सोनिया गांधी का राज्यसभा जाना चुनाव हारने का भय या रणनीति का हिस्सा ? कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़ेगा असर
Is Sonia Gandhi's visit to Rajya Sabha a fear of losing the elections or a part of the strategy? Will affect the morale of workers

Panchayat 24 : आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर में तैयारियां जोरो से चल रही है। केन्द्र की सत्ता को पाने के लिए गठंबंधनों को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर समाजवादी पार्टी सवार है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच कई बार इंडिया गठबंधन को कमजोर दौर से गुजरना पड़ा है। लेकिन अंतत: दोनों दलों के बीच गठबंधन हो गया है। इस सबके बीच कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सोनिया गांधी को लेकर ऐसा निर्णय लिया जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। पार्टी के इस निर्णय ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अप्रत्यक्ष रूप से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की कमजोर हालत को स्वीकार कर लिया है। उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं के मन में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव मैदान में चुनाव से पूर्व ही हार मान ली है ? हालांकि कुछ लोग सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजे जाने को कांग्रेस पार्टी की रणनीति का हिस्सा भी मान रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ती थी। यह सीट गांधी परिवार की परिवारिक सीट रही हे। सोनिया गांधी यहां से कई बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाने के बजाय राज्यसभा भेजने का फैसला किया। परिणामस्वरूप हाल ही में राजस्थान में हुए राज्यसभा चुनाव में सोनिया गांधी कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के लिए निवर्रिोध चुनी गई है। यह पहला मौका है जब सोनिया गांधी राज्यसभा पहुंची हैं। सोनिया गांधी द्वारा लोकसभा चुनाव से पीछे हटने पर जहां राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी नकारात्मक संदेश गया है।
राम लहर में सोनिया गांधी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल था ?
जानकारों की माने तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भाजपा के ग्राफ में तेजी से इजाफा हुआ है। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में भाजपा बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। हालांकि विपक्षी दल इंडिया गठबंधन बनाकर भाजपा का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन में पड़ी दरारें चुनावी मैदान में उसकी मजबूती पर सवाल खड़े कर रही हैं। इतना ही नहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का लाभ दक्षिण के राज्यों में भी भाजपा को होता हुआ दिख रहा है। चुनाव पूर्व हुए कुछ सर्वे इस बात की ओर इशारा करते हैं। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को मिले इंटरनल इनपुट में भी यह बात सामने आई है कि कांग्रेस की परंपरागत सीटों अर्थात अमेठी, रायबरेली और सुलतानपुर पर भी भाजपा का पलड़ा भारी है। ऐसे में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय राज्यसभा जाना चाहएि।