गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की हिम्मत दे रही है, जवाब, सपा और कांग्रेस इन सीटों को एक दूसरे पर थोपना चाहते हैं ??
India is encouraging alliance on Gautam Buddha Nagar and Ghaziabad Lok Sabha seats, answer, do SP and Congress want to impose these seats on each other?

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश में भले ही इंडिया गठबंधन के दो अहम घटक दलों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो चुका हे। सीट शेयरिंग के बाद गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा चुका है। लेकिन गठबंधन में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है। दोनों दलों के आचरण से प्रतीत हो रहा है कि उत्तर प्रदेश के दिल्ली एनसीआर की दो अहम लोकसभा सीटों गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीटों को लेकर इंडिया गठबंधन की हिम्मत जवाब दे रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इन सीटों को एक दूसरे पर थोपना चाहते हैं। दोनों दल इनके बदले में अभी भी अपने लिए राज्य की दूसरी लोकसभा सीटों को हासिल करना चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी दोनों लोकसभा सीटों को गठबंधन में कांग्रेस को देना चाहती थी
दरअसल, उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर समाजवादी पार्टी है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस समाजवादी पार्टी से गठबंधन करते समय अपनी शर्तों पर सीटों का मोलभाव करने की स्थिति में नहीं है। यहीं कारण है कि समाजवादी पार्टी ने आगे बढ़ते हुए अपने उम्मीदवारों के नामों की लगातार घोषणा कर दी। पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए 11 सीटें छोड़ी थी। इस पर कांग्रेस ने असहमति जताते हुए 21 सीटें मांगी थी। कांग्रेस की मांग पर विचार कर समाजवादी पार्टी ने 17 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़कर गठबंधन के बनने और बिगड़ने का फैसला कांग्रेस पर छोड़ दिया।
समाजवादी पार्टी ने जिन 17 सीटों को कांग्रेस को छोड़ा था उनमें गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीट शामिल थी। जानकारों की माने तो समाजवादी पार्टी की हालत दोनों सीटों पर बहुत अच्छी नहीं है। दोनों ही सीटें भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती हैं। हर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी इन सीटों पर बंपर मतों से जीत दर्ज करते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी का गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिला संगठन का एक धड़ा भी यही चाहता है कि इन दोनों लोकसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशी के जीतने की बहुत अच्छी संभावना नहीं है। ऐसे में इन दोनों सीटों को गठबंधन में कांग्रेस को दे दी जाए। इनके बदले में प्रदेश की दूसरी सीटों पर पार्टी अपने लिए रखे।
वहीं, कांग्रेस की इन दोनों ही लोकसभा सीटों पर बहुत अधिक हालत खराब हैं। पार्टी का संगठन भी जर्जर हालत में है। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि इन गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा सीटों पर भाजपा को समाजवादी पार्टी ही टक्कर दे सकती है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही चुनाव लड़े। बता दें कि दोनों दलों के बीच हुए समझौते के बाद अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, सहारनपुर, अमरोहा, सीतापुर, झांसी, गाजियाबाद, महाराजगंज, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, मथुरा, देवरिया, बांसगांव, बुलंदशहर, प्रयागराज और बाराबंकी कांग्रेस के खाते में गई हैं।
प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद दोनों सीटों का हुआ बंटवारा
सूत्रों की माने तो पिछले दिनों इंडिया गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए लखनऊ में अहम बैठक हुई। बैठक में सपा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इस बैठक के बाद न केवल दोनों दलों के बीच गठबंधन पर अंतिम मुहर लग गई, बल्कि गोतम बुद्ध नगर और गाजियबााद लोकसभा सीटों का भी बंटवारा हो गया। कांग्रेस ने दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ाने से साफ इंकर कर दिया था। सूत्रों की माने तो गठबंधन को बनाए रखने प्रियंका गांधी ने कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई। यहीं से गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीटों में ऐ एक-एक सीट दोनों पार्टियों ने स्वीकार करने पर सहमति बनी। बैठक में तय हुआ कि गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में रहेगी। वहीं गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी।
कांग्रेस गाजियाबाद लोकसभा सीट को छोड़ना चाहती है ?
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौता होने और सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति बनने के बाद भी कांग्रेस गाजियाबाद सीट को छोड़ना चाहती है। सूत्रों की माने तो इसके बदले कांग्रेस समाजवादी पार्टी से दूसरी सीटों की मांग कर रही है। दरअसल, कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती है। यह सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं। कांग्रेस इन दोनों सीटों के बदले समाजवादी पार्टी को गाजियाबाद सहित बाराबंकी और मथुरा सीट ऑफर कर रही है। कांग्रेस लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती सीट पर रवि वर्मा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उतारना चाहती हैं। जानकारों की माने तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने स्वयं अखिलेश यादव से इस बारे में बात की है।
फर्रूखाबाद सीट को लेकर सलमान खुर्शीद ने शायराना अंदाज में कांग्रेस को दिया संदेश
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए गठबंधन के बाद फर्रूखाबाद लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में चली गई है। इससे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने अपने अकाउंट से पोस्ट कर पार्टी शीर्ष नेतृत्व को शायराना अंदाज में संकेत दिया है। उन्होने लिखा है ”फ़र्रुख़ाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तक़ाबिल का है, आने वाली नस्लों का है। क़िस्मत के फ़ैसलों के सामने कभी झुका नहीं । टूट सकता हूँ , झुकूँ गा नहीं। तुम साथ देनेका वादा करो, मैं नघमे सुनाता रहूँ”