ग्रेटर नोएडा जोन

प्रतिबंधित मेड इन चाइना ई सिगरेट की तस्‍करी करने वाले दो तस्‍कर गिरफ्तार, 50 लाख का मादक पदार्थ भी बरामद

Two smugglers smuggling banned Made in China e-cigarettes arrested, drugs worth Rs 50 lakh also recovered

Panchayat 24 : नोएडा पुलिस ने शहर में यूएसए- मेड इन चाइना ई सिगरेट की तस्‍करी करने वाले गिरोह के दो तस्‍करों को रिगफ्तार किया है। इनके कब्‍जे से पुलिस ने 3 किलो एक सौ ग्राम अवैध गांजा, 60 आईजीईटी स्टार डिस्पोजेबल पॉड डिवाईस डीजाइन्ड इन यूएसए-मेड इन चाईना (ई-सिगरेट) बरामद की है। इनकी अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाजारमें कीमत लगभग 50 लाख रूपया है। इनके कब्‍जे से पुलिस ने एक स्विफ्ट डिजायार कार भी बरामद की है। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेज दिया है। मामला सेक्‍टर-39 कोतवाली क्षेत्र का है।

क्‍या है पूरा मामला ?

सेक्‍टर-39 कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दो लोगों को सेक्‍टर-42-41 कट के पास से वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से प्रतिबंधित ई सिगरेट और गांजा बरामद किया गया है। आरोपियों की पहचान तसलीम और अहम के रूप में हुई है। दोनों आरोपी उत्‍तराखंड के रहने वाले हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि इस सामान की खेप दिल्‍ली के रोहिणी में सप्‍लाई करनी थी। एक खेप आरोपी पूर्व में दिल्‍ली के रोहिणी पहुंचा चके हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी नेपाल बॉर्डर से चीन में निर्मित ई-सिगरेट को अन्तर्राष्ट्रीय सप्लायर के माध्यम से खरीदते है। वहीं, गांजा को उत्तराखण्ड से खरीद कर लाते है। रोहिणी में इसकी सप्‍लाई बार रेस्‍टोरेंट और युवाओं के बीच करते थे।

क्या है ई-सिगरेटः

ई-सिगरेट एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस ह।, इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस बैटरी से ऑपरेट होने वाले डिवाइस होते हैं। यह शरीर में निकोटिन पहुंचाने का काम करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस में सबसे ज्यादा डिमांड ई-सिगरेट की रहती है। नॉर्मल सिगरेट की तरह ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं भरा होता है और न ही इसे पीने के लिए कहीं से जलाने की जरूरत होती है। बहुत सी ई-सिगरेट्स में से तो पीने पर धुआं भी नहीं निकलता है। इसमें तंबाकू की जगह एक कार्टेज में लिक्विड निकोटिन भरा रहता है। खत्म होने पर कार्टेज को दोबारा से भरा जा सकता है। सिगरेट के दूसरे छोर पर एलईडी बल्ब लगा होता है जो कश लगाने पर जलता है। यह लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है। इस तरह ई-सिगरेट पीने वाले लोग धुंए की बजाय भाप खींचते हैं। इसमें मुख्य रूप से एक रिचार्जेबल लिथियम बैटरी होती है। इसके अतिरिक्‍त एक निकोटिन कार्टेज और इसके बाद होता है एवोपोरेट चैंबर, जिसमें छोटा हीटर लगा होता है। यह हीटर बैटरी से गर्म होकर निकोटिन को भाप में बदलता है। निकोटिन का सेवन हार्ट, किडनी और लीवर जल्‍दी खराब हो जाते हैं। इसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्‍व होते है।

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