यमुना एक्स्प्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज निर्माण पर कैबिनेट की मुहर, जानिए अंतत : किस संस्था द्वारा बनाया जाएगा लिंक मार्ग ?
Cabinet approves construction of interchange between Yamuna Expressway and Eastern Peripheral Expressway; know which organisation will finally build the link road?

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर के जगनपुर अफजालपुर के पास यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के लिंक एवं इंटरचेंज मार्ग के निर्माण को लेकर पर यूपी केबिनेट की अंतिम मुहर लग गई है। इसके साथ ही तय हो गया है कि दोनों महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे के लिंक मार्ग का निर्माण की जिम्मेवारी अंतत: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई द्वारा किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे गौतम बुद्ध नगर के जगनपुर अफजलपुर गांव के पास एक दूसरे को क्रॉस करते हैं। दोनों एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करने वाले यात्रियों एवं वाहन चालकों के लिए इंटरचेंज की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए लगभग 20 किमी की यात्रा तय करके ईस्टर्न पेरीफेरल के सिरसा कट से परी चौक होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे तक आना पड़ता था। इसके लिए यीडा ने दोनों एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंट के लिए प्रयास शुरू किए। लगभग 60 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। लंबे समय तक किसानों के मुद्दे को लेकर इंटरचेंज का निर्माण अटका रहा। यीडा ने किसानों की मुआवजा संबंधी समस्याओं का समाधान कर इंटरचेंज के निर्माण की बाधा को दूर किया। बाद में इसके निर्माण के लिए एनएचएआई को जिम्मेवारी दी गई। इसके निर्माण पर लगभग 122 करोड़ की धनराशि खर्च होनी है।
यमुना एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के इंटरचेंज पर कुल आठ लूप बनाए जाएंगे। इनमें चार लूप ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के लिए और चार लूप यमुना एक्सप्रेस-वे पर उतरने के लिए होंगे। इंटरचेंज से यमुना एक्सप्रेस-वे आसपास के सेक्टरों 17, 18 और 22 को भी जोड़ेगा। इसके लिए सर्विस रोड़ को इंटरचेंज से जोड़ेगा। इसके निर्माण पर होने वाले खर्च को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा।
हालांकि एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्व से ही चल रहा है। साल 2017 से पूर्व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्यागिक विकास प्राधिकरण ने इसके निर्माण से हाथ पीछे खींच लिए थे। 2017 के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे इसके निर्माण के लिए तैयार हो गया था। बाद में इसके निर्माण की जिम्मेवारी एनएचएआई को सौंपी गई थी। 15 दिसंबर 2023 को दुर्गाशंकर मिश्र ने इसका शिलान्यास किया था। लिंक मार्ग के निर्माण का पूरा खर्च एनएचएआई द्वारा वहन किया जाएगा। लिंक मार्ग का निर्माण होने के बाद इसका रख रखाव भी एनएचएआई द्वारा ही किया जाएगा। वहीं, इस पर स्थापित होने वाले टोल प्लाजा का निर्माण, संचालन एवं नियंत्रण एनएचएआई द्वारा ही किया जाएगा। हालांकि इंटरचेंट के निर्माण से संबंधित भूमि का स्वामित्व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास रहेगा। भविष्य में इंटरचेंज कोई भी नीतिगत निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा। एनएचएआई ने लिंक एवं इंटरचेंज मार्ग के निर्माण कार्य को इसी वर्ष में पूरा करने का भी लक्ष्य रखा है।
दोनों एक्सप्रेस-वे के लिंक एवं इंटरचेंज निर्माण के बाद दिल्ली एनसीआर में ट्रेफिक जाम की समस्या बहुत हद तक कम होगी। आगरा की ओर से आने वाले वाहनों को गाजियाबाद, बागपत, हापुड, मेरठ, मुजफ्फरनगर और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित सोनीपत, पानीपत सहित हरियाणा के दूसरे जिलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। वहीं, हरियाणा से आगरा, मथुरा और लखनऊ जाने वाले वाहन भी आसानी से इंटरचेंंज कर यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते सुविधाजनक यात्रा कर सकेंगे।