नोएडा जोन

मजबूरी और लाचारी की दुहाई देकर मदद मांगने वालों से रहे सावधान, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे साइबर ठगी का शिकार

Be cautious of those who ask for help citing helplessness and helplessness, lest you also become a victim of cyber fraud

Panchayat 24 : बैंकिंग लेनदेन में सावधानी बरतें। यदि कोई आपको अपनी मजबूरी और लाचारी की दुहाई देकर बैंक का खाता प्रयोग करने अथवा आपके खाते में पैसा ट्रांसफर करने अथवा इस प्रकार की कोई मदद मांगता है तो सतर्क हो जाएं। अन्‍यथा आप भी नोएडा की एक महिला की तरह साबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। नोएडा पुलिस ने लोन के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के नौ सक्रिय आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है। गिरोह के अन्‍य सदस्‍यों की पुलिस तलाश कर रही है। मामला सेक्‍टर-63 कोतवाली क्षेत्र का है।

क्‍या है पूरा मामला ?

एडीसीपी सेंट्रल नोएडा जोन हृदेश कठेरिया ने बताया कि बीती 30 मई को सेक्‍टर-68 निवासी एक महिला ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया कि बीती 5 मई को उसके एक परिचित के साथ एक व्‍यक्ति उसके पास आया था। उसने अपनी पत्‍नी के खराब स्‍वास्‍थ्‍य का हवाला देते हुए मदद मांगी थी। उसने बताया था कि उसके अपने एक मित्र से आर्थिक मदद मांगी है। उसका मित्र खाते में रकम ट्रांसफर करेगा।  उसके पास कोई बैंक खाता नहीं है। ऐसे में उसका मित्र रूपये नहीं भेज पा रहा है। पीडित महिला ने उस व्‍यक्ति के कहने पर अपने खाते में रूपये मंगवा लिए और मनी ट्रांसर्फर मशीन पर जाकर उसको अपने खाते से रूपये उस व्‍यक्ति द्वारा बताए गई व्‍यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिए। कुछ समय पश्‍चात महिला को पता चला कि उसका खाता बैंक की शाखा ने फ्रीज कर दिया है। पीडित ने बैंक से इस बारे में जानकारी की तो उसके पैरों के तले से जमीन निकल गई। बैंक ने उसको बताया कि उसके खाते में साइबर फ्रॉड हुआ है। बिहार की साइबर क्राइम पुलिस द्वारा उसका खाता फ्रीज कराया गया है। पीडिता ने पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि एक गिरोह जरूरतमंद लोगों को लोन दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करता है।

गिरोह के सरगना शिवकुमार सहित इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने नोएडा के सेक्‍टर-63, सेक्‍टर-70 और दिल्‍ली स्थित द्वारिका मोड़ से गिरोह के सरगना शिव कुमार वर्मा, रवि सागर, कुरूमूर्ति, प्रकार कुमार, शेखर यादव, श्रीकांत राजशेखर, वेंकटेश और साई कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपी बिहार, तेलांगना और दिल्‍ली से हैं। सभी मुद्रा फाइनेंस कंपनी के नाम पर जरूरतमंद लोगों को फोन करके फर्जी लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज एवं लोन के अन्‍य खर्चो के नाम पर खातों में रकम ट्रांसफर कराते थे। पुलिस ने इनके कब्‍जे से पुलिस ने 2 लैपटॉप, 16 स्‍मार्ट फोन, 8 कीपैड वाले फोन और 5.26 लाख की नकदी भी बरामद हुई है। आरोपी सैकड़ों लोगों को अपने जाल में फंसाकर कई लाख रूपये का साइबर फ्रॉड कर चुके हैं।

सोशल मीडिया से आईडी निकालकर 40 रूपये में बेचता था शेखर यादव

शेखर सोशल मीडिया वेबसाइट से जरूरतमंद लोगों का डाटा निकालनकर अपने साथियों और लोन के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले लोगों को 40 रूपये प्रति आईडी के बेचता था। फ्रॉड का पैसा निकलवाने के लिए एकाउंट और सिम कार्ड भी पैसा लेकर उपलब्ध कराता था। आरोपी दिये गये डाटा से लोन के जरूरतमन्द लोगों को कॉल करके फाईल चार्ज व लोन के अन्य चार्ज के बहाने पैसा ऑनलाईन ट्राँसफर करवा लेते थे तथा बाद में उस पैसे को सभी लोग मिलकर निर्धारित हिस्सों में बाँट लेते थे। फ्रॉड के पैसों का 12 प्रतिशत खाताधारक को, 40 प्रतिशत कॉल करने वाले को और बाकी का 48 प्रतिशत पैसा शेखर यादव व मुख्य अभियुक्त शिवकुमार के पास रह जाता था। अभियुक्तोें के कब्जे से जो पैसे बरामद हुए हैं वह आनलाईन ठगी के हैं जो अभियुक्तों द्वारा खातों से निकलवाकर रखे हैं जो उनके द्वारा आपस में बाँटने थे।

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