बाद करते हैं। क्या कहेंगी ?
छात्र जीवन का अपना ही अलग आनंद है। इसको इंजॉय करें। हालांकि यह सही है कि छात्र जीवन में भटकाव आता है। लेकिन इससे बचना चाहिए। कई बार नकरात्मक भाव भी मन को विचलित करते हैं। विचलित न हो। सही दिशा में मेहनत करें। सकारात्मक रहे।
प्रश्न : युवाओं के लिए कोई संदेश देना चाहेंगी ?
मैं बस यहीं कहना चाहूंगी कि छात्र जीवन के उद्देश् से न भटके। जिन छात्रों का परिणाम उनके अनुसार नहीं आया है, वह आगे मेहनत करें। रैंक आना बहुत कुछ हो सकता है लेकिन सबकुछ नहीं। जो छात्र असफल हो गए हैं, वह निराश न हो। नए सिरे से तैयारी करें। परिणाम और अधिक बेहतर होगा।