खेड़ा धर्मपुरा के अक्षित शर्मा ने हाईस्कूल परीक्षा में किया जिला टॉप, आईआईटी पास कर इंजीनियर बनना है सपना
Akshit Sharma of Khada Dharmapura did district top in high school examination, dreams to become an engineer after passing IIT
डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है। गौतम बुद्ध नगर में दादरी क्षेत्र में स्थित खेड़ाधर्मपुरा के एसआरएस स्कूल के छात्र अक्षित शर्मा ने 600 में से 557 अंक हासिल कर जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। अक्षित का सपना है कि वह आईआईटी की परीक्षा पास कर एक इंजीनियर बनकर देश की सेवा करे। अपने इस सपने के पीछे गणित और साइंस विषय से उसका लगाव है। Panchayat24 ने अक्षित शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत की। प्रस्तुत है अक्षित शर्मा से बातचीत के अंश :-
सवाल :- परीक्षा देने के बाद आपने कल्पना की थी कि आप जिला टॉप करने जैसी उपलब्धि हासिल कर सकेंगे ?
उत्तर :- मैंने अपनी पूरी ईमानदारी, लगन और निष्ठा से परीक्षा दी थी। इतना तो जरूर विश्वास था कि परीक्षाफल बेहतर होगा। सच बताऊं तो जिला टॉप के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
सवाल :- जिला टॅापर बनकर कैसा महसूस हो रहा हे ?
उत्तर :- बहुत खुश हूं। अच्छा महसूस हो रहा है।
सवाल :- परिवार में कौन कौन है ?
उत्तर :- मेरा परिवार एक संयुक्त परिवार है। परिवार में दादी जी, दो ताऊजी, माता पिता और चाचा सहित लगभग 16 सदस्य हैं। हम दो भाई हैं। छोटा भाई कक्षा सात में एसआरएस स्कूल में ही पढ़ता है।
सवाल :- संयुक्त परिवार में बहुत अधिक कार्यक्रमोंं का आयोजन, मतभेद, सम्बन्धों का बोझ सहित कई तरह के काम भी करने पड़ते हैं। कई बार व्यस्तता भी बनी रहती है। ऐसे में आपने अपनी पढ़ाई को कैसे संयुक्त परिवार में जारी रखा ?
उत्तर :- हमारा परिवार संयुक्त अवश्य है। लेकिन कभी भी हमारी पढ़ाई को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरतता। हमे पढ़ाई के लिए संयुक्त परिवार में भी बेहतर माहौल परिवार के लोगों की ओर से मिला है। इसी का परिणाम आपके सामने है। हमारा संयुक्त परिवार हमारी कमजोरी नहीं बल्कि हमारी मजबूती बना है। परिवार के लोगों ने लगातार हमारा हौसला बढ़ाया है।
सवाल :- माता पिता का क्या नाम है ? क्या करते हैं ?
उत्तर :- माता जी का नाम श्रीमति शीतल शर्मा है। वह एक गृहणी हैं। पिताजी श्री जितेन्द्र शर्मा एक टेंट का व्यवसाय करते हैं।
सवाल :- अब तक की शिक्षा का सफर कैसा रहा है ?
उत्तर :- मैं सातवी कक्षा तक गाजियाबाद स्थित इंग्राहम स्कूल में पढ़ा हूं। इसके बाद गांव में ही स्थित एसआरएस स्कूल में मैंने हाईस्कूल तक की शिक्षा हासिल की है।
सवाल :- जिला टॉपर बनने के लिए व्यवस्थित अध्ययन के बहुत जरूरी होता है। आपने अपनी तैयारी कैसे की ?
उत्तर :- मैंने परीक्षा के लिए बहुत विशेष तैयारी नहीं की थी। हॉं, कक्षा में होने वाली पढ़ाई को समय पर पूरा करता था। हर रोज चार से पांच घंटे घर पर पढ़ाई के लिए निर्धारित किए थे। इन घंटों को विषय के अनुसार दिनों के अनुसार बांटा हुआ था। बस अपनी इस समय सारणी के अनुसार ईमानदारी से मेहनत की। परिणाम आपके सामने है। यह भी सत्य है कि मैनें गणित का टयूशन अवश्य लिया था।
सवाल :- आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं ?
उत्तर :- हर कामयाब छात्र की तरह मेरा भी सपना है। मैं आईआईटी पास कर एक इंजीनियर बनकर देश सेवा करना चाहता हूं।
सवाल :- आईआईटी ही क्यों ?
उत्तर :- देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आईआईटी को सबसे बड़ा मुकाम हासिल है। वैसे भी मैं एक जिज्ञासू प्रवृति का छात्र हूं। गणित और सांइस मेरे पसंदीदा विषय हैं। ऐसे में इंजीनियरिंग ही मेरा लक्ष्य है।
सवाल :- छात्रों के लिए कोई संदेश ?
उत्तर :- जो छात्र असफल हुए हैं, उनके लिए मैं कहना चाहूंगा कि वह निराश न हो। मेहनत करें वह बहुत बेहतर कर सकते हैं। बस उन्हें अपने अंदर की ऊर्जा का सदुपयोग करना है। जो छात्र इस लिए निराश हैं कि उनके कम अंक आए हैं, तो उनके लिए मैं यही कहूंगा कि मेहनत कर जीवन में आने वाली अन्य परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करें। अन्त में, जो छात्र अच्छे अंकों से पास हुए हैं, मैं उनसे कहना चाहूंगा कि कामयाबी के नसे में भटकना नहीं है। मैं खुद पर भी इस बात को पूरी तरह लागू करने का प्रयास करूंगा।
सवाल :- अन्त में, एक सवाल और है। आप अपनी इस कामयाबी का श्रेय किसे देना चाहते हैं ?
उत्तर :- मेरी इस कामयाबी के पीछे किसी एक का नहीं, बल्कि मेरे माता पिता, मेरे परिवार के सदस्य, दादी, ताऊजी, चाचा, भाई और बहनों को इसका श्रेय जाता है। अन्त में मेरे गुरूजनों की मेहनत ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है।