स्पेशल स्टोरी

गौतम बुद्ध नगर भाजपा में नहीं पिंघल रही संबंधों पर जमी बर्फ, आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में गुटबाजी खिलाएगी गुल ?

The ice on relations is not melting in Gautam Buddh Nagar BJP, will factionalism flourish in the upcoming 2027 assembly elections?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 : दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर के पैतृक गांव में उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम कई रूप से चर्चा का केन्‍द्र बना हुआ है। कार्यक्रम के दौरान तेजपाल सिंह नागर ने स्‍पष्‍ट कहा कि पूर्व में दो बार केशव प्रसाद मौर्य के आगमन का कार्यक्रम ऐन वक्‍त पर स्‍थगित हुआ था। इस बार उन्‍होंने स्‍वयं आकिलपुर गांव में आने की इच्‍छा जाहिर की थी। अपने भाषण के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने स्‍वयं इसकी पुष्टि की थी।

फिर भी गौतम बुद्ध नगर भाजपा की गुटबाजी को लेकर भी कार्यक्रम की चर्चा हो रही है। इसके पीछे का मुख्‍य कारण मंच पर उपस्थित भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों में गौतम बुद्ध नगर भाजपा के एक वर्ग का अनुपस्थित होना है। विशेष तौर पर लगभग दो महीने पूर्व आकिलपुर जागीर गांव के पड़ोस के ही गांव बंबावड़ में आयोजित केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में उपस्थित लोग यहां मंच से नदारद थे। इनमें राजसभा सांसद सुरेन्‍द्र नागर, जेवर विधायक धीरेन्‍द्र सिंह, नवाब सिंह नागर, दादरी ब्‍लॉक प्रमुख बिजेन्‍द्र भाटी, पूर्व भाजपा जिलाध्‍यक्ष गजेन्‍द्र मावी और बिसरख ब्‍लाॅक प्रमुख के पुत्र अजमेन्‍द्र नागर आदि का नाम प्रमुख है।

वहीं, आकिलपुर में आयोजित केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में मंच पर स्‍थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा, भाजपा जिलाध्‍यक्ष अभिषेक शर्मा, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, एमएलसी नरेन्‍द्र भाटी, दादरी नगरपालिका चैयरमेन गीता पंडित, जिला पंचायत सदस्‍य देवा भाटी और मनोज सिसौदिया आदि लोग उपस्थित थे। बम्‍बावड़ गांव में आयोजित कार्यक्रम में आकिलपुर जागीर में मंच पर उपस्थित पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। तेजपाल सिंह नागर को भी यहां आमंत्रित नहीं किया गया था। फिर भी वह उपमुख्‍यमंत्री के कार्यक्रम के मंच पर प्रोटोकॉल के कारण उपस्थित थे। वहीं, सतेन्‍द्र सिसौदिया पार्टी संगठन में अहम जिम्‍मेवारी के कारण उपमुख्‍यमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित थे। जहां बंबावड़ गांव में आयोजित कार्यक्रम के केन्‍द्र में सुरेन्‍द्र सिंह नागर थे। वहीं, आकिलपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम के केन्‍द्र मे तेजपाल सिंह नागर रहे।

दोनों कार्यक्रमों से जिला भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी खुलकर उजागर हो गई है। पार्टी के दोनों गुटों के राजनीतिक संबंधों पर जमी बर्फ अभी पिंघली नहीं सकी है। इस गुटाबाजी को 2027 में उत्‍तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रह है। दरअसल, गौतम बुद्ध नगर भाजपा में यह गुटबाजी लगभग डेढ दशक पुरानी है। समय के साथ गुटबाजी के किरदार जरूर बदले हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पूर्व यह गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच जाती है। इस दौरान दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ पार्टी संगठन के समक्ष जमकर शक्ति प्रदर्शन करते हैं। चुनाव के दौरान दोनों संगठन एक दूसरे को सहयोग करते होंगे, यह कहना भी बहुत हद तक उचित नहीं है। पार्टी गुटबाजी में कौनसा गुट कितना सही है ? कितना गलत है ? यह एक अलग विषय है।

बम्‍बावड़ और आकिलपुर जागीर गांव में हुए कार्यक्रमों को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। यदि निकट भविष्‍य में गौतम बुद्ध नगर भाजपा की गुटाबाजी को पार्टी एवं संगठन के शीर्ष नेतृत्‍व द्वारा शांत नहीं किया गया तो इसकी बिसात पर दादरी और जेवर विधानसभाएं ही होंगी। ऐसे में यह तेजपाल सिंह नागर और धीरेन्‍द्र सिंह के सामने चुनौती पेश करेगी। हालांकि क्षेत्र के विकास के मामले में दोनों ही विधायकों का प्रदर्शन सं‍तुष्टि भरा दिखाई देता है। बीते 2022 के विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से तेजपाल सिंह नागर धीरेन्‍द्र सिंह से कहीं आगे हैं।

जेवर विधायक धीरेन्‍द्र सिंह ने जहां बीते चुनाव में लगभग 56 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। वहीं, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने लगभग 1 लाख 38 हजार वोटों से विरोधी उम्‍मीदवार पर प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। भाजपा में गुटबाजी की तपिस दोनों ही विधानसभा सीटों पर महसूस की जा सकती है। कार्यकर्ताओं के पार्टी समर्पण भाव का स्‍थान व्‍यक्ति विशेष के प्रति समर्पण भाव ले रहा है। दोनों ही विधायकों एवं उनके समर्थक गुट के हर कदम को चुनावी तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में यह आने वाला समय ही बताएगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर भाजपा में गुटबाजी का यह ऊंट किस करवट बैठता है ?

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