दनकौर

जिले में फिर शुरू हो रहा है अपराध का काला अध्‍याय ‘रंगदारी’ ?

The black chapter of crime 'extortion' is starting again in the district?

Panchayat 24: दनकौर कोतवाली क्षेत्र में घटी एक घटना ने जिले में अपराध के उस काले अध्‍याय की यादें ताजा कर दी है जो 2017 से पूर्व अक्‍सर जिले में सुनने में आता था। अपराध का यह काला अध्‍याय ‘ रंगदारी ‘ के नाम से जाना गया। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्‍यक्ति दूसरे व्‍यक्ति से प्‍लॉट पर निर्माण कार्य करने की एवज में 20 हजार रूपये की रंगदारी मांग रहा है। रंगदारी की रकम नहीं दिए जाने पर आरोपी पीडित को डंडों से पीट रहा है। पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। पीडित ने पुलिस को मामले की लिखित तहरीर दी है। पुलिस ने पीडित की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दनकौर कोतवाली प्रभारी राधा रमण सिंह के अनुसार दनकौर क्षेत्र के जेपी स्‍पोर्ट सिटी के पास यमुना प्राधिकरण द्वारा दिल्‍ली निवासी संजीव कुमार को एक प्‍लॉट आवंटित किया गया है। संजीव कुमार ने प्‍लॉट की चारदीवारी कराने के लिए दनकौर क्षेत्र के ही डेरीन खूबन गांव निवासी ठेकेदार जावेद को निर्माण कार्य का ठेका दे दिया। जावेद ने प्‍लॉट पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस बीच क्षेत्र के ही कुछ लोगों ने जावेद से निर्माण कार्य करने की एवज में 20 हजार रूपये की रंगदारी मांगी। रंगदारी नहीं दिए जाने पर आरोपी ने ठेकेदार को धमकाया। पीडित ने आरोपी युवक की धमकी को अनदेखा कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया।

जब आरोपी को ठेकेदार द्वारा प्‍लॉट पर निर्माण कार्य जारी रखने का पता चला तो आरोपी युवक अपने कुछ साथियों को साथ लेकर बीती 31 जुलाई को निर्माणाधीन साइट पर पहुंचा और पीडित ठेकेदार की लाठी डंडों से पिटाई शुरू कर दी। आरोपियों ने पीडित ठेकेदार सहित साइट पर काम कर रहे मजदूर राशिद और रंजीत से भी मारपीट की। आरोपी पीडित को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। पीडित ने औरंगपुर निवासी कुलदीप, साहिल और बिट्टू के खिलाफ लिखित शिकायत दी है।

रंगदारी मांगने का ऑडियो और मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

पी‍डित पक्ष से की गई मारपीट के पूरे घटनाक्रम का किसी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सोशल मीडिया पर आरोपी द्वारा रंगदारी मांगने का ऑडियो भी वायरल हो रहा है। 6 मिनट 51 सेकेण्‍ड के ऑडियो में स्‍पष्‍ट पता चल रहा है कि आरोपी पीडित से निमर्ण कार्य शुरू करने की एवज में 20 हजार रूपये मांग रहा है। पीडित द्वारा असमर्थतता जाहिर करने पर आरोपी 15 हजार में बात निपटाने की बात कहता है।

काफी समय से वसूली जा रही है रंगदारी ?

वायरल ऑडियो से पता चलता है कि क्षेत्र में निर्माण कार्य की एवज में पूर्व में भी रंगदारी वसूलने का धंधा चल रहा है। ऑडियो में आरोपी पीडित को धमकाते हुए कहता सुना जा सकता है कि 5 हजार रूपये में मामला पहले निपट जाता था। अब 20 हजार रूपये का रेट चल रहा है।

रंगदारी वसूलने वाले एक से अधिक गिरोह सक्रिय ?

सोशल मीडिया पर पूरे घटनाक्रम को बया करने वाले ऑडियो से स्‍पष्‍ट हो जाता है कि क्षेत्र में रंगदारी वसूलने वाले एक से अधिक गिरोह सक्रिय है। जब आरोपी पीडित से निर्माण कार्य शुरू करने की एवज में रूपयों की मांग करता है तो पीडित को ऑडियो में कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे डर है कि आज तुम्‍हें रंगदारी दे दी तो कल कोई और आकर काम रूकवा देगा। परसो तीसरा आकर रूकवा देगा। इसके जवाब में आरोपी युवक कहता है यदि एक बार उसे रूपये दे दिए तो सारी सिरदर्दी उसकी हो जाएगी। फिर उन्‍हें कोई भी परेशान नहीं करेगा।

लम्‍बे समय तक रंगदारी की आग में जला है जिला गौतम बुद्ध नगर

बता दें कि साल 2017 से पूर्व रंगदारी का धंधा गौतम बुद्ध नगर में बाकयायदा एक संगठित उद्योग की तरह जड़े जमा चुका था। जिले के दादरी और दनकौर इससे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल थे। कम्‍पनियों में होने वाला निर्माण कार्य हो या फिर स्‍क्रैप का धंधा हो, जिले के बड़े बड़े अपराधियों की निगाहें इस पर टिकी रहती थी। इसके अतिरिक्‍त विवादित प्रॉपर्टी पर कब्‍जा करने का मामला हो या फिर नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में निर्माण साइट पर आने वाले सरिया को लेकर शुरू हुआ गोरखधंधा हो, यह सारा कारोबार रंगदारी के साए में ही चलता था। रंगदारी की रकम नहीं देने पर कई लोगों की हत्‍या तक हो चुकी है।

कारोबारियों को जिले से करना पड़ा था पलायान

जिस समय जिले में रंगदारी का धंधा अपने चरम पर था, जिले से बड़ी संख्‍या में व्‍यापारियों और कारोबारियों को पलायन करना पड़ा। इस दौर में छोटे छोटे अपराधियों ने भी कारोबारियों से रंगदारी मांगनी शुरू कर दी थी। यहां तक की कारोबारियों के घर पर, दुकानों पर अथवा प्रतिष्‍ठानों पर चिट्टी भेजकर रंगदारी की रकम वसूली जाती थी। इस दौर में अपराधियों का भय इस तरह से कायम था कि पीडित पुलिस को अपनी व्‍यथा बताते में डरता था। बिना पुलिस को बताए चुपचाप रंगदारी की रकम अपराधियों तक पहुंचाने में ही भलाई समझता था।

मामला ग्रामीणों के 64 प्रतिशत मुआवजे का है : एडीशनल डीसीपी विशाल पांडे 

पूरे घटनाक्रम पर एडीशनल डीसीपी विशाल पांडे का कहना है कि दनकौर क्षेत्र में घटी यह घटना ग्रामीणों  के 64 प्रतिशत मुआवजे की मांग से जुड़ी है। प्राधिकरण द्वारा ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण के बाद जमीन को आवंटियों को अलॉट कर दिया है, लेकिन कई ग्रामीणों का अभी बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजे की मांग किसान कर रहे हैं। इसके कारण वह जमीन पर किसी को भी निर्माण कार्य नहीं करने दे रहे हैं।

 

Related Articles

Back to top button