उत्तर प्रदेश ने हासिल की बड़ी उपलब्धी : दिल्ली और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ ई-व्हीकल में बना नंबर वन
Uttar Pradesh achieved a big feat: Leaving behind Delhi and Maharashtra, UP became number one in e-vehicle

Panchayat 24 : ईवी के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बड़ी उपलब्धी हासिल की है। प्रदेश ने 4.14 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ दिल्ली (1.83 लाख) और महाराष्ट्र (1.79 लाख) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देश में सबसे अधिक ईवी की संख्या दर्ज की है। बता दें कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर वैश्विक चर्चा के बीच इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आज के पर्यावरणीय चुनौतियों का एक आशाजनक समाधान बनकर उभरकर सामने आया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति लेकर आई, जिसका उद्देश्य ईवी को तेजी से अपनाने को बढ़ावा देना, चार्जिंग बुनियादी ढांचे का मजबूत नेटवर्क स्थापित करना और राज्य को ईवी और बैटरी विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने और 10 लाख नौकरियां सृजित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
ई-रिक्शा बिक्री में यूपी की है 85 प्रतिशत हिस्सेदारी
उत्तर प्रदेश की पर्यटन नगरियों, अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज सहित गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर और लखनऊ में ई-रिक्शा (तीन-पहिया वाहन) की व्यापक मांग के चलते ईवी बिक्री में 85 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। जो विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में यात्री और माल ढुलाई के लिए उपयोगी साबित हुए हैं। इसके अलावा भारत सरकार की FAME वन और टू (फास्टर एडॉप्टेशन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) योजनाओं का सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उत्तर प्रदेश ने ई-मोबिलिटी को और बढ़ावा दिया है।
वहीं चार्जिंग जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए योगी सरकार ने इस क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में योगी सरकार ने प्रदेश के 16 नगर निकायों में तीन सौ से अधिक नये चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें सर्वाधिक चार्जिंग स्टेशन अयोध्या में स्थापित होने हैं, जहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर इजाफा देखा जा रहा है।
ईवी को प्रोत्साहन देने के लिए तीन रणनीति पर कार्य कर रही योगी सरकार
देश में वर्तमान में 33 हजार ईवी चार्जर हैं, जिनमें से 35 प्रतिशत फास्ट चार्जर हैं। लेकिन, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिक फास्ट चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और मौजूदा स्टेशनों को बेहतर बनाने पर जोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2030 तक भारत में 102 मिलियन ईवी होंगे। अल्वारेज़ एंड मार्सल के एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर आदर्श अनुपात 6 से 20 ईवी प्रति पब्लिक चार्जर है, जबकि भारत में यह अभी 135 है।
हालांकि भारत में दोपहिया और तिपहिया वाहन, जो ज्यादातर घर पर चार्ज होते हैं, पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों की मांग को कुछ कम करते हैं। फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। सरकार की रणनीति में तीन मुख्य बिंदु हैं। जिनमें, ईवी निर्माण, चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार और लोगों में ईवी के प्रति रुचि बढ़ाना शामिल हैं। आने वाले वक्त में ये कदम उत्तर प्रदेश को ईवी क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।