उपलब्धि : दादरी के लाल ने किया कमाल, लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया अपना नाम
Achievement: Dadri's son did wonders, got his name registered in London Book of World Records

Panchayat 24 : दादरी के होनहार युवक करन शर्मा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। करन शर्मा ने लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया गया है। यह उपलब्धि उन्हें पुस्तक लेखन के क्षेत्र में दर्ज की है। करन की यह उपलब्धि क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी। लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाण पत्र उन्हें ईमेल के माध्यम से दिया गया है। इस उपलब्धि के लिए संस्था द्वारा उन्हें एक सर्टिफिकेट, एक ट्रॉफी और एक मेडल पोस्ट के माध्यम से भेज दिया गया है।
कौन है करन शर्मा ?
दरअसल करन शर्मा दादरी में परिवार सहित रहते हैं। तीन साल पूर्व उन्होंने बारहवीं की पढ़ाई पूरी की थी। तभी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पिता कृष्ण कुमार शर्मा का देहांत हो गया। मां, भाई और बहन के साथ मिलकर परिवार ने हालातों का सामना किया। करन ने कठिन परिस्थितियों में अपना संघर्ष जारी रखा। लॉ की पढ़ाई के साथ उन्होंने आईटी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। इस बीच उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। करन ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विभिन्न प्रकार की हासिल करना काफी खर्चीला और कठिन काम होता है। इससे उन्हें महसूस हुआ कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए ऐसी पुस्तक तैयार की जाए। करन ने बताया कि उन्हें इसकी जानकाीर ई-मेल के माध्यम से मिली।
प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन में मदद करेगी ‘देश को पहचानो’ पुस्तक
पढ़ाई और नौकरी के बीच समय निकालकर उन्होंने पांच महीनों में इस पुस्तक को लिखा है। उनकी पुस्तक का नाम ‘देश को पहचानों’ है। करन ने बताया कि उनकी पुस्तक में इतिहास से लेकर वर्तमान तक की सभी बारीक जानकारियों हैं। यह पुस्तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इससे ज्ञान एवं कौशल के साथ सामान्य अध्ययन के विकास में काफी मदद मिलेगी।
समाज के सफल लोगों के जीवन से मिली पुस्तक लेखन की प्रेरणा
करन शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई दादरी में ही रहकर डिसेंट पब्लिक स्कूल से पूरी की है। व्यस्तता के कारण देर रात को उन्होंने पुस्तक लेखन के क्षेत्र में काम किया है। करन शर्मा के अनुसार उनके परिवार की पृष्ठभूमि शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी रही है। ऐसे में उन्हें पुस्तक लेखन में काफी सहायता मिली। वहीं, पुस्तक लेखन की प्रेरणा समाज में सफलता अर्जित करने वाले लोगों के जीवन से मिली है।