दादरी विधानसभा

हरियाणा के नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ ने दादरी के विधायक महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्‍याकांड़ की यादें कर दी ताजा, जानिए दोनों घटनाओं में समरूपता ?

Haryana's Nafe Singh Rathi murder case refreshed the memories of Dadri MLA Mahendra Singh Bhati murder case, know the similarity between the two incidents?

Panchayat 24 : हरियाणा के बहादुरगढ़ में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्‍यक्ष नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ ने हरियाणा की राजनीति में उबाल ला दिया है। हरियाणा में सत्‍तधारी भारतीय जनता पार्टी विरोधी दल लगातार हरियाणा में कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ ने लगभग 31 साल पूर्व हुई दादरी विधायक महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्‍याकांड़ से जुड़े बातें एक बार फिर क्षेत्र की जनता की आंखों  के सामने उभर आई हैं । दोनों घटनाओं में कई समानताएं हैं।

क्‍या है नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ ?

दरअसल, इंडियान नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्‍यक्ष नफे सिंह राठी रविवार शाम बहादुरगढ़ के बराही गांव में आयोजित एक सामाजिक समारोह में हिस्‍सा लेने गए थे। कार में उनके साथ उनके समर्थक जयसिंह दलाल, चालक और उनका गनर भी सवार था। वहां से नफे सिंह राठी लगभग 4 बजे वापस लौट रहे थे। लगभग 5 बजे बहादुरगढ़ से रोहतक की ओर एक पैसेंजर गाड़ी निकली जिसके कारण बाराही रोड पर सांखोल के निकट स्थित रेलवे फाटक बंद था। नफे सिंह राठी की कार आकर फाटक पर रूकी। तभी पीछे से आई एक आई-20 कार भी वहां पहुंंची। रिपोर्ट के अनुसार आई-20 कार से लगभग चार से पांच हमलावर उतरे और नफे सिंह राठी की कार पर अंधाधुंध फायिरंग शुरू कर दी। हमलावरों ने लगभग 50 राउंड फायरिंग की। वारदात को अंजाम देकर हमलावर मौके से फरार हो गए। कार में चालक की बगल में बैठे नफे सिंह राठी और मांडोठी गांव निवासी उनके सहयोगी जयसिंह दलाल की भी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, चालक संजय और संजीत निवासी कबलाना को भी गोलियां लगी। उन्‍हें गंभीर हालत में उपचार के लिए करीब के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार चल रहा है।

महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्‍याकांड़ को भी रेलवे फाटक के पास ही अंजाम दिया गया था

नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ की तरह दादरी में 13 सितंबर 1992 को हुए दादरी के विधायक महेन्‍द्र सिंह भाटी की हत्‍या कर दी गई थी। दोनों हत्‍याओं में सबसे बड़ी समानता रेलवे फाटक पर हत्‍याकांड को अंजाम दिया जाना है दरअसल, महेन्‍द्र सिंह भाटी अपनी कार में सवार होकर शाम के समय दादरी ने सूरजपुर की ओर जा रहे थे। रास्‍ते में दिल्‍ली-हावड़ा रेवले मार्ग पर पर रेलगाडि़यों के गुजरने का समय हो रहा था। रेलवे फाटक बंद था। महेन्‍द्र सिंह भाटी की कार रेलवे फाटक पर आकर रूकी। तभी पीछे से आए हमलावरों ने उनकी कार पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमले में महेन्‍द्र सिंह भाटी और उनके एक अन्‍य साथी उदय प्रकाश आर्य की मौत हो गई। नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ को जिस तरह से अंजाम दिया गया है उससे प्रतीत होता है कि हमलावर लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। हमलावरों ने योजना बनाकर रेलवे फाटक पर वारदात को योजना के तह अंजाम दिया जिससे नफे सिंह की गाड़ी के चालक के पास भागने का कोई विकल्‍प न रहे। दोनों हत्‍याकाड़ को जिस निर्ममता से अंजाम दिया गया था उसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कई गोलियां कार के आर पार हो गई थी।  हमलावरों ने कुछ ऐसी ही रणनीति महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्‍याकांड़ को अंजाम देने के लिए अपनाई थी। दोनों हत्‍याकांड़ों की मॉडस ओरेंडी एक समान है।

राजनीति से जुड़े हत्‍याकांड़ के तार

नफे सिंह हत्‍याकांड़ के मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हिन्‍दुस्‍तान समाचार पत्र के अनुसार इस हत्‍याकांड़ में बहादुरगढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक नरेश कौशिक सहित 12 लोगों के नाम शामिल हैं। हिन्‍दुस्‍तान समाचार पत्र के अनुसार नरेश कोशिक के अतिरिक्‍त बहादुरगढ़ नगरपालिका परिषद की चैयरमेन के पति रमेश राठी, उनके करीबी कर्मबीर राठी, कमल राठी, सतीश नंबरदार और राहुल के नाम सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश आरोपी राजनीतिक पृष्‍ठभूमि से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इनमें राज्‍य की सत्‍ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़े लोग भी शामिल हैं। वहीं, दादरी में हुए महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्‍याकांड़ में भी राजनीति से जुड़े लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एनबीटी समाचार पत्र के अनुसार महेंद्र सिंह भाटी की हत्या का आरोप डीपी यादव, लक्कड़पाल, तेजपाल भाटी, प्रणीत भाटी और करण यादव पर लगा। इनमें अधिकांश नाम राजनीतिक पृष्‍ठभूमि से जुड़े हुए थे।

हत्‍याकांड़ों की सीबीआई जांच

नफे सिंह राठी हत्‍याकांड़ में हरियाणा राज्‍य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। राज्य विधानसभा में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, ”हरियाणा आईएनएलडी प्रमुख नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। इस हत्याकांड के आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।” वहीं, दादरी के महेन्‍द्र सिंह हत्‍याकांड़ में भी सीबीआई ने मामले की जांच की थी। महेन्‍द्र सिंह भाटी हत्याकांड की जांच पहले स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही थी लेकिन राज्‍य सरकार ने  1993 में मामले की जांच की सिफारिस सीबीआई कराने की सिफािरिस की। हालांकि बाद में सीबीआई कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

दोनों मामलों में मृतकों ने जताई थी हत्‍या की आशंका

नफे सिंह हत्‍याकांड़ में पीड़ित परिवार ने इस घटना के लिए पुलिस, प्रशासन व सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पीडित परिजनों के अनुसार नफे सिंह राठी ने कई महीने पहले अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की गई थी। लेकिन सरकार ने उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई। वहीं, जानकारों की माने तो महेन्‍द्र सिंह भाटी को भी इस बात का अंदेशा हो चुका था कि उनके ऊपर जानलेवा हमला किया जा सकता है। उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश विधानसभा में अपनी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई थी। तत्‍कालीन सरकार ने विषय को गंभीरता से नहीं लिया।

Related Articles

Back to top button