उत्तर प्रदेश में एक और शहर का नाम बदलने जा रहा है, नगर निगम ने नाम परिवर्तन को दिखाई हरी झण्डी
The name of another city in Uttar Pradesh is going to be changed, the Municipal Corporation gave the green signal to the name change.

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद एक के बाद एक कई शहरों के नाम बदले गए हैं। शहरों का नाम बदलने जाने का यह सिलसिला अभी रूका नहीं है। उत्तर प्रदेश में कई शहरों के नाम बदलने की चर्चा अभी भी चल रही है। इस दिशा में एक और बड़े शहर का नाम बदलने जा रहा है। शहर के नगर निगम ने भी नाम बदले जाने के प्रस्ताव को हरी झण्डी दिखा दी है। दो साल पूर्व जिला पंचात में भी इस शहर के नाम को बदले जाने के प्रस्ताव को पास कर दिया था। रिपोर्ट की माने तो योगी सरकार भी इस शहर का नाम बदलने जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की खबर है।
क्या है पूरा मामला ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद शहर का नाम बदलकर चंद्र नगर होने की खबर है। गुरूवार को फिरोजाबाद नगर निगम की कार्य समिति में नाम बदने के प्रस्ताव को रखा गया। कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पर हुई बहस में 12 में से 11 सदस्यों ने शहर का नाम बदलने जाने पर अपना समर्थन जताया। केवल एक सदस्य ने इसका विरोध किया। पूर्व में सरकार गोरखपुर के मुंडेरा बाजार का नाम बदलकर चौरी चोरा और देवरिया के तेलिया अफगान का नाम बदलकर तेलिया शुक्ल कर चुकी है। इसके अतिरिक्त कई उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों के नाम बदले जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बदले गए प्रमुख शहरों एवं स्थानों के नाम
उत्तर प्रदेश सरकार जिन शहरों के नाम बदल चुकी है। जिन शहरों के नाम बदले गए हैं उनमें मुख्य रूप से इलाहबाद के स्थान पर प्रयागराज और फैजाबाद के स्थान पर अयोध्या शामिल है। उत्तर प्रदेश में रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदले गए हैं। मुगलसराय के स्थान पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया है। वहीं झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन किया गया है। सरकार ने लखनऊ के दो प्रमुख स्थानों के भी नाम बदले हैं। इनमें बर्लिंटन चौराहे का नाम बदलकर अशोक सिंघल और सर्वोदयनगर में द्वार का नाम विनायक दामोदर सावरकर द्वार के रूप में किया गया है।
इन शहरों का नाम बदलने की होती है चर्चा
उत्तर प्रदेश में भविष्य में जिस जिले का नाम बदले जाने की सबसे अधिक चर्चा होती है उसमें अलीगढ़ सबसे अधिक चर्चा में बना रहता है। कई बार ऐसे संकेत भी मिले हैं कि सरकार अलीगढ़ का नाम बदल सकती है। चर्चा है कि अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ हो सकता है। अलीगढ़ का नाम बदलने के प्रयास कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल से हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त लखनऊ को लक्ष्मणपुर, आगरा को अग्रवन, आजमगढ़ को आर्यमगढ़, सुल्तानपुर को कुशभवनपुर, फर्रुखाबाद को पांचाल नगर और बदायूं होगा वेद मऊ, शाहजहांपुर का शाजीपुर, आजमगढ़ को आर्यमगढ़, मैनपुरी को मयानपुरी , संभल को कल्किनगर या पृथ्वीराज नगरऔर देवबंद को देववृंदपुर करने की मांग राजनीतिक लोगों और सामाजिक संगठनों द्वारा उठाई जाती रही हैं।
कैसे शुरू हुई उत्तर प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की परंपरा
उत्तर प्रदेश में शहरों का नाम बदले जाने की राजनीतिक परंपरा बहुजन समाज पार्टीकी मुखिया मायावती ने शुरू की थी। मायावती ने उत्तर प्रदेश एक साथ आठ शहरों का नाम बदला था। उन्होने अमेठी को छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, हाथरस को महामायानगर, कानपुर देहात को रामबाई नगर, कासगंज को काशीराम नगर का नाम दिया था। हालांकि सपा के शासन में अखिलेश यादव ने मायावती द्वारा बदले गए शहरों के नामों को पलटते हुए पुराने नाम से से पहचाने जाने की घोषणा की थी। इसके बाद राज्य में शहरों के नाम बदले जाने पर रोक लग गई थी। साल 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद शहरों के नाम बदले जाने की यह परंपरा एक बार फिर शुरू हो गई है।