नोएडा प्राधिकरण

न्‍यू नोएडा पर आ गया बड़ा अपड़ेट, कई मायनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा से अलग दिखेगा नया शहर, पूरी खबर पढ़े

Big update has come on New Noida, the new city will look different from Noida and Greater Noida in many ways, read full news

Panchayat 24 : दिल्‍ली एनसीआर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण द्वारा बसाए गए शहरों के बाद उत्‍तर प्रदेश सरकार न्‍यू नोएडा के नाम से एक नया शहर बसाए जाने की तैयारी कर रही है। यह शहर कई मायानों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे आधुनिक शहरों से अलग दिखेगा। इस शहर में वह सभी खुबियां होंगी जो इसको देश और दुनिया के अत्‍याधुनिक शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगा। इस शहर का इस प्रकार नियोजन किया जाएगा कि यहां रिहायसी, औद्योगिक और संस्‍थागत सहित कई प्रकार की गतिविधियों के लिए पर्यावरण का पूरा ध्‍यान रखाा जाएगा। यहां हर सेक्‍टर के बीच जंगलनुमा क्षेत्र के लिए जमीन आरक्षित की जाएगी। इस क्षेत्र को एक मिनी जंगल के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे नए शहर को हरा भरा रखने में सहायता मिलेगी। यह क्षेत्र पार्क और खेल के मैदानों से अलग पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होगा।

प्राधिकरण अपनाएगा भारतीय मानक ब्‍यूरों की ओर से तैयार किए गए बिल्डिंग बायलॉज

बता दें कि ग्रेटर नोएडा के दादरी एवं बुलन्‍दशहर की सिकन्‍द्रबाद तहसील के गांवों की जमीन पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बसाए जाने वाले इस नए शहर में पर्यावरण एवं हरियाली का विशेष ध्‍यान रखा जाएगा। इसके लिए भारतीय मानक ब्‍यूरों द्वारा तैयार किए गए बिल्डिंग बायलॉज को अपनाया जाएगा। बायलॉज में हरियाली के लिए किए गए प्रावधानों को कड़ाई से लागू कराया जाएगा।

नोएडा शहर की बसावट में हुई चूक को नहीं दोहराना चाहता प्राधिकरण

दरअसल, नोएडा प्राधिकरण द्वारा नोएडा शहर को बसाया गया था। तेजी से हुए विकास में नोएडा में पर्यावरण और हरियाली काफी हद तक प्रभावित हुई है। यहां तेजी से कंक्रीट का जंगल बस गया है। हालात यह है कि यहां पर सुधार की बहुत अधिक गुंजाइश भी नहीं बची है। यहां तक की यमुना और हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र में भी तेजी से अतिक्रमण हुआ है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण नोएडा शहर में हुई चूकों से सबक सीखकर नए नोएडा में इन गलतियों को दोहराना नहीं चाहता है।

लैंडयूज के आधार पर बसाए जाएंगे सेक्‍टर, लैंड यूज बदलने पर छोड़नी होगी 30 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्‍ट

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो नए नोएडा की बसावट पूरी तरह पर लैंड यूज के आधार पर की जाएगी। लैंड यूज के आधार पर आवासीय, औद्योगिक और संस्‍थागत सेकटरों की व्‍यवस्‍था की जाएगी। यदि किसी परिस्थिति में लैंड यूज में बदलाव करना भी पड़ा तो वहां पर 30 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्‍ट के लिए जमीन छोड़नी होगी। अर्थात यदि किसी औद्योगिक सेक्‍टर के बाद आवासीय सेटर है तो दोनों सेक्‍टरों के बीच 30 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्‍ट बनाई जाएगी।

फुट ओवर ब्रिज एवं स्‍काईवॉक के लिए भी मानक तय 

भारतीय मानक ब्‍यूरों ने नए बिल्डिंग बायलॉज में नए नोएडा शहर के भविष्‍य की संभावनाओं को देखते हुए फुट ओवर ब्रिज और स्‍काईवॉक के लिए भी मानक तय किए गए हैं। इसके लिए मुख्‍य शर्त यह है कि फुट ओवर ब्रिज के दोनों ओर लोगों के उतरने और आने जाने के लिए 1.80 मीटर चौड़ा फुटपाथ होना अनिवार्य है। इसकी ऊंचाई कम से कम 5.50 मीटर होनी जरूरी है।

नए नोएडा में होर्डिंग लगाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

नए नोएडा में लागू होने वाले नए बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार भारतीय मानक ब्‍यूरों ने बसाए जाने वाले नए नोएडा में होर्डिंग एवं बैनर लगाने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया है। दरअसल, मनमाने तरीके से हर स्‍थान पर लगने वाले होर्डिंग एवं बैनर शहर की सुन्‍दरता पर गृहण लगाते हैं। इस समस्‍या से पार पाने के लिए भारतीय मानक ब्‍याूरों ने हाऊसिंग ग्रुप की किसी भी इमारत पर कोई होर्डिंग एवं साइनेज नहीं लगाया जाएगा। सार्वजनिक स्‍थान  एवं बाजारों पर भी यह नियम लागू होगा। इसके अतिरित जहां पर भी होर्डिंग लगाए जाएंगे, उसके लिए प्राधिकरण को स्‍ट्रक्‍चरल ऑडिट का प्रमाण पत्र प्राप्‍त करना होगा। यह नियम वर्तमान शहर पर भी प्रभावी होगा।

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